गुजरात में चांदीपुरा वायरस (Chandipura Virus) से गुजरात में 4 बच्चों की मौत हो गई।
चांदीपुरा वायरस के बारे में
- चांदीपुरा वायरस फ्लू से लेकर दिमागी बुखार जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बनता है।
- सर्वप्रथम वर्ष 1965 में महाराष्ट्र के चांदीपुरा गांव में इस वायरस के पाए जाने के कारण इसका नाम चांदीपुरा वायरस पड़ा।
- यह वायरस रैबडोविरिडे कुल (Rhabdoviridae Family) का एक आर.एन.ए. वायरस है। यह मुख्यत: सैंड फ्लाई (मक्खियों), किलनी (Tick), मच्छरों एवं मक्खियों से फैलता है।
- यह मुख्य रूप से 9 महीने से लेकर 14 वर्ष तक के बच्चों को प्रभावित करता है। इसके प्रमुख लक्षण बुखार, दस्त, उल्टी, मस्तिष्क ज्वर एवं सिर दर्द हैं।
- वर्तमान में इस वायरस के खिलाफ कोई वैक्सीन उपलब्ध न होने के कारण इसे और भी खतरनाक माना जा रहा है।
- मच्छरों, मक्खियों एवं कीड़ों से बचाव ही एकमात्र सुरक्षा है।