प्रारंभिक परीक्षा
(समसामयिक अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)
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हाल ही में, चीन द्वारा बीजिंग में चीन-अफ्रीका सहयोग मंच शिखर सम्मेलन के 9वें संस्करण की मेजबानी की गई।
चीन-अफ्रीका सहयोग मंच के बारे में
- परिचय : चीन-अफ्रीका सहयोग मंच (Forum on China–Africa Cooperation: FOCAC) पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना और अफ्रीका के राज्यों (राष्ट्रों) के बीच एक आधिकारिक मंच है।
- स्थापना : इसकी स्थापना 10 अक्तूबर, 2000 को की गई थी।
- सदस्य देश : वर्तमान में 53 अफ्रीकी देश (स्वातिनी देश सदस्य नहीं है)।
- प्रतिनिधित्व : प्रत्येक अफ्रीकी राज्य FOCAC में स्वयं का प्रतिनिधित्व करता है और सभी गतिविधियाँ चीन व अफ्रीकी देशों के बीच द्विपक्षीय रूप से कार्यान्वित की जाती हैं।
- 2024 सम्मलेन की थीम : ‘आधुनिकीकरण को बढ़ावा देने और उच्च स्तरीय चीनी-अफ्रीकी भाग्यशाली समुदाय का निर्माण करने के लिए हाथ मिलाना’ (Joining hands to promote modernization and build a high-level Chinese-African community of destiny)
अफ़्रीकी देशों की मांग
- अफ्रीकी नेता वर्ष 2025-2027 के लिए चीन-अफ्रीका सहयोग मंच की बीजिंग कार्य योजना में अफ्रीका महाद्वीप में बढ़ते ऋण संकट के लिए त्वरित वित्तपोषण समाधान चाहते हैं ।
- साथ ही, वर्ष 2021 के डकार सम्मलेन में प्रस्तावित नए रोजगार सृजन निवेश प्रतिज्ञाओं और चीन द्वारा 300 बिलियन डॉलर मूल्य का अफ्रीकी सामान क्रय करने की आश्वासन परियोजनाओं को पूरा किया जाए।
चीन का अफ्रीका में प्रभाव
- विश्व की दूसरे नंबर की अर्थव्यवस्था चीन, अफ्रीका का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वह अफ्रीका महाद्वीप के विशाल प्राकृतिक संसाधनों, जैसे- तांबा, सोना, लिथियम एवं दुर्लभ मृदा खनिजों का दोहन करना चाहता है।
- एक दशक से अधिक समय से चीन ने अपने बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (BRI) के माध्यम से अफ्रीकी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में 120 अरब डॉलर से अधिक का निवेश किया है तथा पूरे महाद्वीप में जलविद्युत संयंत्रों, रेलवे व सड़कों के लिए धन मुहैया कराया है।
- चीन ने अफ्रीकी देशों को अरबों डॉलर का ऋण भी प्रदान किया है, जिससे वहां अत्यंत आवश्यक बुनियादी ढांचे के निर्माण में मदद मिली है। हालाँकि, इससे कुछ देशों में सरकारों पर अत्यधिक कर्ज का बोझ बढ़ने से विवाद भी पैदा हुआ है।