काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (CAR) टी-सेल थेरेपी एक उन्नत और नवीनतम इम्यूनोथेरेपी तकनीक है, जो विशेष रूप से ल्यूकेमिया और लिंफोमा जैसी ब्लड कैंसर (blood cancers)के उपचार में महत्वपूर्ण प्रभाव दिखा रही है।
इसमें रोगी की स्वयं की टी-सेल (एक प्रकार की प्रतिरक्षा कोशिका) को आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है ताकि वे काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (CAR) व्यक्त कर सकें, जिससे ये टी-सेल कैंसर कोशिकाओं को अधिक प्रभावी तरीके से पहचानकर उन पर हमला कर सकें।
यह विधि पर्सनलाइज़्ड मेडिसिन का एक उदाहरण है, क्योंकि यह प्रत्येक रोगी की विशिष्ट प्रतिरक्षा प्रणाली के अनुसार उपचार को अनुकूलित करता है।
CAR T-सेल थेरेपी कैसे काम करती है?
टी-सेल्स का संग्रहण:
इस प्रक्रिया की शुरुआत रोगी के रक्त से टी-सेल्स को एकत्र करने से होती है।
यह आमतौर पर अफेरेसिस नामक प्रक्रिया के माध्यम से किया जाता है, जिसमें श्वेत रक्त कोशिकाओं (White Blood Cells) को अलग करके एकत्र किया जाता है, जबकि शेष रक्त घटकों को रोगी के शरीर में वापस पहुंचा दिया जाता है।
टी-कोशिकाओं का आनुवंशिक संशोधन:-
प्रयोगशाला में एकत्रित टी-कोशिकाओं को आनुवंशिक रूप से संशोधित किया जाता है ताकि वे अपनी सतह पर एक काइमेरिक एंटीजन रिसेप्टर (CAR) व्यक्त कर सकें।
CAR एक कृत्रिम रिसेप्टर होता है जो एंटीबॉडी (जो विशिष्ट एंटीजन को पहचानते हैं) और टी-कोशिका रिसेप्टर (जो टी-कोशिकाओं को संक्रमित या कैंसरयुक्त कोशिकाओं पर हमला करने के लिए सक्रिय करते हैं) के घटकों को जोड़ता है।
इस संशोधन के माध्यम से टी-कोशिकाएं कैंसर कोशिकाओं की सतह पर मौजूद एक विशिष्ट प्रोटीन (एंटीजन) को बेहतर तरीके से पहचान और बांध सकती हैं।
CAR टी-कोशिकाओं का विस्तार:-
संशोधित किए जाने के बाद, CAR टी-कोशिकाओं को प्रयोगशाला में संवर्धित और विस्तारित किया जाता है।
इस प्रक्रिया से यह सुनिश्चित किया जाता है कि इन कोशिकाओं की पर्याप्त संख्या हो, जिससे वे रोगी के शरीर में पुनः प्रविष्ट किए जाने पर एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्पन्न कर सकें।
रोगी के शरीर में पुनः प्रविष्टि:
कोशिकाओं के पर्याप्त रूप से विस्तारित होने के बाद, इन्हें रोगी के शरीर में वापस प्रविष्ट कराया जाता है।
ये CAR टी-कोशिकाएं अब उस विशिष्ट एंटीजन को पहचानने और कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने की क्षमता रखती हैं।
कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करना और नष्ट करना:
जब CAR टी-कोशिकाएं रोगी के शरीर में पुनः प्रवेश करती हैं, तो वे उन कैंसर कोशिकाओं की तलाश करती हैं जिनकी सतह पर विशिष्ट एंटीजन मौजूद होता है।
एक बार जब वे एंटीजन को पहचानकर उससे जुड़ जाती हैं, तो CAR टी-कोशिकाएं सक्रिय हो जाती हैं और कैंसर कोशिकाओं को नष्ट कर देती हैं।
सक्रिय टी-कोशिकाएं खुद भी विभाजित होकर और अधिक कोशिकाएं उत्पन्न कर सकती हैं, जो कैंसर पर हमला करती रहती हैं।
CAR T-Cell थेरेपी की प्रमुख विशेषताएँ:
व्यक्तिगत उपचार:
यह थेरेपी रोगी की स्वयं की प्रतिरक्षा कोशिकाओं (इम्यून सेल्स) का उपयोग करती है, जिससे यह अत्यधिक व्यक्तिगत होती है।
प्रत्येक उपचार को व्यक्तिगत रूप से तैयार किया जाता है, जिससे अस्वीकृति (रिजेक्शन) या प्रतिकूल प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं (एडवर्स इम्यून रिएक्शन) का जोखिम कम होता है।
कैंसर कोशिकाओं को लक्षित करना:
CAR T-सेल्स को विशेष मार्कर या एंटीजन को पहचानने और लक्षित करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है, जो कैंसर कोशिकाओं की सतह पर पाए जाते हैं। उदाहरण के लिए, रक्त कैंसर (ब्लड कैंसर) जैसे ल्यूकेमिया में, एक सामान्य लक्ष्य CD19 एंटीजन होता है, जो B-सेल्स की सतह पर पाया जाता है। इससे सटीक रूप से कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाकर उपचार किया जा सकता है।
दीर्घकालिक प्रतिरक्षा (लॉन्ग-टर्म इम्युनिटी):
CAR T-सेल्स, कैंसर कोशिकाओं पर हमला करने के बाद, महीनों या वर्षों तक शरीर में रह सकते हैं और कैंसर के पुनरावृत्ति (रीकरेंस) से बचाव प्रदान कर सकते हैं।
कुछ विशेष प्रकार के कैंसर के लिए प्रभावी:
CAR T-सेल थेरेपी कुछ प्रकार के रक्त कैंसर के इलाज में विशेष रूप से सफल रही है, जैसे:
एक्यूट लिंफोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL)
नॉन-हॉजकिन लिंफोमा
क्रॉनिक लिंफोसाइटिक ल्यूकेमिया (CLL)
अन्य प्रकार के कैंसर, जैसे ठोस ट्यूमर (सॉलिड ट्यूमर) के उपचार के लिए भी अनुसंधान जारी है।
सीएआर टी-सेल थेरेपी के अनुप्रयोग:
रक्त कैंसर(blood cancers) (हीमेटोलॉजिक मैलिग्नेंसीज):
सीएआर टी-सेल थेरेपी ने बी-सेल ल्यूकेमिया और बी-सेल लिंफोमा जैसे रक्त कैंसर के उपचार में प्रभावशाली परिणाम दिखाए हैं, जहां संशोधित टी-सेल कैंसरयुक्त बी-सेल्स पर पाए जाने वाले CD19 एंटीजन को निशाना बनाते हैं।
एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL) में, विशेष रूप से उन बच्चों के लिए जिन्होंने अन्य उपचारों का जवाब नहीं दिया, यह थेरेपी उच्च दर पर रोग-मुक्ति (रिमिशन) प्रदान कर रही है।
ठोस ट्यूमर (सॉलिड ट्यूमर्स):
हालांकि रक्त कैंसर में सीएआर टी-सेल थेरेपी काफी सफल रही है, लेकिन इसे ठोस ट्यूमर्स, जैसे कि स्तन कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, और अग्नाशय (पैंक्रियाज) का कैंसर के लिए विकसित करने पर शोध जारी है।
ठोस ट्यूमर्स का वातावरण जटिल होता है, जिससे सीएआर टी-सेल्स को कैंसर की पहचान करने और उसमें प्रवेश करने में कठिनाई होती है।
चुनौतियाँ और दुष्प्रभाव:
साइटोकाइन रिलीज सिंड्रोम (CRS):
यह सीएआर टी-सेल थेरेपी का एक आम और गंभीर दुष्प्रभाव है।
इसमें सीएआर टी-सेल्स सक्रिय होकर बड़ी मात्रा में इंफ्लेमेटरी साइटोकाइन्स रिलीज करते हैं, जिससे तेज बुखार, निम्न रक्तचाप, सांस लेने में कठिनाई और अंगों की खराबी हो सकती है।
CRS जानलेवा हो सकता है, लेकिन इसे दवाओं और निरंतर निगरानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
न्यूरोटॉक्सिसिटी(Neurotoxicity):
यह एक अन्य संभावित दुष्प्रभाव है, जिससे भ्रम (कन्फ्यूजन), उत्तेजना (एजीटेशन), दौरे (सीजर्स), या बोलने में कठिनाई हो सकती है।
यह प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया के मस्तिष्क को प्रभावित करने के कारण होता है।
उच्च लागत:
सीएआर टी-सेल थेरेपी बहुत महंगी होती है, जिसकी कीमत लाखों डॉलर तक हो सकती है।
यह इसे कई मरीजों के लिए कम सुलभ बनाता है, और बीमा (इंश्योरेंस) कवरेज भी एक बड़ी बाधा हो सकती है।
केवल कुछ प्रकार के कैंसर में प्रभावी:
वर्तमान में, यह थेरेपी मुख्य रूप से रक्त कैंसर के लिए सबसे प्रभावी है और ठोस ट्यूमर्स के लिए अभी भी अनुसंधान के अधीन है।
ठोस ट्यूमर्स की जटिल संरचना सीएआर टी-सेल्स के लिए चुनौती पेश करती है।
पुनरावृत्ति (रीलैप्स) का जोखिम(Risk of Relapse):
कुछ मामलों में, यदि कैंसर कोशिकाओं का लक्षित एंटीजन बदल जाता है या यदि सीएआर टी-सेल्स कमजोर या अप्रभावी हो जाते हैं, तो कैंसर दोबारा लौट सकता है।
FDA द्वारा अनुमोदित CAR T-सेल थेरेपी:
अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने कुछ कैंसर के उपचार के लिए निम्नलिखित सीएआर टी-सेल थेरेपी को मंजूरी दी है:
Kymriah (Tisagenlecleucel): बी-सेल प्रीकर्सर एक्यूट लिम्फोब्लास्टिक ल्यूकेमिया (ALL) और बड़े बी-सेल लिंफोमा के उपचार के लिए।
Yescarta (Axicabtagene Ciloleucel): बड़े बी-सेल लिंफोमा और अन्य बी-सेल कैंसर के लिए।
Breyanzi (Lisocabtagene Maraleucel): बड़े बी-सेल लिंफोमा के लिए।
Tecartus (Brexucabtagene Autoleucel):मैंटल सेल लिंफोमा के उपचार के लिए।
सीएआर टी-सेल थेरेपी का भविष्य:
इस तकनीक में निरंतर सुधार और अनुसंधान जारी है, जिससे भविष्य में कई और संभावनाएँ खुल सकती हैं:
ठोस ट्यूमर्स के खिलाफ प्रभावशीलता बढ़ाना:वैज्ञानिक ऐसे सीएआर टी-सेल्स विकसित कर रहे हैं जो ठोस ट्यूमर्स को अधिक प्रभावी रूप से लक्षित कर सकें, चाहे वह ट्यूमर के वातावरण को पार करने की क्षमता हो या नए एंटीजन को पहचानने की शक्ति।
दुष्प्रभावों को कम करना: शोधकर्ता CRS और न्यूरोटॉक्सिसिटी को कम करने के तरीके खोज रहे हैं ताकि इसे और सुरक्षित बनाया जा सके।
ऑफ-द-शेल्फ CAR T-सेल्स: वर्तमान में, सीएआर टी-सेल थेरेपी एक व्यक्तिगत उपचार पद्धति है, लेकिन ऑफ-द-शेल्फ सीएआर टी-सेल थेरेपी पर शोध चल रहा है, जिससे यह कम लागत में अधिक मरीजों के लिए उपलब्ध हो सकेगी।