(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 -केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय) |
संदर्भ
हाल ही में, केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) के तहत ‘स्वतः बहिष्करण’ मानदंडों में ढील दी है।
संशोधित मानदंड
- संशोधित मानदंडों से निम्नलिखित परिवारों को अब ग्रामीण आवास योजना का लाभ लेने की अनुमति मिल गई है :
- दोपहिया वाहन, मोटर चालित मछली पकड़ने वाली नौका, रेफ्रिजरेटर और लैंडलाइन फोन के मालिक
- 15,000 रुपए प्रति माह तक कमाने वाले परिवार
पी.एम.ए.वाई-जी के स्वतः बहिष्करण मानदंड
- मोटर चालित तीन/चार पहिया वाहन (स्वामित्व)
- मशीनीकृत तीन/चार पहिया कृषि उपकरण
- 50,000 रुपए या उससे अधिक की सीमा वाला किसान क्रेडिट कार्ड
- ऐसा परिवार जिसका कोई सदस्य सरकारी कर्मचारी हो
- ऐसा परिवार जिसका कोई गैर-कृषि उद्यम सरकार के साथ पंजीकृत हो
- परिवार का कोई भी सदस्य आयकर या पेशेवर कर का भुगतान करता हो
- 2.5 एकड़ या उससे अधिक सिंचित भूमि की स्वामित्व सीमा
- पी.एम.ए.वाई.-जी के तहत पक्की छत और/या पक्की दीवार वाले घरों में रहने वाले सभी परिवारों और दो से अधिक कमरों वाले घरों में रहने वाले परिवारों को पहले ही फ़िल्टर (बाहर) कर दिया गया था।
संशोधित मानदंडों का महत्त्व
- ग्रामीण आवास योजना के तहत वर्ष 2028-29 तक दो करोड़ अतिरिक्त घर निर्माण के केंद्र के लक्ष्य को देखते हुए बहिष्करण मानदंड संशोधन महत्वपूर्ण है।
- 9 अगस्त को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस आशय के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।
- ये दो करोड़ घर ‘सभी के लिए आवास’ कार्यक्रम के तहत निर्धारित 2.95 करोड़ ग्रामीण घरों के लक्ष्य से अलग होंगे जिनमें से अब तक 2.65 करोड़ घर पूरे हो चुके हैं।
पी.एम.ए.वाई.-जी योजना के बारे में
- ग्रामीण आवास कार्यक्रम एक स्वतंत्र कार्यक्रम के रूप में जनवरी 1996 में इंदिरा आवास योजना (IAY) के साथ शुरू हुआ।
- IAY में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने के लिए 1 अप्रैल, 2016 से इसे प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (PMAY-G) में पुनर्गठित किया गया है।
- पी.एम.ए.वाई.-जी का लक्ष्य वर्ष 2024 तक सभी बेघर और कच्चे एवं जीर्ण-शीर्ण आवासों में रहने वाले परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ पक्का घर उपलब्ध कराना है।
- वर्तमान में इस योजना के तहत घर का न्यूनतम आकार 20 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 25 वर्ग मीटर कर दिया गया है जिसमें स्वच्छ खाना पकाने की जगह भी होगी।
- PMAY-G लाभार्थी का चयन सामाजिक आर्थिक एवं जाति जनगणना (SECC), 2011 में आवास अभाव मापदंडों का उपयोग करके लाभार्थी का चयन करता है, जिसे ग्राम सभाओं द्वारा सत्यापित किया जाता है।
पी.एम.ए.वाई.-जी योजना के तहत धन आवंटन
- वर्तमान में इसके तहत मैदानी इलाकों में प्रत्येक लाभार्थी को 1.2 लाख रुपए तक और पहाड़ी राज्यों, दुर्गम क्षेत्रों एवं एकीकृत कार्य योजना के तहत आदिवासी व पिछड़े जिलों में 1.30 लाख रुपए तक की राशि प्रदान की जाती है।
- लाभार्थी को सभी भुगतान आवास सॉफ्ट एम.आई.एस. में पंजीकृत लाभार्थी के बैंक/डाकघर खातों में डी.बी.टी. के माध्यम से किए जाते हैं।
- मैदानी इलाकों के मामले में केंद्र और राज्य 60:40 के अनुपात में और पूर्वोत्तर राज्यों, दो हिमालयी राज्यों (हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड) तथा जम्मू एवं कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के लिए 90:10 के अनुपात में व्यय साझा करते हैं।
- लद्दाख सहित अन्य केंद्र शासित प्रदेशों के मामले में केंद्र 100% लागत वहन करता है।