वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में पहली बार एक दुर्लभ ‘चार सींग वाला मृग’ (चौसिंगा) देखा गया है।
चौसिंगा (Four-Horned Antelope) के बारे में
- क्या है : चार सींग वाला एक छोटा बोविड मृग
- यह एशिया में पाया जाने वाला सबसे छोटा मृग हैं।
- दो खुर वाले तथा जुगाली करने वाले स्तनधारियों को बोविड (Bovid) कहा जाता है।
- वैज्ञानिक नाम : टेट्रासेरस क्वाड्रिकोर्निस (Tetracerus Quadricornis)
- भौगोलिक व्याप्ति : भारत एवं नेपाल में स्थानिक प्रजाति के रूप में
- भारत में उत्तर में हिमालय की तराई से लेकर दक्षिण में दक्कन के पठार तक प्राकृतिक आवासों में पाए जाते हैं।
- परिवेश : अधिकांशत: पहाड़ी क्षेत्रों में खुले, शुष्क व पर्णपाती जंगल
- जल निकायों के निकट ऐसे क्षेत्रों के आसपास रहते हैं जहां पर्याप्त घास या झाड़ियाँ होती हैं।
- शारीरिक विशिष्टता : दो सींग वाले अन्य बोविड्स की अपेक्षा चार सींग वाले मृग
- इस प्रजाति में सींग केवल नर में ही होते हैं। सींगों का एक जोड़ा कानों के बीच और दूसरा माथे पर स्थित होता है।
- ये सामान्यतः दिनचर एवं एकांतप्रिय होते हैं। हालांकि, इन्हें तीन-चार के समूह में भी देखा जा सकता है।
- संरक्षण स्थिति
- भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम : अनुसूची I शामिल
- IUCN लाल सूची : संवेदनशील (Vulnerable)
- प्रमुख खतरा : कृषि के लिए झाड़ियों व जंगलों की सफाई के कारण आवास क्षति और संरक्षित क्षेत्रों के बीच संपर्क में कमी के साथ-साथ शिकार एवं पशुधन के साथ प्रतिस्पर्धा का प्रभाव
वीरांगना दुर्गावती बाघ अभयारण्य
- यह मध्य प्रदेश के सागर, दमोह एवं नरसिंहपुर जिलों में विस्तृत है।
- यह मध्य प्रदेश का सातवां बाघ अभयारण्य है।
- मध्य प्रदेश के छह अन्य बाघ अभयारण्य : कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा, पेंच, पन्ना एवं संजय-डुबरी।
- नौरादेही वन्यजीव अभयारण्य और दुर्गावती वन्यजीव अभयारण्य को एक साथ मिलाकर बाघ अभयारण्य का दर्जा दिया गया है।
- बाघों की प्राकृतिक आवागमन के लिए पन्ना बाघ अभयारण्य को दुर्गावती बाघ अभयारण्य से जोड़ने वाला एक हरित गलियारा भी विकसित किया जा रहा है।
- सिंगौरगढ़ का किला इस बाघ अभयारण्य में स्थित है। यह बाघ अभयारण्य नर्मदा एवं यमुना नदी घाटियों के बीच में स्थित है।
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