संदर्भ
हाल ही में, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों एवं विभागों को फरवरी 2023 तक ई-ऑफिस 7.0 (e-office 7.0) को अपनाने का निर्देश दिया है।
ई-ऑफिस
- ई-ऑफिस राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre : NIC) द्वारा विकसित एक आंतरिक प्रणाली है।
- प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायत विभाग के अनुसार समय पर सुरक्षा ऑडिट एवं पर्याप्त फायरवॉल के साथ ई-ऑफिस अत्यधिक सुरक्षित प्रणाली है।
ई-ऑफिस से लाभ
- अब तक 74 मंत्रालय एवं विभाग ई-ऑफिस वर्जन 7.0 को अपना चुके हैं। आँकड़ों के अनुसार, विगत दो वर्षों में ई-फाइलों की संख्या में भारी वृद्धि देखी गई है।
- वर्ष 2020 में विभिन्न मंत्रालयों की ई-फाइलों की कुल संख्या 14.27 लाख थी, जो 30 सितंबर, 2022 तक बढ़कर 27.02 लाख हो गई। 31 मार्च, 2023 तक ऐसी फाइलों की संख्या बढ़कर 31.65 लाख तक हो जाने का अनुमान है।
अवर्गीकृत फाइलें
- ध्यातव्य है कि ई-ऑफिस दो-चरणीय प्रमाणीकरण (Two-factor Authentication) के साथ अवर्गीकृत फाइलों के लिये इंटरनेट के बजाए निकनेट (NICNET) पर उपलब्ध है।
निकनेट (NICNET)
- राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (NIC) अपने सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी नेटवर्क (Network)– निकनेट के माध्यम से देश के केंद्र सरकार, राज्य सरकारों, केंद्र शासित प्रदेशों एवं जिला प्रशासन के सभी मंत्रालयों/विभागों में संस्थागत संपर्क रखता है।
- निकनेट एक उपग्रह आधारित राष्ट्रव्यापी कंप्यूटर-संचार नेटवर्क है, जो कि एक प्रकार का वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) है।
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- इसमें डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित प्रमाण पत्र एवं ई-हस्ताक्षर के साथ दस्तावेजों के प्रमाणीकरण की अनिवार्य विशेषताएं शामिल हैं।
- वर्तमान मानदंडों के अनुसार, ई-ऑफिस गोपनीय, अति गोपनीय एवं वर्गीकृत पत्र-व्यवहार की आवश्यकताओं को पूरा नहीं करता है और ऐसी फाइलें केवल भौतिक तरीके से ही संभाली जाती हैं।