New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

चीन द्वारा दुर्लभ पृथ्वी प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर प्रतिबंध 

प्रारंभिक परीक्षा – दुर्लभ पृथ्वी प्रौद्योगिकी
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 

चर्चा में क्यों 

चीन ने दुर्लभ पृथ्वी प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर 21 दिसंबर, 2023 को प्रतिबंध लगाया।

rare-earth-technologies

प्रमुख बिंदु 

  • चीन ने दुर्लभ पृथ्वी धातुओं और मिश्र धातु सामग्री के लिए उत्पादन तकनीक के निर्यात के साथ-साथ कुछ दुर्लभ पृथ्वी चुंबक तैयार करने की तकनीक पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
  • चीन ने रणनीतिक धातुओं को निकालने और अलग करने के लिए प्रौद्योगिकी के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया क्योंकि इसने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण समझी जाने वाली प्रौद्योगिकियों की सूची में 21 दिसंबर,2023 को बदलाव किया था।
  • इसने दुर्लभ पृथ्वी धातुओं और मिश्र धातु सामग्री के लिए उत्पादन तकनीक के निर्यात के साथ-साथ कुछ दुर्लभ पृथ्वी चुंबक तैयार करने की तकनीक पर भी प्रतिबंध लगा दिया।
  • चीन का दुर्लभ पृथ्वी धातुओं का वैश्विक परिष्कृत उत्पादन में  90% हिस्सा है।
  • दुर्लभ पृथ्वी 17 धातुओं का एक समूह है जिसका उपयोग इलेक्ट्रिक वाहनों, पवन टरबाइन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स में उपयोग के लिए चुंबक बनाने के लिए किया जाता है।
  • वर्ष 2023 की शुरुआत में चीन ने गैलियम और जर्मेनियम, सेमीकंडक्टर, दूरसंचार और इलेक्ट्रिक-वाहन उद्योगों के कुछ हिस्सों में इस्तेमाल होने वाली धातुओं और ग्रेफाइट पर निर्यात पर सीमाएं लगा दी थीं।

दुर्लभ मृदा धातु:

  • दुर्लभ मृदा धातु 17 धातु तत्वों का एक समूह हैं।
  • दुर्लभ मृदा धातु में स्कैंडियम और यट्रियम के अलावा आवर्त सारणी में 15 लैंथेनाइड्स शामिल हैं।
  • 17 दुर्लभ मृदा धातुओं में सीरियम (Ce), डिस्प्रोसियम (Dy), एर्बियम (Er), यूरोपियम (Eu), गैडोलिनियम (Gd), होल्मियम (Ho), लैंथेनम (La), ल्यूटेटियम (Lu), नियोडाइमियम (Yb) और इट्रियम (Y) शामिल हैं।
  • इन खनिजों में अद्वितीय चुंबकीय, संदीप्ति व विद्युत रासायनिक गुण विद्यमान होते हैं।
  • इनका उपयोग इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर एवं नेटवर्क, संचार, स्वास्थ्य देखभाल, रक्षा सहित कई आधुनिक तकनीकों में किया जाता है।
  • भविष्य की प्रौद्योगिकियों में भी इसकी आवश्यकता होती है।
  • इनका प्रमुख उपयोग उच्च तापमान सुपरकंडक्टिविटी, हाइड्रोकार्बन, हाइड्रोजन का सुरक्षित भंडारण  करने, परिवहन, पर्यावरण, ग्लोबल वार्मिंग और ऊर्जा दक्षता से संबंधित तकनीकियों में भी किया जाता है।

चीन का एकाधिकार:

  • चीन  दुर्लभ मृदा धातुओं पर वैश्विक प्रभुत्व हासिल कर लिया है एवं आज  दुनिया की 90% दुर्लभ मृदा धातुओं का उत्पादन करता है ।
  • वर्तमान में हालाँकि यह 60% तक कम हो गया है और शेष मात्रा का उत्पादन अन्य देशों द्वारा किया जाता है, जिसमें क्वाड (ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका) देश शामिल हैं।
  • वर्ष 2010 के बाद जब चीन ने जापान, अमेरिका और यूरोप की रेयर अर्थ्स शिपमेंट पर रोक लगा दी तो एशिया, अफ्रीका व लैटिन अमेरिका में छोटी इकाईयों के साथ-साथ ऑस्ट्रेलिया एवं अमेरिका में उत्पादन इकाईयों शुरू की गई।
  • फिर भी संसाधित दुर्लभ मृदा धातुओं का प्रमुख हिस्सा चीन के पास है।

दुर्लभ मृदा धातुओं में भारत की स्थिति :

  • भारत में अन्वेषण का कार्य खान ब्यूरो और परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा किया जाता है।
  • खनन और प्रसंस्करण में कुछ छोटी निजी कम्पनियों द्वारा किया जा रहा है, लेकिन यह इंडियन रेअर अर्थ्स लिमिटेड (Indian Rare Earths Limited- IREL) के अंतर्गत है।
  • भारत में इंडियन रेअर अर्थ्स लिमिटेड (IREL) को प्राथमिक खनिजों पर एकाधिकार प्रदान किया गया है जिसमें शामिल हैं: तटीय राज्यों में पाए जाने वाले मोनाज़ाइट।
  • इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (IREL) दुर्लभ मृदा ऑक्साइड (कम लागत, कम-प्रतिफल वाली अपस्ट्रीम प्रक्रियाएँ) का उत्पादन करती है
  •  इन्हें विदेशी फर्मों को बेचती है, जो धातुओं को निकालते हैं और अंतिम उत्पादों (उच्च लागत, उच्च-प्रतिफल वाली डाउनस्ट्रीम प्रक्रियाएँ) का निर्माण करते हैं।
  • इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (IREL) का फोकस मोनाज़ाइट से निकाले गए थोरियम को परमाणु ऊर्जा विभाग को उपलब्ध कराना है।
  • भारत में खान मंत्रालय ने खान और खनिज (विकास और विनियमन) (Mines and Minerals ,Development and Regulation- MDMR) अधिनियम, 1957 में खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन अधिनियम, 2021 के माध्यम से खनिज उत्पादन को बढ़ावा देने, देश में इसके व्यापार करने में आसानी लाने और सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) में खनिज उत्पादन के योगदान  को बढाने के लिये संशोधन किया गया।
  • यह संशोधन अधिनियम में यह प्रावधान करता है कि किसी भी खदान को विशेष उपयोग के लिये आरक्षित नहीं किया जाएगा।

वैश्विक प्रयास :

  • इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (Multilateral Minerals Security Partnership- MSP) की घोषणा जून 2022 में की गई थी
  • इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड का लक्ष्य जलवायु उद्देश्यों के लिये आवश्यक महत्त्वपूर्ण खनिजों की आपूर्ति पर्वत श्रृंखलाओं का निर्माण करने हेतु विभिन्न देशों को एक साथ लाना है।
  • इस साझेदारी में संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया गणराज्य, जापान और विभिन्न यूरोपीय देश शामिल हैं।
  • भारत इस साझेदारी में शामिल नहीं है।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए ।

  1. चीन ने दुर्लभ पृथ्वी प्रसंस्करण प्रौद्योगिकियों के निर्यात पर 21 दिसंबर, 2023 को प्रतिबंध लगाया।
  2. इंडियन रेयर अर्थ लिमिटेड (Multilateral Minerals Security Partnership- MSP) की घोषणा जून 2022 में की गई थी,
  3. भारत में दुर्लभ मृदा धातुओं का  अन्वेषण का कार्य खान ब्यूरो और परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा किया जाता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?

(a) केवल एक

(b) केवल दो 

(c) सभी तीनों 

(d) कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: दुर्लभ मृदा धातु क्या है? दुर्लभ मृदा धातु के महत्व पर प्रकाश डालिए।

 स्रोत:the hindu

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR