संदर्भ
हाल ही में, पुणे में नाबालिक कार चालक से सड़क दुर्घटना का मामला सामने आया। सड़क दुर्घटनाओं में प्रतिवर्ष एक लाख से ज़्यादा लोगों की मृत्यु होती है। पैदल यात्री, साइकिल चालक, मोटरसाइकिल चालक और असुरक्षित बच्चे सड़क दुर्घटनाओं के सबसे ज़्यादा शिकार होते हैं। ऐसे में सड़क सुरक्षा के मुद्दे को व्यापक दृष्टिकोण से समझना महत्वपूर्ण हो जाता है।
क्या है सड़क सुरक्षा
सड़क सुरक्षा में सड़क दुर्घटना, चोट एवं मृत्यु के जोखिम को कम करने के उपाय शामिल हैं। सड़क दुर्घटनाओं के आँकड़े सड़क सुरक्षा के महत्व को दर्शाते हैं।
सड़क दुर्घटना संबंधी आँकड़े
एन.सी.आर.बी. रिपोर्ट
- वर्ष 2021 में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख लोगों की मृत्यु हुई, जबकि वर्ष 2020 के महामारी लॉकडाउन के दौरान 1.33 लाख लोगों की मृत्यु हुई थी।
- सबसे अधिक मौतें दोपहिया वाहनों (44.5 %) के कारण हुईं। दुर्घटनाओं में बसों के कारण 3% मौतें हुईं।
- कुल मौतों में से आधे से अधिक मौत तेज गति से वाहन चलाने के कारण हुई। खतरनाक एवं लापरवाह ड्राइविंग भी मौतों का प्रमुख कारण रहा।
- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष सड़क दुर्घटनाओं में लगभग अस्सी हज़ार लोग मारे जाते हैं, जो पूरी दुनिया में होने वाली कुल मौतों का 13% है।
भारत में सड़क दुर्घटनाएँ-2022
- इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2022 में 4,61,312 सड़क दुर्घटनाएँ हुईं। रिपोर्ट के अनुसार अधिकांश दुर्घटनाएँ राष्ट्रीय राजमार्गों (1,51,997) पर हुईं।
- रिपोर्ट से पता चलता है कि विगत वर्ष की तुलना में दुर्घटनाओं की संख्या में 11.9%, हताहतों की संख्या में 9.4 % और घायलों की संख्या में 15.3 % की वृद्धि हुई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट
- विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार दुनिया भर में सड़क दुर्घटनाओं के कारण लगभग 1.19 मिलियन लोगों की मौत होती है और 20 से 50 मिलियन लोग गैर-घातक चोट से प्रभावित होते हैं।
- सड़क यातायात से होने वाली मौतों और चोटों में से आधे से ज़्यादा लोग कमज़ोर वर्ग के सड़क उपयोगकर्ताओं, जैसे कि पैदल यात्री, साइकिल चालक एवं मोटरसाइकिल चालक और उनके सहयात्री होते हैं।
- विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में सड़क यातायात से होने वाली चोटों की दर ज़्यादा है, जिनमें से 92% मौतें निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों से होती हैं।
भारत में उच्च सड़क दुर्घटना के कारण
सड़क सुरक्षा जागरूकता का अभाव
अधिकांश सड़क दुर्घटनाएं लापरवाही या जागरूकता की कमी के कारण होती हैं। ऐसे में जीवन रक्षा के लिए सड़क सुरक्षा शिक्षा आवश्यक हो जाती है।
यातायात नियमों एवं विनियमों का अनुपालन न करना
- ओवर-स्पीडिंग : भारत में सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्ट-2022 के अनुसार कुल सड़क दुर्घटनाओं में से 72.3% ओवर-स्पीडिंग के कारण हुई थी।
- लेन अनुशासनहीनता : भारत में सड़क दुर्घटनाओं की रिपोर्ट-2022 के अनुसार गलत दिशा में गाड़ी चलाना कुल सड़क दुर्घटनाओं का दूसरा सबसे बड़ा कारण था।
- सुरक्षा उपकरणों का उपयोग न करना
- सीट बेल्ट और हेलमेट जैसे सुरक्षा गियर से बचना।
- सड़क दुर्घटनाओं में 80% से अधिक मौतें सिर की चोटों के कारण होती हैं।
- बिना लाइसेंस के गाड़ी चलाना : कौशल का गहन मूल्यांकन किए बिना ड्राइविंग लाइसेंस तक आसान पहुंच और ड्राइविंग लाइसेंस के बिना गाड़ी चलाना सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि का एक प्रमुख कारक है।
- सड़क संकेतों एवं सुरक्षा नियमों का उल्लंघन, नशे में गाड़ी चलाना, शराब एवं नशीली दवाओं का सेवन, लाल बत्ती का उल्लंघन और मोबाइल फोन का उपयोग दुर्घटनाओं के लिए एक बड़ा कारण है।
सड़क अवसंरचना
- सड़कों की खराब स्थिति, कम दृश्यता और निम्न स्तरीय सड़क डिजाइन व इंजीनियरिंग सड़क दुर्घटनाओं व मौतों की बढ़ती संख्या के मुख्य कारण हैं।
- इसमें सामग्री एवं निर्माण की गुणवत्ता और तीव्र मोड़ वाली सिंगल-लेन सड़कें जैसे मुद्दे शामिल हैं।
- भारत में सड़क दुर्घटना के कारकों में सीधी सड़कें, घुमावदार सड़कें, गड्ढों वाली सड़कें और खड़ी ढलान वाली सड़कें जैसे कारक भी महत्त्वपूर्ण थे।
वाहनों की स्थिति
- पुराने वाहनों में प्राय : ब्रेकडाउन, खराबी और सुरक्षा सुविधाओं की कमी होने की संभावना अधिक होती है।
- भारत में सड़क दुर्घटना रिपोर्ट 2022 के अनुसार 5 साल से कम पुराने वाहनों से भी अत्यधिक दुर्घटनाएँ हुई हैं।
वाहनों में ओवरलोडिंग
ओवरलोड वाहन सड़क यातायात के लिए खतरा उत्पन्न करते हैं, जिससे अन्य सड़क उपयोगकर्ताओं के लिए दुर्घटना का जोखिम बढ़ जाता है।
अपर्याप्त कानून प्रवर्तन
यद्यपि सड़क सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कानून और नियम मौजूद हैं लेकिन प्राय: उनके प्रभावी प्रवर्तन के अभाव से अपराधी अपने कृत्यों के लिए जवाबदेही से बच जाते हैं।
सड़क असुरक्षा का प्रभाव
- जीवन के जोखिम में वृद्धि
- मानवीय पीड़ा
- पीड़ितों और उनके परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ
- राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थाओं पर नकरात्मक प्रभाव
सड़क सुरक्षा के लिए भारत सरकार के प्रयास
मोटर वाहन संशोधन (Motor Vehicle Amendment: MVA) अधिनियम, 2019
- वर्ष 1988 का मोटर वाहन अधिनियम देश में सड़क परिवहन को विनियमित करने वाला मुख्य आधार है।
- वर्ष 2019 में इस अधिनियम में व्यापक संशोधन किया गया जो 1 सितंबर, 2019 से प्रभावी हो गए।
- इसमें अन्य बातों के साथ-साथ शामिल हैं :
- यातायात उल्लंघन के लिए दंड में भारी वृद्धि
- यातायात उल्लंघन की इलेक्ट्रॉनिक निगरानी
- नाबालिग ड्राइविंग के लिए बढ़ा हुआ दंड और नाबालिग के अभिभावक को आरोपी बनाया जाना
- इसमें सड़क सुरक्षा और यातायात प्रबंधन से संबंधित सभी पहलुओं पर केंद्र सरकार या राज्य सरकार को सलाह देने के लिए राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड के गठन का प्रावधान है।
वाहन स्क्रैपिंग नीति
- सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने वाहन स्क्रैपिंग नीति तैयार की है।
- यह पुराने, अनुपयुक्त प्रदूषणकारी वाहनों को चरणबद्ध तरीके से हटाने के लिए एक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करती है।
राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति
- सरकार ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति के मसौदे को अंतिम रूप देने के लिए श्री एस. सुंदर की अध्यक्षता में एक समिति गठित की थी।
- सुंदर समिति की सिफारिशों के आधार पर केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति को मंजूरी दी।
- राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा नीति देश में सड़क सुरक्षा गतिविधियों को बेहतर बनाने के लिए सभी स्तरों पर सरकार द्वारा तैयार/शुरू की जाने वाली नीतिगत पहलों की रूपरेखा तैयार करती है।
जन जागरूकता कार्यक्रम
- सड़क सुरक्षा के बारे में प्रभावी जन जागरूकता उत्पन्न करने के लिए MoRTH इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, प्रिंट मीडिया और सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न जागरूकता अभियान चलाता है।
- इसमें जागरूकता प्रसार और सड़क सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रतिवर्ष ‘राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह/सप्ताह’ मनाना शामिल है।
सड़क सुरक्षा ऑडिट
सभी राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए सड़क सुरक्षा ऑडिट को डिजाइन, निर्माण, संचालन और रखरखाव सहित सभी चरणों में तीसरे पक्ष के लेखा परीक्षकों के माध्यम से अनिवार्य कर दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (e-DAR)
देश भर में सड़क दुर्घटना डाटा की रिपोर्टिंग, प्रबंधन और विश्लेषण के लिए एक केंद्रीय भंडार स्थापित करने के लिए ई-डीएआर परियोजना शुरू की गई है।
वाहन में सुरक्षा प्रौद्योगिकियों का अनिवार्य उपयोग
- MoRTH ने 01 जुलाई, 2019 से निम्नलिखित सूचीबद्ध सुरक्षा प्रौद्योगिकियों के अनिवार्य फिटमेंट को अधिसूचित किया है :
- ड्राइवर और सह-चालक के लिए सीट बेल्ट रिमाइंडर
- सेंट्रल लॉकिंग सिस्टम के लिए मैनुअल ओवरराइड
- ओवर-स्पीड वार्निंग सिस्टम
- रिवर्स पार्किंग अलर्ट सिस्टम
गुड सेमेरिटन लॉ
- MoRTH ने गुड सेमेरिटन की सुरक्षा के लिए नियम प्रकाशित किए हैं।
- गुड सेमेरिटन वह व्यक्ति होता है जो सद्भावनापूर्वक, भुगतान या इनाम की अपेक्षा और देखभाल या विशेष संबंध के किसी भी कर्तव्य के बिना दुर्घटना या आपातकालीन चिकित्सा स्थिति में घायल व्यक्ति को तत्काल सहायता प्रदान करने के लिए स्वेच्छा से आगे आता है।
- गुड सेमेरिटन कानून गुड सेमेरिटन को उत्पीड़न से बचाता है।
विश्व बैंक द्वारा सड़क सुरक्षा के लिए भारत राज्य सहायता कार्यक्रम
- विश्व बैंक ने सात राज्यों के लिए 250 मिलियन अमरीकी डालर के ऋण को मंजूरी दी है।
- इस योजना के तहत दुर्घटना के बाद की घटनाओं के बेहतर प्रबंधन के लिए एकल दुर्घटना रिपोर्टिंग नंबर स्थापित किया जाएगा।
सड़क सुरक्षा पर महत्वपूर्ण वैश्विक पहलें
सड़क सुरक्षा पर ब्रासीलिया घोषणा, 2015
- इस घोषणापत्र पर ब्राजील में आयोजित सड़क सुरक्षा पर दूसरे वैश्विक उच्च स्तरीय सम्मेलन में हस्ताक्षर किए गए।
- इस घोषणापत्र के तहत देशों की योजना सतत विकास लक्ष्य 3.6 को प्राप्त करना है।
- जिसका लक्ष्य वर्ष 2030 तक सड़क यातायात दुर्घटनाओं से होने वाली वैश्विक मौतों व चोटों की संख्या को आधा करना है।
- भारत इस घोषणापत्र का हस्ताक्षरकर्ता है और सड़क दुर्घटना से होने वाली मृत्यु दर में कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है।
सड़क सुरक्षा के लिए कार्रवाई का दशक 2021-2030
- संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2030 तक कम से कम 50% सड़क यातायात मौतों और चोटों को रोकने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ वैश्विक सड़क सुरक्षा में सुधार प्रस्ताव को अपनाया।
- यह वैश्विक योजना सड़क सुरक्षा से संबंधित स्टॉकहोम घोषणा के अनुरूप है।
ब्लूमबर्ग इनिशिएटिव फॉर ग्लोबल रोड सेफ्टी (BIGRS) 2020-2025
इसका उद्देश्य जीवन बचाने के लिए सिद्ध किए गए कार्यों के व्यापक सेट को लागू करके निम्न एवं मध्यम आय वाले देशों और शहरों में सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों व चोटों को कम करना है।
आगे की राह
- सड़क सुरक्षा मुद्दों के बारे में जागरूकता प्रसार की आवश्यकता है इससे विभिन्न हितधारकों को सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने में सार्थक भूमिका निभाने का अधिकार मिलेगा।
- सड़क सुरक्षा कानूनों का प्रवर्तन आवश्यक और अनिवार्य है।
- इसके अतिरिक्त मानकीकृत ड्राइविंग कौशल सुनिश्चित करने के लिए एक उचित ड्राइविंग लाइसेंसिंग प्रणाली स्थापित करना महत्वपूर्ण है।
- राजनीतिक और वित्तीय प्रतिबद्धताओं को बढ़ाने के साथ ही सड़क सुरक्षा को मुख्यधारा की विकास नीतियों में शामिल करने का आह्वान करता है।
- घुमावदार सड़क, गड्ढे और निर्माणाधीन सड़क निर्माण कार्य आदि पर इन सड़कों का रखरखाव करने वाले इंजीनियरों को उचित स्थानों पर सुरक्षा संकेत लगाने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है।