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कोयला गैसीकरण

चर्चा में क्यों ?

  • हाल ही में केंद्र सरकार ने कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण प्रदान करने के लिए एक योजना शुरू की है।
  • इसका कुल परिव्यय 8500 करोड़ रुपये होगा 
  • यह योजना सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों और निजी क्षेत्र दोनों के लिए होगी।
  • इसमें कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं को बढ़ावा दिया जाएगा।
  • इस योजना में निम्नलिखित तीन श्रेणियों के अंतर्गत परियोजनाएं शामिल हैं –
    • श्रेणी I, जिसमें 4050 करोड़ का प्रावधान है, सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों के लिए है।  
    • श्रेणी II , 3850 करोड़ के साथ, निजी क्षेत्र और सरकारी सार्वजनिक उपक्रमों दोनों के लिए उपलब्ध है।
    • श्रेणी III, प्रदर्शन या लघु-स्तरीय परियोजनाओं के लिए 600 करोड़ रुपये का प्रवधान है।
  • कोयला मंत्रालय ने तीनों श्रेणियों के तहत आवेदन आमंत्रित करने के लिए प्रस्ताव के लिए अनुरोध जारी किया है।
  • ये कोयला/लिग्नाइट गैसीकरण परियोजनाओं की स्थापना के लिए होंगे।
  • इसमें वित्तीय प्रोत्साहन योजना के समझौते के निष्पादन की तारीख से 5 वर्ष की समय सीमा प्रदान की गई है। 
  • देश में मई 2030 तक वाणिज्यिक पैमाने पर कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के शुरू होने की उम्मीद है।

कोयला गैसीकरण

  • कोयला गैसीकरण एक औद्योगिक प्रक्रिया है जो कोयले को गैस में परिवर्तित करती है। 
  • इसमें कोयले को वायु, ऑक्सीजन, भाप या कार्बन डाइऑक्साइड के साथ आंशिक रूप से ऑक्सीकृत किया जाता है।
  • इस तकनीक को ऐसे कोयला संसाधनों पर लागू किया जा सकता है, जिन्हें पारंपरिक खनन विधियों द्वारा निकालना लाभहीन या तकनीकी रूप से जटिल है।

प्रश्न – भारत में किस वर्ष तक वाणिज्यिक पैमाने पर कोयला गैसीकरण परियोजनाओं के शुरू होने की उम्मीद है?

(a) वर्ष 2025 

(b) वर्ष 2030 

(c) वर्ष 2035 

(d) वर्ष 2045 

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