प्रारंभिक परीक्षा – भारतीय प्रबंधन संस्थान,अहमदाबाद की रिपोर्ट मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
हाल ही में भारतीय प्रबंधन संस्थान,अहमदाबाद द्वारा तैयार की गई ‘भारत के लिए संभावित नेट-ज़ीरो की दिशा में ऊर्जा परिवर्तन को सिंक्रनाइज़ करना: सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा’ रिपोर्ट जारी की गई।

प्रमुख बिंदु
- इस रिपोर्ट के लिए न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) द्वारा वित्त पोषण किया गया है।
- भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा नई दिल्ली में इसे लांच किया गया।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:
- नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में विभिन्न प्रौद्योगिकियों के सह-अस्तित्व के साथ कई मार्गों को अपनाने की आवश्यकता है।
- कोयला अगले दो दशकों तक भारतीय ऊर्जा प्रणाली की रीढ़ बना रहेगा।
- वर्तमान में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़े कहते हैं कि भारत की स्थापित उत्पादन क्षमता में सौर ऊर्जा का हिस्सा 16% और कोयले की 49% है।
- वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो ऊर्जा प्रणालियों को प्राप्त करने के लिए बिजली क्षेत्र को उससे पहले अच्छी तरह से डीकार्बोनाइज करने की आवश्यकता है।
- वर्ष 2070 में भारत का उत्सर्जन 0.56 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (btCO2) और 1.0 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (btCO2) के बीच रखना होगा।
- कार्बन उत्सर्जन में शेष अंतर को वानिकी और वृक्ष आवरण के माध्यम से पूरा किया जाएगा जैसा कि राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) में परिकल्पना की गई है।
- इसके अतिरिक्त, कोयला चरण-बंद (coal phase-down) के लिए महत्वपूर्ण खनिजों और कार्बन डाइऑक्साइड हटाने वाली प्रौद्योगिकियों पर सक्रिय नीतियों की आवश्यकता होगी।
- परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करके ऊर्जा की निम्न स्तरीय लागत पर (उपभोक्ताओं के लिए) स्वच्छ, किफायती बिजली नेट-जीरो मार्गों से प्राप्त की जा सकती है।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को इन बदलावों के वित्तपोषण के लिए वर्ष 2020-2070 के बीच करीब ₹150-200 लाख करोड़ की आवश्यकता होगी।
- वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के एक आदर्श परिदृश्य तक पहुंचने के लिए वर्ष 2030 और वर्ष 2050 तक ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की आवश्यकता होगी।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- हाल ही में भारतीय प्रबंधन संस्थान,अहमदाबाद द्वारा ‘भारत के लिए संभावित नेट-ज़ीरो की दिशा में ऊर्जा परिवर्तन को सिंक्रनाइज़ करना: सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा’ रिपोर्ट जारी की गई।
- इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2070 में भारत का उत्सर्जन 0.56 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (btCO2) और 1.0 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (btCO2) के बीच रखना होगा।
- इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो ऊर्जा प्रणालियों को प्राप्त करने के लिए विद्युत क्षेत्र को उससे पहले अच्छी तरह से डीकार्बोनाइज करने की आवश्यकता है।
उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न: – ‘भारत के लिए संभावित नेट-ज़ीरो की दिशा में ऊर्जा परिवर्तन को सिंक्रनाइज़ करना: सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों पर प्रकाश डालिए।
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