प्रारम्भिक परीक्षा: ग्रीवा कैंसर, CERVAVAC वैक्सीन मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र:2- स्वास्थ्य, महिलाओं से संबंधित मुद्दे |
संदर्भ
हाल ही में, भारत सरकार द्वारा घोषणा की गई कि सर्वाइकल(ग्रीवा) कैंसर(Cervical cancer) की रोकथाम के लिए 9 से 14 वर्ष की आयु की लड़कियों को स्कूलों के माध्यम से टीके लगाए जाएंगे।
महत्वपूर्ण तथ्य
- टीकाकरण के लिए गठित राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (NTAGI) ने सार्वभौमिक टीकाकरण कार्यक्रम (UIP) में ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) वैक्सीन को शामिल करने की सिफारिश की थी। क्योंकि नए शोध में पाया गया है कि HPV वैक्सीन महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के खतरे को काफी कम कर देती है।
- UIP के माध्यम से लगभग 12 बीमारियों के लिए मुफ्त टीका- करण किया जाता है।
सर्वाइकल कैंसर क्या है
- यह प्रकार का कैंसर है, जो गर्भाशय की ग्रीवा की कोशिकाओं में शुरू होता है।
- गर्भाशय ग्रीवा , गर्भाशय (गर्भ) का निचला संकरा सिरा होता है जो गर्भाशय को स्त्री जननांग से जोड़ता है।
- सर्वाइकल कैंसर आमतौर पर समय के साथ धीरे-धीरे विकसित होता है।
कारण
- सर्वाइकल कैंसर के लगभग सभी मामले (99%) उच्च जोखिम वाले मानव पैपिलोमा वायरस (HPV) के कारण होता है
- यह यौन संपर्क के माध्यम से प्रसारित होने वाला एक सामान्य वायरस है।
- इस कैंसर की रोकथाम के बारे में महिलाओं में बहुत कम जागरूकता है ।
- 10% से भी कम भारतीय महिलाएं जांच करवाती हैं।
सर्वाइकल कैंसर कितना खतरनाक है
- स्तन कैंसर के बाद महिलाओं में यह दूसरा सबसे आम(common ) कैंसर है।
- भारत में महिलाओं के लिए एक बड़े खतरे के रूप में उभरा है।
- द लांसेट रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया में कैंसर से होने वाली कुल मौतों में से 15 प्रतिशत से अधिक मौतें भारत में होती हैं। सर्वाइकल कैंसर के सबसे अधिक मामले भारत में हैं, इसके बाद चीन का स्थान है।
- भारत में, इसकी दर प्रति 1,00,000 महिलाओं पर 18 है।
भारत सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयास
CERVAVAC वैक्सीन
- यह एक चतुष्कोणीय टीका है,जो ग्रीवा कैंसर पैदा करने वाले ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के कम से कम चार प्रकारों के खिलाफ प्रभावी है ।
- इसे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया(Serum Institute of India)और जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (BIRAC) और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की साझेदारी द्वारा विकसित किया गया।
- जुलाई 2022 में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया द्वारा अनुमोदित किया गया था तथा इसके 2023 के मध्य तक उपलब्ध होने की संभावना है।
अन्य प्रयास
- टीकाकरण के साथ-साथ, बीमारी के शुरुआती लक्षणों का पता लगाने के लिए नियमित रूप से स्क्रीनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
- 2018 में केंद्र सरकार घोषित आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण योजना के माध्यम से मुख, स्तन और ग्रीवा(सर्वाइकल);जैसे सामान्य कैंसर के लिए स्क्रीनिंग किया जा रहा है।
- नवंबर 2022 तक 5 करोड़ से अधिक महिलाओं की गर्भाशय सर्वाइकल के कैंसर की जांच की जा चुकी है।
स्कूल न जाने वाली लड़कियों के लिए
- सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो लड़कियां स्कूलों में नहीं जाती हैं उन्हें सामुदायिक आउटरीच और मोबाइल स्वास्थ्य टीमों द्वारा टीके दिए जाएंगे।
चुनौतियां क्या हैं?
- प्रमुख चुनौती यह है कि 9 से 15 वर्ष की आयु की किशोरियों के बड़े पैमाने पर टीकाकरण के लिए पर्याप्त संसाधनों और जनशक्ति को आवंटित करना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे HPV से सुरक्षित हैं।
- कोविड और टीकाकरण कार्यक्रम के विपरीत, सर्वाइकल कैंसर के बारे में बहुत कम जागरूकता है।
संभवित उपाय
- 30-49 वर्ष की सभी महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर की जांच अवश्य करायी जानी चाहिए
- भले ही उनमें कोई लक्षण न हों और अपनी किशोरियों को HPV का टीका लगवाना चाहिए।
- चूँकि यह एक रोकी जा सकने वाली बीमारी है, इसलिए एक बड़े जागरूकता कार्यक्रम को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
- स्कूल-आधारित टीकाकरण कार्यक्रम का प्रभावी ढंग से क्रियान्वयन होना चाहिए ।
- WHO के निर्देशानुसार प्रभावी देशों को 2030 तक प्रति वर्ष प्रति 1,00,000 महिलाओं पर 4 से कम नए मामलों की घटना दर तक पहुंचना चाहिए।
- इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए 90% लड़कियों को 15 वर्ष की आयु तक HPV वैक्सीन के साथ टीका लगाया जाना चाहिए।