राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान के वैज्ञानिकों के अनुसार, पुणे और इसके आसपास के क्षेत्रों में चिकनगुनिया के प्रकोप का कारण हिंद महासागर से उत्पन्न विषाणु है।
अब तक पुणे में इस वायरस के लगभग 3,000 मामले सामने आ चुके हैं।
चिकनगुनिया का हिंद महासागर स्ट्रेन पहली बार वर्ष 2006 में हिंद महासागर में द्वीपों में सामने आया था।
उस समय सबसे बुरी तरह प्रभावित रीयूनियन द्वीप में एक सप्ताह के भीतर चिकनगुनिया के 45,000 मामले दर्ज किए गए थे।
चिकनगुनिया
चिकनगुनिया बुखार मच्छरों से फैलने वाले वायरस से होने वाली बीमारी है ।
यह चिकनगुनिया वायरस (CHIKV) के कारण होता है।
इसके नाम का अर्थ है "आपको झुकाना" या "झुककर चलना" क्योंकि संक्रमण के कारण जोड़ों और मांसपेशियों में गंभीर दर्द होता है।
चिकनगुनिया के लक्षण अक्सर संक्रमित मच्छर के काटने के 2 से 7 दिनों के भीतर दिखाई देते हैं।
संक्रमित मच्छर के काटने के बाद, बीमारी की शुरुआत आमतौर पर 4 से 8 दिन बाद होती है (लेकिन सीमा 2 से 12 दिन तक हो सकती है)।
लक्षण -
अचानक तेज़ बुखार आना
जोड़ों का दर्द
सिरदर्द
आँख आना
जी मिचलाना
उल्टी करना
प्रश्न - हाल ही में किस शहर में हिंद महासागर से उत्पन्न विषाणु चिकनगुनिया के प्रकोप का कारण बना है ?