चर्चा में क्यों
भारत-संयुक्त अरब अमीरात व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (Comprehensive Economic Partnership Agreement : CEPA) आधिकारिक तौर पर 1 मई 2022 को लागू हुआ।
प्रमुख बिंदु
- भारत एवं संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के बीच यह ऐतिहासिक समझौता 18 फरवरी 2022 को हस्ताक्षरित किया गया था।
- इसके तहत भारत के रत्न एवं आभूषण क्षेत्र में किये जाने वाले निर्यात पर शून्य सीमा शुल्क लगेगा।
- भारत को अपनी 97% से अधिक टैरिफ लाइनों पर यू.ए.ई. द्वारा प्रदान की जाने वाली तरजीही बाजार पहुँच से लाभ होगा, जो मूल्य के संदर्भ में यू.ए.ई. को भारतीय निर्यात का 99% हिस्सा है।
- इनमें विशेष रूप से श्रम-गहन क्षेत्रों, जैसे- रत्न और आभूषण, वस्त्र, चमड़े, जूते-चप्पल, खेल के सामान, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि व लकड़ी के उत्पाद, इंजीनियरिंग उत्पाद, फार्मास्यूटिकल्स, चिकित्सा उपकरण एवं ऑटोमोबाइल शामिल हैं।
- सेवाओं में व्यापार के संबंध में भारतीय सेवा प्रदाताओं की 11 व्यापक सेवा क्षेत्रों के लगभग 111 उप-क्षेत्रों तक पहुँच में वृद्धि होगी।
संभावनाएँ
- इस समझौते से अगले 5 वर्षों में माल में द्विपक्षीय व्यापार के कुल मूल्य को 100 बिलियन अमेरिकी डॉलर और सेवाओं में व्यापार को 15 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक तक बढ़ाने की उम्मीद है।
- विदित है कि भारत अन्य पूरक अर्थव्यवस्थाओं के साथ बहुत तेज गति से व्यापार समझौतों पर बातचीत कर रहा है और ब्रिटेन, कनाडा व यूरोपीय संघ के साथ वार्ता प्रगति पर है। भारत के अगले 25 वर्षों में (वर्ष 2047 तक) 40 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था होने की उम्मीद है।