New
The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back The Biggest Holi Offer UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 12 March Call Our Course Coordinator: 9555124124 Request Call Back

स्वच्छ ऊर्जा’ भारतीय प्रबंधन संस्थान,अहमदाबाद की रिपोर्ट लॉन्च

प्रारंभिक परीक्षा – भारतीय प्रबंधन संस्थान,अहमदाबाद की  रिपोर्ट
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-3

चर्चा में क्यों

हाल ही में भारतीय प्रबंधन संस्थान,अहमदाबाद द्वारा तैयार की गई ‘भारत के लिए संभावित नेट-ज़ीरो की दिशा में ऊर्जा परिवर्तन को सिंक्रनाइज़ करना: सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा’ रिपोर्ट जारी की गई।

NPCIL

प्रमुख बिंदु 

  • इस रिपोर्ट के लिए न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) द्वारा वित्त पोषण किया गया है। 
  • भारत सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार द्वारा नई दिल्ली में इसे लांच किया गया। 

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष:

  • नेट-जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र में विभिन्न प्रौद्योगिकियों के सह-अस्तित्व के साथ कई मार्गों को अपनाने की आवश्यकता है।
  • कोयला अगले दो दशकों तक भारतीय ऊर्जा प्रणाली की रीढ़ बना रहेगा।
    • वर्तमान में केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण के आंकड़े कहते हैं कि भारत की स्थापित उत्पादन क्षमता में सौर ऊर्जा का हिस्सा 16% और कोयले की 49% है।
  • वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो ऊर्जा प्रणालियों को प्राप्त करने के लिए बिजली क्षेत्र को उससे पहले अच्छी तरह से डीकार्बोनाइज करने की आवश्यकता है।
  • वर्ष 2070 में भारत का उत्सर्जन 0.56 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (btCO2) और 1.0 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (btCO2) के बीच रखना होगा।
  • कार्बन उत्सर्जन में शेष अंतर को वानिकी और वृक्ष आवरण के माध्यम से पूरा किया जाएगा जैसा कि राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDCs) में परिकल्पना की गई है।
  • इसके अतिरिक्त, कोयला चरण-बंद  (coal phase-down) के लिए महत्वपूर्ण खनिजों और कार्बन डाइऑक्साइड हटाने वाली प्रौद्योगिकियों पर सक्रिय नीतियों की आवश्यकता होगी।
  • परमाणु ऊर्जा और नवीकरणीय ऊर्जा पर ध्यान केंद्रित करके ऊर्जा की निम्न स्तरीय लागत पर (उपभोक्ताओं के लिए) स्वच्छ, किफायती बिजली नेट-जीरो मार्गों से प्राप्त की जा सकती है।
  • रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत को इन बदलावों के वित्तपोषण के लिए वर्ष 2020-2070 के बीच करीब 150-200 लाख करोड़ की आवश्यकता होगी।
  • वर्ष 2070 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन के एक आदर्श परिदृश्य तक पहुंचने के लिए वर्ष 2030 और वर्ष 2050 तक ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों की आवश्यकता होगी।

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1.  हाल ही में भारतीय प्रबंधन संस्थान,अहमदाबाद द्वारा ‘भारत के लिए संभावित नेट-ज़ीरो की दिशा में ऊर्जा परिवर्तन को सिंक्रनाइज़ करना: सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा’ रिपोर्ट जारी की गई।
  2. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2070 में भारत का उत्सर्जन 0.56 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (btCO2) और 1.0 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड (btCO2) के बीच रखना होगा।
  3. इस रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2070 तक नेट-ज़ीरो ऊर्जा प्रणालियों को प्राप्त करने के लिए विद्युत क्षेत्र को उससे पहले अच्छी तरह से डीकार्बोनाइज करने की आवश्यकता है।

उपर्युक्त में से कितना/कितने कथन सही है/हैं?

 (a) केवल एक 

(b) केवल दो 

 (c) सभी तीनों 

(d)  कोई भी नहीं 

उत्तर: (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न: ‘भारत के लिए संभावित नेट-ज़ीरो की दिशा में ऊर्जा परिवर्तन को सिंक्रनाइज़ करना: सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा’ शीर्षक वाली रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्षों पर प्रकाश डालिए।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X