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स्वच्छ पौध कार्यक्रम

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(सरकारी योजनाएं)

मुख्य परीक्षा

 (सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र 2; केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ)

चर्चा में क्यों

हाल ही में, केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित स्वच्छ पौध कार्यक्रम (Clean Plant Programme: CPP) को मंजूरी दी है।

स्वच्छ पौधे (clean plant)

  • स्वच्छ पौधे से तात्पर्य ऐसे पौधे से है, जिसे रोपण से पहले वायरस, बैक्टीरिया, कवक एवं अन्य सूक्ष्मजीवों से संक्रमण का परीक्षण किया गया है।
  • इनमें से कुछ को उत्पादकता बढ़ाने के लिए विशेष परिस्थितियों में भी रखा जाता है।

स्वच्छ पौध कार्यक्रम के बारे में 

  • घोषणा: फरवरी 2023 में वित्त मंत्री द्वारा बजट भाषण में।
  • शुरुआत: 9 अगस्त 2024 से (कैबिनेट की मंजूरी)।
  • उद्देश्य: बागवानी फसलों में उत्पादकता और गुणवत्ता को प्रभावित करने वाले वायरस के संक्रमण को दूर करना।
  • वित्त आवंटन : 1,765.67 करोड़ रुपये (अगस्त 2024 में)
  • क्रियान्वयन : भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सहयोग से राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड द्वारा।

कार्यक्रम के मुख्य घटक:

  • स्वच्छ पौध केंद्र (CPC) : 
    • पूरे भारत में नौ विश्व स्तरीय अत्याधुनिक CPC की स्थापना। 
    • ये केंद्र बड़े पैमाने पर वायरस मुक्त रोपण सामग्री के उत्पादन और रखरखाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। 
  • प्रस्तावित CPC निम्नलिखित हैं:-
    • अंगूर (राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे) 
    • शीतोष्ण फल- सेब, बादाम, अखरोट आदि (केंद्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान, श्रीनगर) 
    • खट्टे फल (सेंट्रल साइट्रस रिसर्च इंस्टीट्यूट, नागपुर और केन्द्रीय शुष्क बागवानी संस्थान, बीकानेर) 
    • आम/अमरूद/एवाकाडो (भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु) 
    • आम/अमरूद/लीची (केंद्रीय उपोष्णकटिबंधीय बागवानी संस्थान, लखनऊ) 
    • अनार (राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केंद्र, शोलापुर) 
    • पूर्वी भारत में उष्णकटिबंधीय/उप-उष्णकटिबंधीय फलों के लिए।
  • प्रमाणन और कानूनी ढांचा : बीज अधिनियम 1966 के तहत एक नियामक ढांचे द्वारा समर्थित मजबूत प्रमाणन प्रणाली।
  • सभी किसानों तक पहुँच : सभी किसानों के लिए स्वच्छ पौध सामग्री तक किफायती पहुंच को प्राथमिकता, चाहे उनकी भूमि का आकार या सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो।
  • महिला किसानों को प्राथमिकता : कार्यक्रम की योजना और कार्यान्वयन में महिला किसानों को सक्रिय रूप से शामिल कर संसाधनों, प्रशिक्षण और निर्णय लेने के अवसरों तक उनकी पहुंच सुनिश्चित की जाएगी।
  • नई किस्मों का विकास : यह कार्यक्रम क्षेत्र-विशिष्ट स्वच्छ पौधों की किस्मों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करके भारत भर में विविध कृषि-जलवायु स्थितियों को संबोधित करेगा।

कार्यक्रम के प्रमुख लाभ

  • स्वच्छ पौध कार्यक्रम वायरस मुक्त, उच्च गुणवत्ता वाली रोपण सामग्री तक पहुंच प्रदान करके फसल की पैदावार बढ़ाने और आय के अवसरों में सुधार करने में सहायक हो सकता है।
  • सुव्यवस्थित प्रमाणन प्रक्रिया और बुनियादी ढांचे का समर्थन नर्सरियों को स्वच्छ रोपण सामग्री को कुशलतापूर्वक प्रचारित करने, विकास और स्थिरता को बढ़ावा देने में सक्षम बनाएगा।
  • उपभोक्ताओं के लिए वायरस मुक्त और बेहतर पोषण उत्पाद की उपलब्धता।
  • उच्च गुणवत्ता वाले और रोगमुक्त फलों के एक एक अग्रणी वैश्विक निर्यातक के रूप में भारत की स्थिति मजबूत होगी।
  • स्वच्छ पौधा कार्यक्रम मिशन लाइफ और वन हेल्थ पहलों के साथ तालमेल बिठाते हुए भारत के बागवानी क्षेत्र को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ावा दे सकता है।
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