संदर्भ
भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) छोटी (कम) पूँजी वालों के लिए शेयर बाजार में निवेश को सरल बनाने के लिए प्रयासरत है। इसके लिए बेसिक सर्विस डीमैट एकाउंट (BSDA) खाते के लिए एक नया नियम प्रस्तावित किया है।
क्या होता है बेसिक सर्विस डीमैट अकाउंट (BSDA)
- सेबी ने वर्ष 2012 में पात्र भारतीय नागरिकों के लिए एक विशेष प्रकार के डीमैट खाते के रूप में BSDA की शुरुआत की थी।
- BSDA एक विशेष इलेक्ट्रॉनिक खाता होता है, जो स्टॉक, बांड, म्यूचुअल फंड एवं एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) जैसी प्रतिभूतियों को डिजिटल रूप में रखता है।
- BSDA में प्राय: नियमित डीमैट खातों की तुलना में कम शुल्क लिया जाता है।
- डीमैट खाता वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए उत्प्रेरक के रूप में उभरा एक प्रमुख उपकरण है।
SEBI द्वारा प्रस्तावित परिवर्तन
- BSDA में 2 लाख रुपए तक की वर्तमान सीमा को बढ़ाकर 10 लाख रुपए करने का प्रस्ताव किया गया है।
- 4 लाख रुपये या उससे कम मूल्य वाले खातों पर कोई वार्षिक शुल्क नहीं लगेगा।
- 4 लाख से 10 लाख रुपए के बीच मूल्य वाले खातों पर 100 रुपए का वार्षिक शुल्क लगेगा।
- 10 लाख रुपए से अधिक राशि वाले खाते स्वचालित रूप से नियमित डीमैट खाते में परिवर्तित हो जाएंगे।
नियमों में परिवर्तन से होने वाले लाभ
- व्यक्तियों के लिए वित्तीय बाजारों में निवेश करना अधिक सुलभ एवं सुविधाजनक
- दूरदराज के क्षेत्रों में निवास करने वाले या सीमित संसाधनों वाले व्यक्तियों के लिए भौतिक शेयर प्रमाणपत्रों की आवश्यकता को समाप्त करने से वित्तीय समावेशन को बढ़ावा
- BSDA द्वारा निवेशकों को प्रतिभूतियों को खरीदने एवं बेचने के लिए एक सुरक्षित व पारदर्शी मंच प्रदान करने से वित्तीय प्रणाली में विश्वास और भरोसा
- निवेशकों को अपने निवेश के बारे में सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाकर वित्तीय साक्षरता एवं शिक्षा को बढ़ावा