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चिल्का झील : पक्षियों का शीतकालीन आवास

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, चिल्का में किये गए ‘जल पक्षी स्थिति सर्वेक्षण- 2022’ को जारी किया गया। 

सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु 

  • इस सर्वेक्षण के अनुसार, पूरे लैगून क्षेत्र में 107 जलीय पक्षी प्रजातियों और आर्द्रभूमि पर आश्रित 76 पक्षी प्रजातियों की गणना की गई। इनकी कुल संख्या पिछले वर्ष की अपेक्षा कम है। भारतीय उपमहाद्वीप में चिल्का को पक्षियों का सबसे बड़ा शीतकालीन आवास माना जाता है।
  • गणना के दौरान दुर्लभ मंगोलियाई गल को भी देखा गया। चिल्का झील में स्थित ‘नलबाना पक्षी अभयारण्य’ में ग्रेटर फ्लेमिंगो (राजहंस) की संख्या में हुई वृद्धि नलबाना की पुनर्बहाली को प्रदर्शित करती है। 

चिल्का झील

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  • चिल्का, भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की लैगून झील है। इसका विस्तार ओडिशा के पुरी, खुर्दा और गंजाम ज़िलों में है। इस लैगून में कई द्वीप मौज़ूद हैं, जिनमें कृष्णप्रसाद, नलबाना, कालीजाई, सोमोलो और पक्षी द्वीप समूह महत्त्वपूर्ण हैं। चिल्का झील को 'रामसर आर्द्रभूमि' भी नामित किया गया है। 
  • चिल्का झील में कैस्पियन सागर, बैकाल झील, अरल सागर, मंगोलिया के किर्गिज़ स्टेप्स, मध्य एवं दक्षिण पूर्व एशिया, लद्दाख और हिमालय से प्रवासी पक्षी आते हैं।
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