(प्रारंभिक परीक्षा : योजनाएं एवं कार्यक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र- 3: प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन, मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली) |
संदर्भ
केंद्रीय कैबिनेट ने देश में सिंचाई ढाँचे को मजबूत करने और किसानों को अधिक लाभ पहुँचाने के लिए ‘कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन आधुनिकीकरण’ (M-CADWM) योजना को मंजूरी दी है।
कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन आधुनिकीकरण के बारे में
- परिचय : यह योजना ‘प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)’ के तहत एक उप-योजना है।
- उद्देश्य
- खेतों तक पानी पहुँचाने वाली प्रणाली का आधुनिकीकरण करना
- पानी का कुशल एवं न्यूनतम उपयोग करना
- छोटे किसानों को सिंचाई सुविधा देना
- खेती में आधुनिक तकनीकों को अपनाना
- युवाओं को कृषि क्षेत्र से जोड़ना
- बजट परिव्यय : ₹1,600 करोड़ रुपए
- समयावधि : 2025 से 2026 तक की अवधि के लिए
- नोडल मंत्रालय : जल शक्ति मंत्रालय
योजना की प्रमुख विशेषताएँ
- आधुनिक तकनीकों का प्रयोग : इसके तहत SCADA (पर्यवेक्षी नियंत्रण एवं डाटा अधिग्रहण) और इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT) जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग किया जाएगा जिससे जल-उपयोग दक्षता में सुधार किया जा सके।
- भूमिगत दबावयुक्त पाइप प्रणाली : खेतों तक पानी पहुँचाने के लिए भूमिगत पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिससे 1 हेक्टेयर तक के क्षेत्र में आसानी से पानी के पहुँच को सुनिश्चित किया जा सके।
- सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा : इसमें ड्रिप एवं स्प्रिंकलर जैसी सिंचाई पद्धतियों को अपनाकर पानी की बचत को बढ़ावा दिया जाना शामिल है।
- जल उपयोगकर्ता समितियों को सशक्त बनाना : इस योजना के तहत जल उपयोगकर्ता समितियों (WUSs) को सिंचाई प्रबंधन हस्तांतरण (IMT) का प्रस्ताव किया गया है, जिससे इन समितियों को स्वतंत्र रूप से सिंचाई परिसंपत्तियों का प्रबंधन करने का अधिकार मिलता है।
- किसान संगठनों से जोड़ना : इस योजना के तहत जल उपयोगकर्ता समितियों (WUS) को किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) और प्राथमिक कृषि साख समितियों (PACS) से जोड़ा जाएगा जिससे किसानों को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी।
- युवाओं के लिए अवसर : यह योजना युवाओं को खेती की ओर आकर्षित करने का भी कार्य करेगी जिसमें आधुनिक तकनीक और रोजगार के नए अवसर शामिल हैं।
उद्देश्य
प्रारंभिक रूप से यह स्वीकृति देश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों में पायलट परियोजनाओं को प्रारंभ करने के लिए दी गई है। इन परियोजनाओं के डिजाइन एवं संरचना से प्राप्त अनुभवों के आधार पर 16वें वित्त आयोग की अवधि के लिए अप्रैल 2026 से कमांड क्षेत्र विकास एवं जल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय योजना शुरू की जाएगी।
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना (PMKSY)
- आरंभ : 1 जुलाई, 2015
- मंत्रालय : जल शक्ति मंत्रालय
- उद्देश्य :
- खेतों तक पानी की पहुँच बढ़ाना
- सुनिश्चित सिंचाई के तहत कृषि योग्य क्षेत्र का विस्तार करना
- खेतों में जल उपयोग दक्षता में सुधार करना
- स्थायी जल संरक्षण पद्धतियों को लागू करना
- शामिल घटक
- जल स्रोतों का विकास : तालाब, चेक डैम एवं वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देना
- जल वितरण प्रणाली का विस्तार : नहरों, पाइप लाइनों आदि के माध्यम से खेतों तक पानी पहुँचाना
- सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली का विस्तार : ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिस्टम को अपनाकर पानी की बचत करना
- जल प्रबंधन एवं क्षमता निर्माण : किसानों को प्रशिक्षण देकर जल प्रबंधन की समझ बढ़ाना
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