(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : भारत एवं इसके पड़ोसी-संबंध, द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह तथा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)
संदर्भ
हाल ही में, बांग्लादेश में चीन के राजदूत ली जिमिंग ने बांग्लादेश को क्वाड के प्रति आगाह किया है। राजदूत ने क्वाड को एक संकीर्ण उद्देश्य के भू-राजनीतिक गुट के रूप में वर्णित करते हुए बांग्लादेश को चेताया है कि यदि वह क्वाड में हिस्सेदारी करता है तो इससे दोनों देशों के रिश्तों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
चीनी राजदूत के बयान पर बांग्लादेश की प्रतिक्रिया
- बांग्लादेश के विदेश मंत्री ए. के. अब्दुल मोमन ने चीनी राजदूत के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश एक स्वतंत्र एवं संप्रभु राष्ट्र है तथा वह अपनी विदेश नीति का निर्धारण करने के लिये स्वतंत्र है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश के द्वारा कोई भी निर्णय अपने नागरिकों के हित को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा।
- बांग्लादेश के विदेश मंत्री ने स्पष्ट किया कि बांग्लादेश गुटनिरपेक्ष एवं संतुलित विदेश नीति में विश्वास करता है और इन्हीं सिद्धांतों के आधार पर वह अपने आगे के निर्णय लेने के लिये स्वतंत्र हैं।
- चीनी राजदूत के बयान से पूर्व अप्रैल 2021 में चीन के रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंग ने भी अपनी बांग्लादेश यात्रा के दौरान बांग्लादेश से दक्षिण एशिया में सैन्य गठबंधन बनाने वाली बाहरी शक्तियों को रोकने की अपील की थी।
क्वाड के प्रति चीन की शंका
- चीन क्वाड को अपने विरुद्ध हिंद – प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका की अगुआई वाले सैन्य गठबंधन के रूप में देखता है तथा इस संगठन को ‘एशियाई नाटो’ के नाम से संबोधित करता है।
- वह इसे अपने पुनरुत्थान के विरुद्ध क्वाड देशों की एकजुट होने की कोशिश भी मानता है।
चीन-बांग्लादेश संबंध
- हाल के वर्षों में चीन बांग्लादेश के लिये प्रमुख रक्षा भागीदार के रूप में उभरा है। यह बांग्लादेश का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता देश है। इसके साथ ही यह बांग्लादेश की सेना के अधिकारियों को भी प्रशिक्षित करता है।
- चीन बांग्लादेश का सबसे बड़ा व्यापार सहयोगी भी है। इनके मध्य का आपसी व्यापार लगभग 10 अरब डॉलर का है। हालाँकि, व्यापार संतुलन सदैव चीन के पक्ष में ही रहता है। चीन ने इस व्यापार से होने वाले बांग्लादेश के घाटे को कम करने के लिये जुलाई 2020 में बांग्लादेश से आयात किये जाने वाले 97 प्रतिशत उत्पादों को शुल्क मुक्त कर दिया है।
- आधारभूत संरचना के विकास में भी चीन बांग्लादेश का सहयोग कर रहा है। यह बांग्लादेश में सड़कों, रेलवे ट्रैक, हवाई अड्डों, विद्युत गृहों एवं पुलों इत्यादि का भी निर्माण कर रहा है। वर्ष 2016 में चीन के राष्ट्रपति की बांग्लादेश यात्रा के दौरान 24 अरब डॉलर की ऋण सहायता भी प्रदान की गई।
- बांग्लादेश चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (Belt and Road Initiative) में एक महत्त्वपूर्ण भागीदार राष्ट्र है।
क्वाड (चतुर्भुज सुरक्षा संवाद) - एक नजर में
- क्वाड अमेरिका, भारत, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया का एक अंतर-सरकारी सुरक्षा मंच है। इस संगठन का विचार वर्ष 2007 में जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे द्वारा प्रस्तुत किया गया था। परंतु आस्ट्रेलिया के इस संगठन से बाहर रहने के कारण उस समय यह मूर्त रूप प्राप्त नहीं कर सका था।
- मनीला में आसियान शिखर सम्मलेन के दौरान 12 नवम्बर, 2017 को इसकी पहली बैठक संपन्न हुई तथा इस संगठन ने औपचारिक स्वरूप ग्रहण किया। संगठन की इस बैठक में सभी सदस्य देशों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समृद्धि एवं सुरक्षा बढ़ाने तथा क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय कानूनों के सम्मान को बनाए रखने के लिये प्रतिबद्धता व्यक्त की।
- हिंद-प्रशांत क्षेत्र चीन की विस्तारवादी नीति के कारण विशेष महत्त्व रखता है। इस क्षेत्र के प्रति चीन के आक्रामक रवैये का आसियान के सदस्य राष्ट्रों एवं जापान द्वारा विरोध किया जाता रहा है। चीन इस क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा कानूनों एवं समझौतों को भी मानने से इनकार करता है।
क्वाड -प्रथम शिखर सम्मलेन 2021
- हाल ही में (12 मार्च 2021) क्वाड देशों के राष्ट्रप्रमुखों की प्रथम बैठक सपन्न हुई। कोविड-19 महामारी के कारण यह बैठक वर्चुअल रूप से संपन्न हुई। यह पहला अवसर था जब विश्व के चार बड़े लोकतांत्रिक देशों; अमेरिका, भारत, जापान एवं ऑस्ट्रेलिया के राष्ट्रप्रमुख एक साथ आए।
- इस बैठक में राष्ट्रप्रमुखों ने हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सहयोग, कोविड-19 महामारी से निपटने, जलवायु परिवर्तन, तकनीकी एवं सुनिश्चित आपूर्ति शृंखला प्रबंधन इत्यादि मुद्दों पर चर्चा की। इसके साथ ही इस बैठक में संगठन का विस्तार करने एवं इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र के अन्य देशों को शामिल करने पर भी सहमति व्यक्त की गई।
निष्कर्ष:
- क्वाड की सदस्यता के संबंध में बांग्लादेश को चीन की चेतावनी क्वाड को लेकर चीन में उत्पन्न हुई असुरक्षा की भावना का परिणाम है। इस चेतावनी का उद्देश्य दबाव की राजनीति का प्रयोग कर क्वाड की गतिशीलता को बढ़ने से रोकना है।
- संगठन में भारत की भागीदारी तथा क्वाड की बढती गतिशीलता के कारण चीन एवं भारत के संबंधों के भी प्रभावित होने की भी संभावना है।
- ऐसी स्थिति में भारत को ब्रिक्स एवं शंघाई सहयोग संगठन जैसे मंचो पर तथा सीमा विवाद के संबंध में राजनीतिक एवं कूटनीतिक क्षमता का परिचय देने की आवश्यकता होगी, जिससे भारत चीन एवं क्वाड दोनों में संतुलन स्थापित कर अपने हितों का को प्राप्त कर सके।