चर्चा में क्यों
हाल ही में, केंद्र सरकार ने जन्म एवं मृत्यु रिपोर्ट के आधार पर नागरिक पंजीकरण प्रणाली (CRS) रिपोर्ट 2020 जारी की है।
सी.आर.एस. (CRS)
नागरिक पंजीकरण प्रणाली जन्म, मृत्यु और मृत जन्म (Stillbirth) को अभिलेखबद्ध करने की एक सार्वभौमिक, निरंतर, अनिवार्य और स्थायी प्रक्रिया है। जन्म और मृत्यु का पंजीकरण 'जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण अधिनियम, 1969' के अंतर्गत किया जाता है।
मृत्यु दर पंजीकरण
- सी.आर.एस. की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 में वर्ष 2019 की तुलना में मृत्यु पंजीकरण में 4.75 लाख की वृद्धि हुई है। इनमें कोविड-19 से होने वाली मौतें भी शामिल हैं।
- आंकड़ों के अनुसार पंजीकृत मौतों की संख्या वर्ष 2019 में 76.4 लाख से बढ़कर 2020 में 81.2 लाख हो गई है। कुल पंजीकृत मौतों में से पुरुषों की हिस्सेदारी 60.2% है।
मृत्यु दर पंजीकरण की स्थिति
- रिपोर्ट के अनुसार बिहार में 18.3 प्रतिशत के साथ मृत्यु दर में सर्वाधिक वृद्धि देखी गई है, जिसके बाद महाराष्ट्र और असम का स्थान है।
- इस बीच मणिपुर, चंडीगढ़, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पुडुचेरी, अरुणाचल प्रदेश और केरल जैसे राज्यों में वर्ष 2019 की तुलना में वर्ष 2020 में मृत्यु दर में कमी देखी गई है। सर्वाधिक कमी मणिपुर में देखी गई है।
जन्म दर पंजीकरण
- पंजीकृत जन्मों की संख्या वर्ष 2019 में 2.48 करोड़ से घटकर वर्ष 2020 में 2.42 करोड़ हो गई है। इसमें महिला जन्म की हिस्सेदारी 48% है।
- लक्षद्वीप में 14.3% के साथ जन्म दर में अधिकतम परिवर्तन दर्ज किया गया, इसके बाद हरियाणा और बिहार का स्थान है।
- नागालैंड, पुडुचेरी, तेलंगाना, मणिपुर, दिल्ली, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, केरल, गुजरात, कर्नाटक, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, असम, तमिलनाडु, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, मिजोरम और चंडीगढ़ जैसे राज्यों में जन्म पंजीकरण में गिरावट दर्ज की गई है।