Aवर्तमान में वैश्विक स्तर पर जहरीले बैक्टीरिया झीलों के लिए नया खतरा बनते जा रहे हैं जो झील के पानी को हरा कर रहे हैं। हाल ही में इस बैक्टीरिया का प्रभाव विक्टोरिया झील में देखा गया है।
विक्टोरिया झील के हरा होने का कारण
- झीलों का रंग सायनो HABs (cyanoHABs) नामक साइनोबैक्टीरिया के कारण हरा हो रहा है।
- साइनोबैक्टीरिया गर्म, झीलों और तालाबों में पनपते हैं, जिनमें उर्वरक, खाद और सीवेज से प्राप्त नाइट्रोजन व फॉस्फोरस पोषक तत्व अधिक मात्रा में होते हैं।
- विक्टोरिया झील के किनारे बढ़ती आबादी और भूमि-उपयोग में बदलाव के कारण पोषक तत्वों में लगातार वृद्धि हो रही है। इसके अलावा कृषि, उद्योग और शहरीकरण से मिलने वाले पोषक तत्व साइनोएचएबी की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं।
- सायनोएचएबी विक्टोरिया झील के कई बेसिनों में पाए जाते हैं, लेकिन केन्या की उथली विनाम की खाड़ी में अत्यधिक केंद्रित हैं।
- झील के किनारे रहने वाले समुदाय पीने के पानी और घरेलू कार्यों के लिए खाड़ी पर निर्भर हैं, उन्हें सायनोएचएबी विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने का जोखिम है।
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विक्टोरिया झील के बारे में
- इसे 'डार्विन के ड्रीमपोंड' के नाम से भी जाना जाता है।
- विक्टोरिया झील अफ्रीका की सबसे बड़ी एवं दुनिया की सबसे बड़ी उष्णकटिबंधीय झील है।
- यह क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व की तीसरी सबसे बड़ी झील है (प्रथम और द्वितीय स्थान पर क्रमशः कैस्पियन सागर और सुपीरियर झील हैं )
- यह सुपीरियर झील के बाद विश्व की दूसरी सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है।
- विषुवत रेखा इस झील से होकर गुजरती है।
- झील का क्षेत्रफल तीन देशों में विभाजित है : तंजानिया, युगांडा व केन्या
- उद्गम स्रोत : यह व्हाइट नील (White Nile) नदी का उदगम स्रोत है।
- महत्व : विक्टोरिया झील अपने उच्च स्तर के अद्वितीय जैव विविधता के लिये जानी जाती है।
- झील का बेसिन मत्स्यपालन, जंगलों, आर्द्रभूमियों सहित विशाल प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है, जो स्थानीय समुदायों को भोजन और स्वच्छ पानी तथा उन्हें आजीविका प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।