प्रारंभिक परीक्षा – पॉज़िट्रोनियम मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (CERN) के शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पहली बार पॉज़िट्रोनियम की लेजर कूलिंग का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
मुख्य बिंदु
- एंटीहाइड्रोजन प्रयोग, ग्रेविटी, इंटरफेरोमेट्री, स्पेक्ट्रोस्कोपी (AEGIS) सहयोग वाले 19 यूरोपीय और भारतीय अनुसंधान समूह का प्रतिनिधित्व करने वाले भौतिकविदों ने 22 फ़रवरी,2024 को इस वैज्ञानिक उपलब्धि की घोषणा की।
- AEGIS के सहयोग से भौतिकविदों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पॉज़िट्रोनियम के लेजर कूलिंग का प्रदर्शन करके यह सफलता प्राप्त की है।
- यह प्रयोग जिनेवा में यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (CERN) में किया गया था।
- इसमें शोधकर्ता एक विशेष लेजर प्रणाली का उपयोग करके पॉज़िट्रोनियम परमाणुओं को लगभग 380 केल्विन से 170 केल्विन तक ठंडा करने में सफलता प्राप्त की।
- यह अनुसंधान एंटीमैटर और पदार्थ के बीच तुल्यता सिद्धांत के परीक्षणों में और प्रगति की संभावनाओं को खोलता है
- इस प्रयोग के लिए विशेष रूप से विकसित अलेक्जेंड्राइट लेजर प्रणाली का उपयोग करके अत्यधिक जटिल प्रक्रिया के माध्यम से पॉज़िट्रोनियम परमाणुओं को ठंडा किया गया।
- यह सफलता पॉज़िट्रोनियम परमाणुओं के बोस-आइंस्टीन कंडेनसेट्स जैसी परमाणु प्रणालियों का मार्ग प्रशस्त कर सकती है।
- यह प्रयोग के बड़े लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिसमें एंटीमैटर सिस्टम के गुणों को उनके पदार्थ समकक्षों के साथ सटीक तुलना करना शामिल है।
- यह ब्रह्मांड में पदार्थ और एंटीमैटर के बीच असंतुलन के भौतिकी के सबसे बड़े रहस्यों में से एक को सुलझाने में मदद कर सकता है।
- एंटीहाइड्रोजेन एक्सपेरिमेंट, ग्रेविटी, इंटरफेरोमेट्री, स्पेक्ट्रोस्कोपी (AEgIS) में भारत से प्रोफेसर रंगवाला की टीम के साथ 19 यूरोपीय अनुसंधान समूह शामिल हैं।
पॉज़िट्रोनियम
- पॉज़िट्रोनियम में इलेक्ट्रॉन (e -) और पॉज़िट्रॉन (e+) शामिल होता है एवं यह एक मौलिक परमाणु है।
- इसका जीवन अत्यंत अल्प होता है एवं यह 142 नैनो-सेकंड में आधा नष्ट हो जाता है।
- इसका द्रव्यमान इलेक्ट्रॉन के द्रव्यमान का दोगुना होता है
- यह शुद्ध लेप्टोनिक परमाणु भी है।
- लेप्टान एक प्राथमिक अर्ध-पूर्णांक स्पिन कण है जो मजबूत अंतःक्रिया में शामिल नहीं होता है।
भारत और CERN
- भारत वर्ष 2016 में यूरोपियन ऑर्गनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (CERN) का सहयोगी सदस्य बना।
- CERN के साथ भारत का जुड़ाव लार्ज हैड्रॉन कोलाइडर (LHC) के निर्माण में सक्रिय भागीदारी है,
- भारत हार्डवेयर एक्सेलेरेटर घटकों / प्रणालियों के डिज़ाइन, विकास व आपूर्ति और सॉफ्टवेयर विकास में सहयोग कर रहा है।
- भारत को वर्ष 2004 में CERN में 'पर्यवेक्षक' के रूप में शामिल किया गया था।
- भारतीय वैज्ञानिकों ने ए लार्ज आयन कोलाइडर एक्सपेरिमेंट (ALICE) और कॉम्पैक्ट म्यूऑन सोलेनॉइड (CMS) प्रयोगों में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिसके कारण हिग्स बोसोन की खोज हुई।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- यूरोपीय परमाणु अनुसंधान संगठन (CERN) के शोधकर्ताओं की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने पहली बार पॉज़िट्रोनियम की लेजर कूलिंग का सफलतापूर्वक प्रदर्शन किया।
- पॉज़िट्रोनियम में इलेक्ट्रॉन (e -) और पॉज़िट्रॉन (e+) शामिल होता है एवं यह एक मौलिक परमाणु है।
- भारत वर्ष 2016 में यूरोपियन ऑर्गनाइज़ेशन फॉर न्यूक्लियर रिसर्च (CERN) का सहयोगी सदस्य बना।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : हाल ही में CERN के वैज्ञानिकों ने पॉज़िट्रोनियम की लेजर कूलिंग की इस प्रयोग के प्रमुख निहितार्थों को रेखांकित कीजिए।
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स्रोत:इंडियन एक्सप्रेस