चर्चा में क्यों?
- प्रतिवर्ष 19 फरवरी को छत्रपति शिवाजी महाराज जयंती मनाई जाती है
- छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती दो तिथियों पर मनाई जाती है-
- ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार- 19 फरवरी
- हिंदू पंचांग के अनुसार- फाल्गुन कृष्ण पक्ष तृतीया
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महाराष्ट्र में विशेष रूप से हिंदू पंचांग के अनुसार जयंती मनाने का प्रचलन है, जबकि सरकारी स्तर पर 19 फरवरी को यह उत्सव मनाया जाता है।
शिवाजी महाराज का जीवन परिचय
- जन्म: 19 फरवरी 1630 (शिवनेरी किला, पुणे)
- पिता: शाहजी भोसले
- माता: जीजाबाई
- गुरु: संत रामदास
- राज्याभिषेक: 6 जून 1674 (रायगढ़ किला)
- निधन: 3 अप्रैल 1680
छत्रपति शिवाजी महाराज का योगदान:
स्वराज्य की स्थापना:
- शिवाजी महाराज ने "हिंदवी स्वराज्य" की स्थापना का संकल्प लिया और इसे साकार किया।
- उन्होंने मुगलों, आदिलशाही, कुतुबशाही और अन्य बाहरी आक्रमणकारियों से संघर्ष कर एक स्वतंत्र मराठा साम्राज्य स्थापित किया।
सैन्य उपलब्धियाँ:
- तोरणा किला पर विजय: 16 वर्ष की अवस्था में उन्होंने तोरणा किले पर अपना अधिकार जमाया।
- पुरंदर की संधि: मुगलों के साथ हुई इस संधि के तहत उन्हें अपने कई किले मुगलों को सौंपने पड़े, लेकिन उन्होंने अपनी सूझबूझ से बाद में उन किलों को वापस जीत लिया।
- सूरत पर आक्रमण: मुगलों के समृद्ध शहर सूरत पर दो बार आक्रमण करके उन्होंने मुगलों की आर्थिक शक्ति को कमजोर किया।
छापामार युद्ध नीति (गणिमी कावा):
- इन्होंने पारंपरिक युद्ध प्रणाली से हटकर छापामार युद्ध नीति अपनाई।
- वे तेजी से शत्रु पर हमला करते और तुरंत सुरक्षित स्थान पर लौट आते, जिससे शत्रु को भारी क्षति होती।
नौसेना की स्थापना:
- भारत में पहली संगठित नौसेना बनाने का श्रेय शिवाजी महाराज को जाता है।
- उन्होंने समुद्री किलों का निर्माण किया और विदेशी हमलावरों से रक्षा की।
धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक न्याय:
- शिवाजी महाराज ने सभी धर्मों का सम्मान किया।
- वे जाति-पाति से ऊपर उठकर सभी को समान अवसर देते थे।
- उनके शासन में हर वर्ग को सुरक्षा और न्याय मिला।
प्रशासनिक सुधार:
- एक संगठित प्रशासनिक व्यवस्था बनाई।
- कर प्रणाली में सुधार किया और किसानों पर अन्यायपूर्ण कर हटाए।
- न्याय व्यवस्था को सुदृढ़ बनाया।
छत्रपति शिवाजी महाराज के कुछ प्रसिद्ध कथन:
- सर्वप्रथम राष्ट्र, फिर गुरु, फिर माता-पिता, फिर परमेश्वर।
- जब हौसले बुलंद हों, तो पहाड़ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।
- स्वतंत्रता एक वरदान है, जिसे पाने का अधिकारी हर कोई है।
- शत्रु को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलिष्ठ समझ कर डरना भी नही चाहिए।
- जो मनुष्य समय के कुचक्र में भी पूरी शिद्दत से, अपने कार्यों में लगा रहता है। उसके लिए समय खुद बदल जाता है।
प्रश्न. ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती कब मनाई जाती है?
(a) 15 फरवरी
(b) 26 जनवरी
(c) 19 फरवरी
(d) 6 जून
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