हाल ही में, न्यूज़ीलैंड ने जलवायु आपातकाल की घोषणा की है। न्यूज़ीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने वर्ष 2025 तक इस द्वीपराष्ट्र को कार्बन-तटस्थ बनाने के लिये संसद में प्रस्ताव पारित किया था।
न्यूज़ीलैंड के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन का लगभग आधा हिस्सा कृषि क्षेत्र से आता है, जिसमें मीथेन गैस मुख्य है।
इस कार्यक्रम के तहत कोयला बॉयलरों को बदलने और इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड वाहनों को खरीदने में सहायता के लिये $141 मिलियन का फंड प्रस्तावित है।
जापान, कनाडा, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे अन्य देश जलवायु आपातकाल की घोषणा कर चुके हैं। विदित है कि यूरोपीय संघ जलवायु आपातकाल की घोषणा करने वाला पहला बहुपक्षीय ब्लॉक है।