New
IAS Foundation Course (Prelims + Mains): Delhi & Prayagraj | Call: 9555124124

जेनरेशन-जी की जलवायु चिंता

प्रारंभिक परीक्षा 

(सामायिक घटना)

मुख्य परीक्षा

(सामान्य अध्ययन-3 : जलवायु परिवर्तन संबंधित मुद्दे)

संदर्भ

कर्टिन विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं द्वारा जेनरेशन-Z (जेन-Z) से संबंधित ऑस्ट्रेलियाई विश्वविद्यालय के छात्रों के सर्वेक्षण में यह पाया गया कि उनकी सबसे बड़ी पर्यावरणीय चिंता जलवायु परिवर्तन थी। 

क्या है जेनरेशन-जी

  • जेनरेशन Z को वर्ष 1997 से 2012 के बीच जन्मे युवाओं के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसे वर्तमान में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर सर्वाधिक जागरूक एवं सक्रिय पीढ़ी मानी जा रही है। इनकी जलवायु चिंता केवल एक विचार नहीं है बल्कि एक आंदोलन है जिसने वैश्विक स्तर पर नई दिशा दी है।
  • इंटरनेट के व्यापक उपयोग के साथ जनरेशन Z का विकास हुआ था। इन्हें ‘डिजिटल नेटिव’ कहा जाता है। यह पहली पीढ़ी है जो दैनिक जीवन के एक हिस्से के रूप में इंटरनेट के साथ पली-बढ़ी है।
    • ये वैश्विक आबादी का 30% हैं। 

जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

  • पर्यावरणीय चिंता, पर्यावरणीय आपदा का एक चिरकालिक भय है, जो इस धारणा से उत्पन्न होता है कि जलवायु परिवर्तन अस्तित्व के लिए खतरा बन गया है। 
  • जेन-जी में से कई लोगों के लिए इस खतरे की प्रबल प्रकृति लगातार चिंता एवं तनाव का कारण बनती है। 
  • जेनरेशन-जी के लिए, जलवायु परिवर्तन की चिंता सिर्फ पर्यावरण विनाश के डर से नहीं है बल्कि यह पहचान एवं उद्देश्य के संकट से जूझने से भी जुड़ी है।  
  • कई युवा जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अपनी जिम्मेदारी महसूस करते हैं किंतु जब वे अपने कार्यों को अपर्याप्त मानते हैं तो इससे उनमें अपराधबोध एवं लज्जा की भावना भी उत्पन्न हो सकती है। 
    • इस जिम्मेदारी का बोझ बहुत अधिक हो सकता है, जिससे थकान एवं व्यर्थ होने की भावना पैदा हो सकती है।
  • जलवायु चिंता ने जेनरेशन Z के मानसिक स्वास्थ्य पर भी अत्यधिक प्रभाव डाला है। जलवायु परिवर्तन से जुड़े डर एवं अनिश्चितता ने ‘इको-एंग्जाइटी’ या पर्यावरणीय चिंता जैसी नई मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों को जन्म दिया है। 
  • इसके बावजूद इस पीढ़ी के युवा अपनी चिंता को एक सकारात्मक दिशा की ओर ले जा रहे हैं और सक्रिय रूप से समाधान खोजने के लिए प्रयासरत हैं।

जेनरेशन Z की भूमिका 

जलवायु परिवर्तन के प्रति जागरूकता

  • बढ़ते तापमान, अप्रत्याशित मौसम परिवर्तन एवं प्राकृतिक आपदाओं में वृद्धि ने उन्हें यह समझने पर मजबूर किया है कि भविष्य उनके लिए उतना सुरक्षित नहीं है जितना कि पिछली पीढ़ियों ने अनुभव किया था। 
  • इस पीढ़ी की जलवायु चिंता उनके दैनिक जीवन, करियर के विकल्प और यहां तक कि उनकी मानसिक सेहत पर भी गहरा प्रभाव डाल रही है।

जलवायु परिवर्तन के खिलाफ आंदोलन

  • ग्रेटा थनबर्ग एवं अंजलि शर्मा जैसे युवाओं ने जलवायु आंदोलन को एक नया आयाम दिया है। 
  • जेनरेशन Z के युवा, विशेष रूप से सोशल मीडिया के माध्यम से जलवायु परिवर्तन के खिलाफ जागरूकता फैलाने और नीतिगत बदलाव की मांग करने में सबसे आगे रहे हैं।
  • Fridays for Future जैसे आंदोलन में शामिल लाखों युवा इस बात का प्रतीक हैं कि जेनरेशन Z जलवायु संकट को गंभीरता से ले रही है और इसके समाधान के लिए संघर्ष कर रही है।

तकनीकी एवं व्यावसायिक दृष्टिकोण

  • जेनरेशन Z के युवा तकनीकी दृष्टिकोण से भी जलवायु परिवर्तन का समाधान ढूंढने में सक्रिय हैं। 
  • वे उन उत्पादों एवं सेवाओं को प्राथमिकता देते हैं जो पर्यावरण के अनुकूल हैं, और ऐसे व्यवसायों का समर्थन करते हैं जो संधारणीयता को अपने संचालन का मूल हिस्सा बनाते हैं। 
  • कई युवा उद्यमी संधारणीयता को ध्यान में रखते हुए नए स्टार्टअप्स शुरू कर रहे हैं, जो इस पीढ़ी की सकारात्मक मानसिकता को दर्शाता है।

नीतिगत परिवर्तन की मांग 

जेनरेशन Z सरकारों एवं वैश्विक संगठनों से जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर त्वरित व निर्णायक कार्रवाई की मांग कर रही है। वे चाहते हैं कि सरकारें संधारणीयता को प्राथमिकता दें और उन नीतियों को लागू करें जो दीर्घकालिक प्रभाव डालें।

सक्रियता की भूमिका

  • इन चुनौतियों के जवाब में जनरेशन-जी के कुछ सदस्य अपनी चिंता को सक्रियता में बदल रहे हैं। जलवायु सक्रियता के समक्ष भारी चुनौतियों के बावजूद, इसका सामना करने के लिए नियंत्रण एवं एकता की भावना को जलवायु समस्या समाधान के रूप में देखा जाता है।
  • यह सक्रियता, वैश्विक जलवायु हड़तालों में भाग लेने से लेकर स्थानीय स्तर पर टिकाऊ नीतियों की वकालत करने तक कई रूप में है। 

आगे की राह 

  • जलवायु परिवर्तन की चिंता से जनरेशन-जी के लिए उत्पन्न चुनौतियां वास्तव में गहन एवं बहुआयामी हैं। 
    • हालांकि, इनकी भूमिका के महत्व एवं तात्कालिकता को कम नहीं आंका जा सकता है। बहुसंकट के समय में जलवायु संकट के बिगड़ने के साथ, एक लचीले एवं टिकाऊ भविष्य को आकार देने में जेन-जी की भागीदारी महत्वपूर्ण है।
  • इनका अद्वितीय दृष्टिकोण और परिवर्तन के लिए अथक प्रयास उन्हें ग्लोबल वार्मिंग के प्रति प्रतिक्रिया करने के साथ-साथ पीढ़ियों के बीच की खाई को पाटने, वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने और विज्ञान एवं समानता पर आधारित जलवायु कार्रवाई को सुनिश्चित करने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR