(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएं)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय व वैश्विक समूह और भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
संदर्भ
हाल ही में, चीन के रक्षा मंत्री वेई फ़ेंग ने भारत के पड़ोसी देशों- बांग्लादेश और श्रीलंका का दौरा किया। इस दौरे को भारत के पड़ोसी देशों के साथ चीन के बढ़ते सुरक्षा सहयोग के रूप में देखा जा रहा है।
चीन का बढ़ता सैन्य सहयोग
- बांग्लादेश और श्रीलंका में चीन के रक्षा मंत्री ने पड़ोसी देशों से ‘दक्षिण एशिया में सैन्य गठबंधन स्थापित करने वाले इस क्षेत्र के बाहर की शक्तियों’ का विरोध करने का आह्वान किया है। उनका इशारा क्वाड समूह की ओर था।
- साथ ही, चीनी रक्षा मंत्री ने श्रीलंका में कहा कि कुछ प्रमुख देश ‘गुटों व समूहों का निर्माण करने’ और ‘क्षेत्रीय आधिपत्य’ की तलाश में हैं, जो लोगों की साझा आकांक्षा के खिलाफ है एवं क्षेत्रीय देशों के हितों के प्रतिकूल है।
- श्रीलंका और चीन ने ‘सैन्य सहयोग सहित’ सभी क्षेत्रों में व्यावहारिक सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। साथ ही, श्रीलंका और चीन ने एक 'सैन्य सहायता प्रोटोकॉल' पर हस्ताक्षर किये।
चीन और श्रीलंका
- चीन के रक्षा मंत्री की श्रीलंका यात्रा को चीन समर्थित $1.4 बिलियन के कोलंबो पोर्ट सिटी को संचालित करने के लिये श्रीलंका के एक विधेयक (कानून) के प्रति बढ़ते विरोध के परिणाम के रूप में भी देखा जा रहा है। इस विधेयक को श्रीलंका की संप्रभुता के लिये खतरा मानते हुए उच्चतम न्यायालय में चुनौती भी दी गई है।
- चीन ने श्रीलंका के लिये ऋणों और मुद्रा विनिमय सुविधा को $2 बिलियन से अधिक बढ़ा दिया है, ताकि श्रीलंका को आर्थिक तनाव से निपटने में मदद मिल सके। उल्लेखनीय है कि श्रीलंका ऋण भुगतान को लेकर चीन का $5 बिलियन कर्ज़दार है।
- चीनी मीडिया ने श्री राजपक्षे के हवाले से कहा है कि श्रीलंका एक स्वतंत्र विदेश नीति का पालन कर रहा है और कभी भी इस क्षेत्र के बाहर की प्रमुख शक्तियों के दबाव के आगे नहीं झुकेगा और न ही कभी भी किसी देश के साथ गठबंधन करेगा।
- श्रीलंका ने कहा की चीन ने उसको ‘दीर्घकालिक और बहुमूल्य’ समर्थन प्रदान किया है और श्रीलंकाई राष्ट्रपति चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के गरीबी उन्मूलन व ग्रामीण पुनरुत्थान के अनुभवों को जानने के लिये उत्सुक हैं। चीनी विदेश नीति के शीर्ष अधिकारी द्वारा उच्च स्तरीय चर्चा के लिये अक्टूबर 2020 में श्रीलंका की यात्रा के छह महीने बाद ही चीनी रक्षा मंत्री की यात्रा हुई।
चीन और बांग्लादेश
- चीन के रक्षा मंत्री की बांग्लादेश यात्रा को दोनों देशों की सेनाओं के मध्य ‘उच्च स्तरीय यात्राओं में वृद्धि करने, उपकरण प्रौद्योगिकी में गहरे सहयोग, विशेषीकृत क्षेत्रों में व्यापक आदान-प्रदान और सैन्य संबंधों में प्रगाढ़ता लाने’ के रूप में उद्धृत किया गया है।
- संयुक्त रूप से क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिये चीन और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया में इस क्षेत्र की बाहर की शक्तियों द्वारा सैन्य गठबंधन स्थापित करने के प्रयासों के खिलाफ संयुक्त प्रयास करने पर बल दिया गया।
यात्रा और टिप्पणी का महत्त्व
- क्वाड के संबंध में चीन की टिप्पणी इसलिये महत्त्वपूर्ण है क्योंकि भारत-अमेरिका-ऑस्ट्रेलिया-जापान क्वाड समूह को कुछ चीनी अधिकारियों ने अर्ध-सैन्य गठबंधन के रूप में वर्णित किया है।
- विदित है की पिछले वर्ष श्रीलंका के विदेश सचिव ने कहा था कि क्वाड का उदय एक विशेष सैन्य गठबंधन के रूप में हो रहा है जोकि समस्यापरक है।यदि क्वाड का लक्ष्य आर्थिक पुनरुद्धार लक्ष्य बना रहता है, तो किसी प्रकार की समस्या नहीं है।
- चीन ने कहा कि वह श्रीलंका की स्वतंत्र व गुटनिरपेक्ष नीति की सराहना करता है और श्रीलंका के साथ समन्वय को मजबूत करने तथा क्षेत्रीय शांति के लिये संयुक्त प्रयास करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
- श्रीलंका ने टीके की आपूर्ति में वृद्धि के लिये चीन को धन्यवाद दिया और महामारी-पश्चात आर्थिक सुधार एवं आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये उठाए जाने वाले कदमों पर भी चर्चा की।
- उल्लेखनीय है की हाल ही में चीन ने अफगानिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, पाकिस्तान और श्रीलंका के विदेश मंत्रियों के साथ कोविड-19 और आर्थिक सहयोग पर छह देशों की दक्षिण एशिया संवाद का भी आयोजन किया।