प्रारंभिक परीक्षा – सैंडबॉक्स’ योजना मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3, भारतीय रिज़र्व बैंक |
चर्चा में क्यों
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 फ़रवरी, 2024 को 'नियामक सैंडबॉक्स के लिए संसोधित फ्रेमवर्क' जारी किया।
प्रमुख बिंदु
- रिजर्व बैंक ने नियामक सैंडबॉक्स (RS) योजना के लिए दिशानिर्देशों में बदलाव किया, जिसके तहत भाग लेने वाली संस्थाओं को डिजिटल व्यक्तिगत डेटा सुरक्षा मानदंडों का पालन करना होगा।
- भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा गठित एक अंतर विनियामक कार्य समूह ने फिनटेक क्षेत्र के लिए विनियामक सैंडबॉक्स फ्रेमवर्क लागू करने की सिफारिश की थी।
- नियामक सैंडबॉक्स पर नियंत्रित/परीक्षण नियामक वातावरण में नए उत्पादों या सेवाओं के लाइव परीक्षण को संदर्भित करता है जिसके लिए नियामक परीक्षण के सीमित उद्देश्य के लिए कुछ छूट की अनुमति दे सकते हैं।
- नियामक सैंडबॉक्स प्रक्रिया के विभिन्न चरणों की समयसीमा को सात महीने से संशोधित कर नौ महीने कर दिया गया है।
- रिजर्व बैंक ने हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद अगस्त, 2019 में 'नियामक सैंडबॉक्स के लिए फ्रेमवर्क' जारी किया था।
- रिजर्ब बैंक के अनुसार पिछले साढ़े चार वर्षों में प्राप्त अनुभव और फिनटेक, बैंकिंग भागीदारों और अन्य हितधारकों से प्राप्त फीडबैक के आधार पर रूपरेखा को संशोधित किया गया है।
नियामक सैंडबॉक्स योजना :
- यह नियंत्रित नियामक वातावरण में नए उत्पादों या सेवाओं के लाइव परीक्षण को संदर्भित करता है।
- यह व्यवसाय के लिए एक ‘सुरक्षित स्थान’ के रूप में कार्य करता है क्योंकि नियामक परीक्षण के सीमित उद्देश्य के लिए कुछ छूट की अनुमति दे भी सकते हैं और नहीं भी।
- यह नियामक को पारिस्थितिकी तंत्र के साथ जुड़ने और नवाचार-सक्षम या नवाचार-उत्तरदायी नियमों को विकसित करने के लिए एक संरचित अवसर प्रदान कर सकता है।
- यह प्रासंगिक, कम लागत वाले वित्तीय उत्पादों की डिलीवरी की सुविधा प्रदान करता है।
- यह एक महत्वपूर्ण उपकरण है जो अधिक गतिशील, साक्ष्य-आधारित नियामक वातावरण को सक्षम बनाता है जो उभरती प्रौद्योगिकियों से सीखता है और उनके साथ विकसित होता है।
उद्देश्य
- नियामक सैंडबॉक्स (RS) का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं में जिम्मेदार नवाचार को बढ़ावा देना, दक्षता को बढ़ावा देना और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाना है।
- किसी नए उत्पाद या सेवा के सीमित पैमाने के परीक्षण के लिए नवीन प्रौद्योगिकी-आधारित संस्थाओं को एक वातावरण प्रदान करता है जिसमें व्यापक पैमाने पर लॉन्च से पहले नियामक आवश्यकता में कुछ छूट शामिल हो भी सकती है और नहीं भी।
- यह बाजार सहभागियों के लिए ग्राहकों के साथ नए उत्पादों, सेवाओं या व्यापार मॉडल का परीक्षण करने के लिए एक औपचारिक नियामक कार्यक्रम है, जो कुछ सुरक्षा उपायों और निरीक्षण के अधीन है।
- इसके तहत शुरू की जाने वाली प्रस्तावित वित्तीय सेवा में नई या उभरती हुई तकनीक शामिल होनी चाहिए या मौजूदा तकनीक का अभिनव तरीके से उपयोग होना चाहिए और किसी समस्या का समाधान करना चाहिए या उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाना ।
- वित्तीय सेवाओं में जिम्मेदार नवाचार को बढ़ावा देना, दक्षता को बढ़ावा देना और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाना।
अद्यतन ढाँचे की आवश्यकता:
- सैंडबॉक्स इकाइयों द्वारा डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के प्रावधानों का अनुपालन सुनिश्चित करना।
- नियामक सैंडबॉक्स प्रक्रिया के विभिन्न चरणों की समयसीमा को सात महीने से संशोधित कर नौ महीने करना
- फिनटेक कंपनियों,स्टार्टअप, बैंक, वित्तीय संस्थान, कोई अन्य कंपनी, सीमित देयता भागीदारी (LLP) और साझेदारी फर्म को सहायता प्रदान करना।
नियामक सैंडबॉक्स (RS) के लाभ:
- पूर्व के अनुभवों से सीखने का अवसर प्राप्त होता है।
- जानकारियों के आधार पर विनियामक संबंधी बदलावों के अनुसार स्वयं को ढालने में मदद मिलती है।
- परीक्षण से यह ज्ञात हो जाता है कि नए उत्पाद या सेवाएं लाभकारी और उपयोगी है या नहीं।
- इससे इन उत्पादों या सेवाओं को वास्तविक रूप से लॉन्च करने से पहले बदलाव कर जोखिमों को कम करने में मदद मिलती है।
- सूक्ष्म वित्त, लघु बचत और डिजिटल बैंकिंग में नवाचारों के द्वारा वित्तीय समावेशन में तेजी लाई जा सकती है।
- उपलब्ध तथ्यों के आधार पर निर्णय लेने से विनियामक सस्थाओं को उद्योग-जगत के सुझाव पर निर्भरता कम होगी।
जोखिम और कमियां:
- सैडबॉक्स प्रक्रिया से गुजरने में इनोवेटर्स लोचशीलता खो देते हैं और इसमें समय भी काफी लग जाता है।
- हर नए उत्पाद और सेवा को अलग-अलग मंजूरी देने से निर्णय में पक्षपात की संभावना बनी रहती है
- रिज़र्व बैंक(RBI) या उसके नियामक सैडबॉक्स द्वारा किसी इनोवेशन को किसी प्रकार की कानूनी छूट प्रदान नहीं करनी चाहिए।
- सैंडबॉक्स परीक्षण प्रक्रिया से गुजरने के बाद भी उत्पाद या सेवा के व्यापक रूप से उपयोग के लिए विनियामक मंजूरी की आवश्यकता पड़ती है।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- भारतीय रिज़र्व बैंक ने 28 फ़रवरी, 2024 को 'नियामक सैंडबॉक्स के लिए संसोधित फ्रेमवर्क' जारी किया।
- रेगुलेटरी सैंडबॉक्स (RS) का उद्देश्य वित्तीय सेवाओं में जिम्मेदार नवाचार को बढ़ावा देना, दक्षता को बढ़ावा देना और उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचाना है।
- रिजर्व बैंक ने हितधारकों के साथ व्यापक परामर्श के बाद अगस्त, 2019 में 'नियामक सैंडबॉक्स के लिए फ्रेमवर्क' जारी किया था।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : रिजर्व बैंक ने ‘सैंडबॉक्स’ योजना के मानको में किए गए परिवर्तनों के निहितार्थों को स्पष्ट परिवर्तन कीजिए।
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स्रोत: बिजनेस स्टैंडर्ड