चर्चा में क्यों
हाल ही में, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में शीतलहर (Cold Wave) की चेतावनी जारी की है।
शीतलहर घोषित करने के लिये शर्तें
- जब मैदानी इलाकों के एक मौसम केंद्र पर न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस के बराबर या उससे कम होता है तथा उस अवधि के लिये तापमान सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से 6.4 डिग्री तक कम होता है।
- न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होने पर भी मैदानी इलाकों में स्थित एक मौसम केंद्र पर शीत लहर दर्ज की जा सकती है।
- जब पहाड़ी क्षेत्रों में एक मौसम केंद्र पर न्यूनतम तापमान 0 डिग्री सेल्सियस से कम या उसके बराबर होता है तथा उस अवधि के लिये न्यूनतम तापमान सामान्य तापमान से 4.5 डिग्री से 6.4 डिग्री तक कम होता है।
- विदित है कि ‘सामान्य तापमान’ की गणना पिछले 30 वर्षों में प्रत्येक पाँच दिनों के औसत तापमान को लेकर की जाती है।
शीतलहर के कारण
- पश्चिमी विक्षोभ में कमी के कारण मजबूत पश्चिमी ठंडी हवाएँ (Westerly Cold Wind) पश्चिमोत्तर भारत के तापमान को गिरा देती है।
- हिमालयी क्षेत्रों में हिमपात के कारण उत्तर भारत के तापमान में कमी आती है जो शीतलहर का कारण बनता है।
- पहाड़ी क्षेत्रों की वायु के नीचे उतरने से इस क्षेत्र में लंबी अवधि के लिये कम तापमान वाली स्थिति उत्पन्न होती है।
- दक्षिणी प्रशांत महासागर में ला-नीना की स्थिति उत्पन्न होने से भारत के तापमान में गिरावट आती है, जो इस क्षेत्र में शीत लहर का कारण बनती है।
शीतलहर के प्रभाव
- शीतलहर से रबी की फसलों तथा बागानी फसलों (चाय, कॉफ़ी आदि) की उत्पादकता में कमी आती है।
- शीतलहर से ठंड में असामान्य वृद्धि के कारण फ्लू जैसी बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ जाता है।