क्रॉनिक डिजीज कंट्रोल सेंटर (CCDC) ने भारत में रक्तचाप के लिए दवा उपचार अनुकूलन पर एक अध्ययन पूरा होने की घोषणा की है। सी.सी.डी.सी. क्रॉनिक (दीर्घकालिक) बीमारियों पर केंद्रित एक गैर-लाभकारी संगठन है। यह अनुसंधान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान और इंपीरियल कॉलेज, लंदन के सहयोग से दो वर्षों तक किया गया।
अध्ययन में शामिल संयोजन
- इस अध्ययन में अनियंत्रित उच्च रक्तचाप से पीड़ित दक्षिण एशियाई आबादी में तीन दोहरे एंटी-हाइपरटेंसिव गोली संयोजनों की प्रभावशीलता का परीक्षण किया गया।
- रक्तचाप को कम करने के लिए डिज़ाइन की गई दो औषधियों का संयोजन हैं :
- एम्लोडिपिन व पेरिंडोप्रिल (Amlodipine and Perindopril)
- एम्लोडिपिन व इंडापामाइड (Amlodipine and Indapamide)
- पेरिंडोप्रिल व इंडापामाइड (Perindopril and Indapamide)
प्रभावशीलता पर निष्कर्ष
- इस अध्ययन में रक्तचाप नियंत्रण दर लगभग 70% थी। यह नियंत्रण दर (70%) एकल-गोली उपचार का उपयोग करते समय भारत में वर्तमान नियंत्रण दरों से पाँच गुना अधिक थी।
- उपर्युक्त सभी दवा संयोजनों ने उत्कृष्ट सुरक्षा का प्रदर्शन किया जिसमें 3% से भी कम प्रतिभागियों ने दुष्प्रभावों के कारण अध्ययन से नाम वापस लिया।
- दक्षिण एशियाई लोग वैश्विक जनसंख्या का 25% हिस्सा हैं और भारत में 30 करोड़ से अधिक लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं।
रक्तचाप
- रक्तचाप (BP) हृदय द्वारा रक्त पंप किए जाने के दौरान धमनियों की दीवारों पर रक्त के दबाव का बल है। इसे आमतौर पर मिलीमीटर ऑफ मर्करी (mmHg) में मापा जाता है।
- सामान्य रक्तचाप आमतौर पर 120/80 mmHg के आसपास होता है।
रक्तचाप की रीडिंग में दो संख्याएँ होती हैं :
- सिस्टोलिक प्रेशर (पहली या सबसे ऊपर वाली संख्या) : यह आपके ह्रदय के धड़कने और रक्त पंप करने के दौरान आपकी धमनियों में दबाव को मापता है।
- डायस्टोलिक दबाव (दूसरी या निचली संख्या) : यह आपकी धमनियों में दबाव को मापता है जब आपका ह्रदय धड़कनों के बीच आराम की स्थिति में होता है।
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