चर्चा में क्यों?
रूस के प्रभुत्व वाले सैन्य गठबंधन ‘सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन’ (The Collective Security Treaty Organization: CSTO) ने कजाकिस्तान में सैन्य टुकड़ी भेजने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- पूर्व सोवियत गणराज्य का हिस्सा रहा कजाकिस्तान मध्य एशिया का एक शांतिपूर्ण व ऊर्जा समृद्ध देश है। हालाँकि, ईंधन की बढ़ती कीमतों के कारण ही कजाकिस्तान व्यापक विरोध प्रदर्शन और अशांति का सामना कर रहा है।
- बढ़ते दबाव के चलते कजाकिस्तान के राष्ट्रपति ने ‘सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन’ से सैन्य सहायता भेजने की अपील की है।
सामूहिक सुरक्षा संधि संगठन
- सी.एस.टी.ओ. यूरेशिया का एक अंतर-सरकारी सैन्य गठबंधन है। सोवियत संघ के विघटन के बाद के चुनिंदा देश आर्मेनिया, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस और ताजिकिस्तान इसके सदस्य हैं, जबकि अफगानिस्तान तथा सर्बिया को पर्यवेक्षक का दर्ज़ा प्राप्त है।
- इसकी उत्पत्ति का स्रोत वर्ष 1992 में हुई ‘सामूहिक सुरक्षा संधि’ या ‘ताशकंद संधि’ को मानते है।
- इसका मुख्यालय मॉस्को में है। इसका गठन विदेशों से व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त ‘आतंकवादी समूहों’ का मुकाबला करने के लिये किया गया है। इसका उद्देश्य सदस्य राष्ट्रों की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता के आधार पर स्वतंत्रता तथा शांति और अंतर्राष्ट्रीय, क्षेत्रीय व साइबर सुरक्षा को मज़बूत करना है।