(प्रारम्भिक परीक्षा, सामान्य अध्ययन 3: समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय) |
संदर्भ
हाल ही में, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने वित्तीय क्षेत्र में आर्टिफिशियलइंटेलिजेंस (AI) के जिम्मेदार एवं नैतिक उपयोग के लिए एक रूपरेखा विकसित करने हेतु आठ सदस्यीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, जिसे FREE-AI के रूप में जाना जाता है।
समिति के बारे में अन्य तथ्य
- अध्यक्ष :पुष्पक भट्टाचार्य , प्रोफेसर (कम्प्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग), IIT बॉम्बे।
- सदस्य :
- देबजानी घोष- स्वतंत्र निदेशक, रिज़र्व बैंक इनोवेशन हब।
- बलरामन रविन्द्रन- प्रोफेसर और प्रमुख (वाधवानी स्कूल ऑफ डाटा साइंस एंड AI), IIT मद्रास।
- अभिषेक सिंह- अतिरिक्त सचिव, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय।
- राहुल मथान- पार्टनर, ट्राइलीगल।
- अंजनी राठौर- समूह प्रमुख एवं मुख्य डिजिटल अनुभव अधिकारी, HDFC बैंक।
- श्री हरि नागरालु- सुरक्षा AI अनुसंधान प्रमुख, माइक्रोसॉफ्ट इंडिया (R&D)।
- सुवेंदु पति-सीजीएम, फिनटेक विभाग, RBI
- समय सीमा: समिति अपनी पहली बैठक की तारीख से छह महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
- उद्देश्य
- AI फ्रेमवर्क की सिफारिश: समिति वित्तीय क्षेत्र के लिए एक मजबूत, व्यापक और अनुकूलन AI फ्रेमवर्क की सिफारिश करेगी।
- वैश्विक और घरेलू AI अपनाना : वैश्विक स्तर पर और भारत में वित्तीय सेवाओं में AI को वर्तमान में अपनाए जाने का आकलन करना।
- विनियामक एवं पर्यवेक्षी समीक्षा : विशेष रूप से वित्तीय क्षेत्र में AI के लिए वैश्विक विनियामक और पर्यवेक्षी दृष्टिकोण की समीक्षा करना।
- जोखिम प्रबंधन : वित्तीय सेवाओं में AI से जुड़े संभावित जोखिमों की पहचान करना और मूल्यांकन, शमन एवं निगरानी ढाँचे का प्रस्ताव करना।
- अनुपालन आवश्यकताएँ : बैंकों, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFCs), फिनटेक और भुगतान प्रणाली संचालकों (PSO) सहित वित्तीय संस्थानों के लिए अनुपालन आवश्यकताओं की सिफारिश करना।
वित्तीय क्षेत्र में AI के नैतिक उपयोग
वित्त में AI : अवसर
- AI के साथ वित्तीय समझ बनाना: AI वित्तीय लेनदेन डाटा और बाजार की जानकारी का विश्लेषण कर सकता है, जिससे लोगों को अपनी वित्तीय आदतों को समझने और सूचित निर्णय लेने में मदद मिल सकती है।
- यह व्यक्तिगत अंतर्दृष्टि, सिफारिशें और सलाह प्रदान करता है, जिससे वित्तीय सलाह की कमी को पूरा करने में मदद मिलती है।
- पूर्व-निवारक वित्तीय सहायता : व्यवहार पैटर्न पर नज़र रखकर, AI उन व्यक्तियों की पहचान कर सकता है जो वित्तीय संकट की ओर बढ़ रहे हैं, जिससे समय पर हस्तक्षेप और सहायता संभव हो सकेगी।
- स्वचालित वित्तीय प्रबंधन : AI उन कार्यों को स्वचालित कर सकता है जो ग्राहकों के सर्वोत्तम हितों की पूर्ति करते हैं, जैसे-
- ओवरड्राफ्ट शुल्क से बचने के लिए खातों में धनराशि स्थानांतरित करना।
- व्यक्तिगत आवश्यकताओं के आधार पर बेहतर वित्तीय प्रदाताओं/उत्पादों पर स्विच करना।
- इस स्वचालन से ग्राहक अपने वित्त का अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधन कर सकेंगे, जिससे समय एवं धन की बचत होगी।
- स्वचालन उन लोगों के लिए भी सहायक हो सकता है, जो अपनी खर्च करने की आदतों पर नियंत्रण नहीं रख पाते हैं और कुछ खास व्यवहारों के लिए पहले से ही प्रतिबद्ध होना चाहते हैं।
- यह सुनिश्चित कर सकता है कि व्यक्तियों को अपने वित्त पर अधिक नियंत्रण प्राप्त हो और वे आवेगपूर्ण या अविवेकपूर्ण खर्च से बच सकें।
- प्रतिस्पर्धा बढ़ाना और शक्ति का पुनर्संतुलन करना : AI प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर उपभोक्ताओं और वित्तीय उद्योग के बीच समान स्तर बनाने में मदद कर सकता है।
- इसकी मदद से ग्राहक अधिक जानकारीपूर्ण निर्णय ले सकते हैं, जिससे वित्तीय संस्थाओं पर बेहतर सेवाएँ और उत्पाद प्रदान करने का दबाव बढ़ सकता है।
- वित्तीय प्रणाली को पुनः प्रोग्राम करने का अवसर: AI व्यावसायिक निर्णय लेने में अंतर्निहित मानवीय पूर्वाग्रहों और निहित स्वार्थों को कम करके वित्तीय प्रणाली को अधिक जिम्मेदार, लोकतांत्रिक और निष्पक्ष बनाने के लिए पुनः प्रोग्राम कर सकता है।
वित्त में AI : चुनौतियाँ
- AI अंतर्दृष्टि तक पहुँच का अभाव : ग्राहकों के पास उनके वित्तीय डाटा से प्राप्त AI-संचालित अंतर्दृष्टि तक पहुँच नहीं/सीमित हो सकती है या वे इसके मूल्य को साझा करने में सक्षम नहीं हो सकते हैं।
- इससे सूचना विषमता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
- जटिलता एवं नियंत्रण संबंधी मुद्दे : यदि ग्राहक एल्गोरिदम पैरामीटर निर्धारित या संशोधित नहीं कर सकते हैं या अपने डाटासेट को संपादित नहीं कर सकते हैं, तो वे AI सिस्टम द्वारा लिए जा रहे निर्णयों पर नियंत्रण खो सकते हैं।
- इससे निर्णय लेने की शक्ति मशीनों के पास चली जाएगी।
- लाभ-संचालित AI: नए फिनटेक स्टार्टअप वाणिज्यिक लाभ को अधिकतम करने के लिए AI का लाभ उठा सकते हैं तथा वित्तीय लाभ के लिए उपभोक्ता व्यवहार का शोषण कर सकते हैं।
- व्यवहारगत पूर्वाग्रह शोषण : AI का उपयोग व्यवहारगत पूर्वाग्रहों, जैसे खर्च करने के पैटर्न या कमजोरियों की पहचान करने और उनका शोषण करने के लिए किया जा सकता है।
- ऐसा प्राय: उपभोक्ताओं की जानकारी या सहमति के बिना कंपनियों के लाभ के लिए किया जाता है।
- प्लेटफ़ॉर्म एकाधिकार : AI और डाटा-संचालित बाज़ार प्लेटफ़ॉर्म एकाधिकार के निर्माण को जन्म दे सकते हैं, जिससे कुछ प्रमुख प्लेयर्स के साथ शक्ति को समेकित करके प्रतिस्पर्धा कम हो सकती है।
- बड़े प्लेटफार्मों का प्रतिस्पर्धात्मक लाभ : बड़े डाटासेट (जैसे, फेसबुक) तक पहुँच वाली कंपनियों को वित्तीय सेवाओं में संभावित प्रतिस्पर्धात्मक लाभ होता है, क्योंकि वे अपने लाभ के लिए वित्तीय उत्पादों एवं सेवाओं को आकार देने के लिए अपनी अंतर्दृष्टि का लाभ उठा सकते हैं।
- मानव निर्णय लेने में पूर्वाग्रह : AI एल्गोरिदम अनजाने में सामाजिक और वित्तीय असमानताओं को कायम रख सकते हैं या बढ़ा सकते हैं, विशेषकर जब वे ऐतिहासिक डाटा पर निर्भर रहते हैं।
- विनियामक चुनौतियाँ : सामान्यतःअर्थशास्त्र में विशेषज्ञता रखने वाले वित्तीय बाजारों के नियामकों के पास AI को पर्याप्त रूप से विनियमित करने या वित्तीय क्षेत्र के लिए इसके निहितार्थ को समझने के लिए आवश्यक तकनीकी ज्ञान का अभाव हो सकता है।
सुझाव
- बाजार प्रतिस्पर्धा का संरक्षण एवं बढ़ावा : बड़े प्लेयर्स को अपने डाटा को अन्य संगठनों के साथ साझा करने के लिए बाध्य करके डाटा-संचालित अर्थव्यवस्था में प्लेटफ़ॉर्म एकाधिकार के विकास को सक्रिय रूप से रोका जाना चाहिए।
- नियामकों को बड़ी टेक कंपनियों से ग्राहकों की सुरक्षा के लिए विशेष उपायों पर विचार करना चाहिए, जो वित्तीय सेवाओं में विस्तार कर रही हैं।
- विनियमन फोकस शिफ्ट : AI विनियमन के दायरे का विस्तार किया जाना चाहिए ताकि प्रक्रिया और परिणाम दोनों पर ध्यान केंद्रित किया जा सके।
- व्यवसायों को यह प्रदर्शित करने की आवश्यकता है कि उनके द्वारा AI के उपयोग से उनके द्वारा दावा किए गए सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
- विनियामक प्रभाव आकलन : AI एल्गोरिदम के ग्राहकों और नागरिकों पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने के लिए आकलन प्रस्तुत करना आवश्यक है।
- संसाधन और प्रशिक्षण में वृद्धि : यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि वित्तीय आचरण प्राधिकरण (FCA) और सूचना आयुक्त कार्यालय (ICO) जैसे नियामकों को वित्त में AI द्वारा लाए जा रहे परिवर्तनों की देखरेख तथा पर्यवेक्षण के लिए आवश्यक संसाधन, विशेषज्ञता व प्रशिक्षण उपलब्ध हो।
- नियामक मंच : एक ऐसा मंच बनाया जाना चाहिए जहाँ वित्त, डाटा और AI के क्षेत्र में काम करने वाले नियामक सहयोग करने के साथ ही उभरते हुए ज्ञान को साझा कर सकें और नियामक निरीक्षण में किसी भी अंतराल की पहचान कर सकें।
- मानक विकास : वित्त में AI के उपयोग के लिए मानकों का एक सेट विकसित करने के लिए उद्योग, नागरिक समाज और उपभोक्ता समूहों के साथ सहयोग किया जाना चाहिए।
- इसमें विशेष रूप से महिलाओं, दिव्यांगों और नस्लीय/जातीय अल्पसंख्यकों जैसे कम प्रतिनिधित्व वाले समूहों से विविध प्रतिनिधित्व शामिल होना चाहिए।
- व्यावसायिक योग्यता : वित्त में AI के साथ काम करने वाले व्यक्तियों के लिए एक अनिवार्य व्यावसायिक योग्यता लागू किया जाना चाहिए, जिसमें नैतिक विचार और सामाजिक जोखिमों के बारे में जागरूकता शामिल हो।
- पूर्वाग्रह की पहचान एवं सुधार : ऐतिहासिक पूर्वाग्रहों की पहचान करने और उन्हें सुधारने के लिए सैंडबॉक्स डाटा का उपयोग किया जाना चाहिए।
- स्टार्टअप्स और सिविल सोसाइटी के साथ सहयोग : प्रमुख वित्तीय संस्थानों को वित्त में AI के उपयोग के लिए मानक और अच्छे अभ्यास निर्मित करने के लिए स्टार्टअप्स और नागरिक समाज के साथ काम करना चाहिए, जिससे पारदर्शिता एवं निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके।
- जवाबदेही एवं पारदर्शिता : ऑडिट करके उद्योग को जवाबदेह बनाया जा सकता है कि किन कंपनियों के पास नैतिकता-प्रशिक्षित AI टीमें हैं और क्या वे अपने एल्गोरिदम के सामाजिक परिणामों की निगरानी कर रहे हैं।
सैंडबॉक्स डाटा
सैंडबॉक्स डाटा एक सुरक्षित एवं एकांत वातावरण है जो डाटा विश्लेषकों और डाटा वैज्ञानिकों को मुख्य डाटा भंडार की सुरक्षा एवं अखंडता को खतरे में डाले बिना डाटा का अन्वेषण, प्रयोग और सहयोग करने की अनुमति देता है।
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