हाल ही में वर्ल्ड हार्ट फेडरेशन (WHF) ने विश्वभर में समय से पहले मृत्यु सहित मृत्यु के प्रमुख कारण, हृदय रोग (CVD) से निपटने के लिए शहरों द्वारा किए गए प्रयासों का पहला मूल्यांकन प्रस्तुत किया है और सिटी हार्टबीट इंडेक्स-2024 जारी किया है।
सिटी हार्टबीट इंडेक्स-2024 के बारे में
- यह इंडेक्स एक व्यापक मानक के रूप में कार्य करने के लिए तैयार किया गया है, जिसमें वैश्विक स्तर पर 50 शहरों को उनके जनसंख्या के स्वास्थ्य की सुरक्षा के प्रयासों के आधार पर रैंकिंग दी गई है।
- इन स्वास्थ्य सुरक्षा के प्रयासों में शासन, नगर नियोजन और स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं।
- यह इंडेक्स विशेष रूप से निम्न से मध्यम आय वाले देशों में व्यापक डेटा संग्रहण की चुनौतियों तथा मजबूत उपायों के क्रियान्वयन और मूल्यांकन की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालता है।
- सिटी हार्टबीट इंडेक्स-2024 में एशिया-प्रशांत (APAC) क्षेत्र के शहर शीर्ष स्थानों पर हावी हैं:
- हांगकांग पहले स्थान पर, जहाँ स्वास्थ्य नीतियाँ सर्वाधिक प्रभावी हैं।
- हांगकांग के बाद दूसरे स्थान पर लंदन है, जिसने स्वास्थ्य संवर्धन और विशिष्ट स्वास्थ्य जोखिमों जैसे कि अस्वास्थ्यकर आहार, तंबाकू और वायु प्रदूषण से निपटने के लिए शहर-स्तरीय नीतियां शुरू करने में उच्च अंक प्राप्त किए हैं।
- इसके बाद क्रमशः मैड्रिड, बर्लिन और न्यूयॉर्क शहर का स्थान है।
- रिपोर्ट में काहिरा सबसे निचले 50वें स्थान पर है। काठमांडू 49वें, ढाका 47वें और कराची 43वें स्थान पर है।
भारत की स्थिति
- भारत और दुनिया के अन्य देशों का में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है, जिससे दिल की बीमारी का खतरा बढ़ता जा रहा है।
- सिटी हार्टबीट इंडेक्स 2024 के अनुसार, बुनियादी ढांचे और नीतियों की कमी के कारण दिल्ली, मुंबई और कोलकाता जैसे शहर खराब स्थिति में हैं।
- दुनियाभर के टॉप 50 शहरों में दिल्ली 34वें, मुंबई 35वें और कोलकात्ता 37वें स्थान पर है।
- इन शहरी क्षेत्रों में पेड़ पौधों की कमी और खुले स्थानों का अभाव भी खराब रैंकिंग का कारण है। यहां हृदय रोगों की समय पर पहचान और इलाज का अभाव भी है।