चीन ने शुरू किया कृत्रिम सूर्य का संचालन
- हाल ही में, चीन ने पहली बार परमाणु संलयन रिएक्टर HL-2M टोकामक रिएक्टर संचालित किया है, जो परमाणु ऊर्जा क्षमताओं की दिशा में में एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि है।
- यह चीन का सबसे बड़ा और सबसे उन्नत परमाणु संलयन प्रायोगिक अनुसंधान उपकरण है, जो भविष्य में एक शक्तिशाली स्वच्छ ऊर्जा का स्रोत बन सकता है।
- यह रिएक्टर हाइड्रोजन और ड्यूटेरियम गैसों का उपयोग ईंधन के रूप में करके सूर्य में होने वाली प्राकृतिक प्रतिक्रियाओं की प्रतिकृति बनाता है।
- इस रिएक्टर में प्लाज़्मा के संलयन के लिये एक शक्तिशाली चुम्बकीय क्षेत्र का उपयोग किया जाता है। यह सूर्य की कोर की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक तापमान के स्तर तक पहुँच सकता है।
- यह रिएक्टर चीन के सिचुआन प्रांत में स्थित है, जिसका निर्माण पिछले वर्ष के अंत में पूरा हुआ था। रिएक्टर को असाधारण ऊष्मा उत्पन्न करने और उससे पैदा होने वाली ऊर्जा के कारण "कृत्रिम सूर्य" कहा जाता है।
- ध्यातव्य है कि चीन ने इस परियोजना पर वर्ष 2006 में कार्य करना शुरू किया था।