सतत विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (National Bank for Agriculture and Rural Development : NABARD) ने पृथ्वी दिवस के अवसर पर जलवायु रणनीति-2030 का अनावरण किया।
उद्देश्य
इस जलवायु रणनीति का उद्देश्य भारत की हरित वित्तपोषण की आवश्यकता को संबोधित करना है।
जलवायु रणनीति की आवश्यकता
- नाबार्ड के अनुसार भारत को वर्ष 2030 तक 2.5 ट्रिलियन डॉलर से अधिक की हरित वित्त का लक्ष्य प्राप्त के लिए प्रतिवर्ष लगभग 170 बिलियन डॉलर की आवश्यकता है।
- वर्ष 2019-20 तक भारत ने हरित वित्तपोषण के लिए लगभग 49 बिलियन डॉलर जुटाए जो अपर्याप्त है।
- शमन के लिए निर्धारित अधिकतम धनराशि के साथ अनुकूलन एवं लचीलेपन के लिए केवल 5 बिलियन डॉलर आवंटित किए गए थे।
- यह बैंक अर्हता एवं वाणिज्यिक व्यवहार्यता में चुनौतियों के कारण इन क्षेत्रों में न्यूनतम निजी क्षेत्र की भागीदारी को दर्शाता है।
जलवायु रणनीति के प्रमुख स्तंभ
- नाबार्ड की जलवायु रणनीति 2030 चार प्रमुख स्तंभों के आसपास संरचित है :
- सभी क्षेत्रों में हरित ऋण में तेजी लाना
- व्यापक बाजार-निर्माण भूमिका निभाना
- नाबार्ड का आंतरिक हरित परिवर्तन
- और रणनीतिक संसाधन जुटाना
- यह रणनीतिक पहल पर्यावरणीय प्रबंधन के प्रति नाबार्ड की प्रतिबद्धता को मजबूत करने के साथ ही इसे एक लचीली एवं टिकाऊ अर्थव्यवस्था की ओर भारत के संक्रमण में एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में भी स्थापित करती है।