New
IAS Foundation New Batch, Starting from 27th Aug 2024, 06:30 PM | Optional Subject History / Geography | Call: 9555124124

आपात स्थिति के लिए सिविल सेवक और पूर्व सैनिक भी तैयार रहें (म्यांमार)

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी, रोड टू नेपीताव
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर- 2 और 3

संदर्भ-

  • जुंटा से अनेक स्थानों पर विद्रोहियों के बड़े हमले की सूचना मिलने के बाद 16 नवंबर,2023 को म्यांमार के सैन्य शासकों ने सभी सरकारी कर्मचारियों और सैन्य अनुभव वाले लोगों को आपात स्थिति में सेवा के लिए तैयार रहने का आदेश दिया है।

मुख्य बिंदु-

  • म्यांमार की सेना दशकों से जातीय अल्पसंख्यक और अन्य विद्रोहियों से संघर्ष कर रही है, लेकिन 2021 के तख्तापलट ने सैन्य-विरोधी ताकतों के बीच अभूतपूर्व समन्वय ला दिया, जो अब सेना के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन रहे हैं।
  • जुंटा ने सभी सरकारी कर्मचारियों और पूर्व सैन्य कर्मियों को आपातकालीन स्थितियों का जवाब देने के लिए यूनिट बनाने का आदेश दिया है।
  • जुंटा काउंसिल ने कहा, "यदि जरूरत पड़ी, तो ऐसी यूनिट को बाहर जाकर प्राकृतिक आपदाओं और सुरक्षा के लिए काम करना पड़ सकता।"
  • यह आपात स्थिति में मदद करने की योजना है।
  • विद्रोहियों के हमलों से भागकर म्यांमार के बहुत सारे सैनिक भारत में प्रवेश कर गए हैं।

रोड टू नेपीताव अभियान-

  • सेना का विरोध करने के लिए लोकतंत्र समर्थक नेताओं द्वारा कुछ विद्रोही गुटों के साथ मिलकर बनाई गई एक समानांतर सरकार ने "रोड टू नेपीताव" अभियान शुरू किया है
  • इसका उद्देश्य राजधानी पर नियंत्रण करना है।

संयुक्त राष्ट्र की चिंता-

  • वर्ष,2021 में सैन्य जुंटा द्वारा नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सू की के निर्वाचित सरकार का तख्तापलट कर लोकतांत्रिक सरकार को हटा दिया, जिससे एक दशक के अस्थायी लोकतांत्रिक सुधार का अंत हो गया।
  • वर्ष,2021 से ही म्यांमार में उथल-पुथल का दौर जारी है।
  • सेना ने 1962 में सत्ता पर कब्ज़ा करने के बाद 50 वर्षों तक म्यांमार पर कठोरता से शासन किया और कहा विविधता वाले देश में यह एकमात्र संस्था थी, जो सबको एक साथ रखने में सक्षम है।
  • 2021 के तख्तापलट ने सुधार की उम्मीदों को समाप्त कर दिया और लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ताओं को जातीय अल्पसंख्यक विद्रोहियों के साथ एकजुट कर दिया, जो भीतरी इलाकों में आत्मनिर्णय(स्वतंत्रता) के लिए लड़ रहे हैं।
  • इन झड़पों के कारण अनेक शरणार्थी भागकर पड़ोसी देशों में चले गए हैं।
  • भारत सीमा पर स्थिति को लेकर चिंतित है।
  • भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने हिंसा को रोकने और बातचीत के माध्यम से स्थिति का समाधान करने के लिए कहा।
  • पश्चिमी देशों ने म्यांमार जुंटा पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए हैं और सू की एवं अन्य लोकतंत्र समर्थक राजनेताओं और कार्यकर्ताओं की रिहाई की मांग की है।
  • संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस म्यांमार में संघर्ष के विस्तार से बहुत चिंतित हैं और उन्होंने सभी पक्षों से नागरिकों की रक्षा करने का आह्वान किया।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- रोड टू नेपीताव अभियान के बारे में कौन-सा कथन सही है?

(a) इसके तहत म्यांमार के जुंटा सरकार द्वारा ढाका को नेपीताव से जोड़ा जा रहा है।

(b) इसके तहत म्यांमार के जुंटा सरकार द्वारा इंफाल को नेपीताव से जोड़ा जा रहा है।

(c) इसके तहत म्यांमार के लोकतांत्रिक नेताओं द्वारा नेपीताव पर अधिकार करने का प्रयास किया जा रहा है।

(d) इसके तहत म्यांमार को विश्व का व्यापारिक हब बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- म्यांमार में चल रहे आंतरिक संघर्ष के कारण भारतीय सीमा भी असुरक्षित है। समीक्षा कीजिए।

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR