चर्चा में क्यों?
हाल ही में, चीन ने एक पनबिजली कम्पनी को ब्रह्मपुत्र नदी के निचले हिस्से पर प्रथम डाउनस्ट्रीम बांध के निर्माण को मंजूरी दी है।
महत्त्वपूर्ण बिंदु
- चीन राज्य के स्वामित्व वाली पनबिजली कम्पनी ‘पावर चाइना’ ने गत माह में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की सरकार के साथ पनबिजली क्षेत्र के दोहन हेतु रणनीतिक सहयोग समझौते (Strategic Cooperation Agreement) पर हस्ताक्षर किये थे। यह परियोजना चीन के पनबिजली क्षेत्र की सम्भावनाओं के दोहन के एक नए चरण को दर्शाती है, जो चीन की पंचवर्षीय योजना (2021-2025) का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
- चीन ने वर्ष 2015 में तिब्बत के ज़ंगमु में अपनी पहली पनबिजली परियोजना का संचालन किया था।
- वर्तमान में नदी के ऊपरी और मध्य हिस्से पर डागू, जिएक्सु और जियाचा में तीन अन्य बांध विकसित किये जा रहे हैं।
- भारत ने सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन निर्माणाधीन चार बांधों पर चिंता व्यक्त की है, क्योंकि युद्ध की स्थिति में चीन बांधों को खोलकर भारत के पूर्वोत्तर हिस्से में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न कर सकता है।
- ब्रह्मपुत्र के डाउनस्ट्रीम में 300 बिलियन किलोवाट स्वच्छ नवीकरणीय और शून्य-कार्बन आधारित विद्युत-उत्पादन की क्षमता है। साथ ही, यह परियोजना चीन के वर्ष 2060 तक कार्बन तटस्थता के लक्ष्य की प्राप्ति में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगी।
- ध्यातव्य है कि ब्रह्मपुत्र नदी को तिब्बत में यारलुंग ज़ंगबो कहा जाता है।
स्रोत : द हिंदू