प्रारंभिक परीक्षा - समसामयिकी, माटी कला मुख्य परीक्षा - UPSC, पेपर-1 UPPSC, पेपर- 1 और 5 |
चर्चा में क्यों-
- उत्तर प्रदेश में कुटीर एवं ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में योगी सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने 16 अगस्त 2023 को माटी कला बोर्ड को आर्थिक अनुदान के तौर पर दूसरी किस्त की स्वीकृति प्रदान की है।
मुख्य बिंदु-
- उत्तर प्रदेश की लोक कलाओं, ग्राम्य परिवेश व ग्रामीण परंपराओं को प्रश्रय देने के साथ ही प्रदेश के लघु और ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत योगी सरकार ने अब माटी कला को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।
- माटी कला को बढ़ावा देने और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए काम कर रही ‘उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड’ को आर्थिक अनुदान की दूसरी किस्त का रास्ता साफ हो गया है।
- प्रदेश में माटी कला को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न योजनाओं के संचालन व अन्य जरूरी मदों में योगी सरकार द्वारा कुल 10 करोड़ रुपए की धनराशि दिए जाने का प्रावधान किया गया था।
- इसमें से फिलहाल केवल 1.66 करोड़ रुपए ही बोर्ड को पहली किस्त के तौर पर प्राप्त हुए थे जबकि शेष 8.33 करोड़ रुपए की धनराशि का आवंटन लंबित था।
- ऐसे में, सीएम की मंशा के अनुरूप अब उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड को कुल प्राविधानित धनराशि में से आर्थिक अनुदान के तौर पर दूसरी किस्त की अदायगी किए जाने की वित्तीय स्वीकृति मिल गई है।
दूसरी किस्त को मिली स्वीकृति-
- प्रदेश में माटी कला को बढ़ावा देने के लिए प्राविधानित धनराशि की दूसरी किस्त के तौर पर पिछली किस्त के तरह ही इस बार भी 1.66 करोड़ रुपए का आर्थिक अनुदान प्रदान किया जाएगा।
- इस क्रम में कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग निदेशालय को निर्देशित करते हुए योगी सरकार ने इसे कुछ नियम व शर्तों के अंतर्गत लागू किया है।
- इसके अंतर्गत स्वीकृत धनराशि का आहरण केवल तात्कालिक आवश्यकता के आधार पर किया जाएगा।
- स्वीकृत की गई धनराशि का नियमानुसार उपयोगिता प्रमाण पत्र खादी बोर्ड द्वारा शासन को उपलब्ध कराया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि योगी सरकार द्वारा बजट में प्राविधानित की गई धनराशि के अंतर्गत माटी कला बोर्ड से प्रदेश में माटी कला को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न मदों में होने वाले खर्चे समेत विस्तृत कार्य योजना मांगी गई थी।
- माटी कला बोर्ड द्वारा सौंपी गई कार्य योजना व संबंधित योजनाओं के संचालन के लिए अनुमानित व्यय को ध्यान में रखकर ही इस आर्थिक अनुदान को स्वीकार किया गया है।
- इसी के आधार पर उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड को आर्थिक अनुदान की दूसरी किस्त के तौर पर 1.66 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति प्रदान की गई है।
प्रदेश की नई पहचान गढ़ रही माटी कला-
- प्रदेश की माटी कला की कलाकृतियां न केवल आम लोगों बल्कि समाज के संभ्रांत लोगों के बीच भी काफी पसंद किए जा रहे हैं।
- इसका एक कारण यह भी है कि प्रदेश में माटी शिल्पकारों को पारंपरिक कला को प्रश्रय देने के साथ ही व्यापारिक दृष्टिकोण से कौशल विकास तथा गुणवत्ता नियंत्रण जैसे विषयों में भी समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है।
- इतना ही नहीं, उत्तर प्रदेश माटी कला बोर्ड द्वारा मंडल व राज्य स्तर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिनके जरिए माटी कला शिल्पियों के हुनर को निखारने के साथ ही पुरस्कृत होने के अवसर मिलता है।
- वहीं, देश-विदेश में आयोजित होने वाली प्रदर्शनियों में भी उन्हें अपनी कला का प्रदर्शन करने का मौका मिलता है, जिससे उनकी अच्छी आय के साथ ही व्यापक बाजार तक भी पहुंच बढ़ती है।
- परिणामस्वरूप, राज्य के मिट्टी कारीगरों की प्रतिष्ठा केवल देश तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विश्व स्तर पर गूंजती है।
प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- उत्तर प्रदेश में माटी कला किसके द्वारा संचालित किया जा रहा है?
(a) सार्वजनिक उद्दयम
(b) कुटीर एवं ग्रामीण उद्योग निदेशालय
(d) पर्यटन एवं संस्कृति मंत्रालय
(d) आद्योगिक विकास मंत्रालय
उत्तर- (b)
मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-
प्रश्न- उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रोत्साहित किया जा रहा माटी कला किस प्रकार कुटीर एवं ग्रामीण उद्योगों को बढ़ावा देगा? मूल्यांकन करें।
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