प्रारंभिक परीक्षा – व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
रूस व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी) के अपने अनुसमर्थन को रद्द कर सकता है।
प्रमुख बिंदु
- रूस के व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि से अपने अनुसमर्थन को वापस लेने की संभावना है।
- रूस ने 2000 में समझौते की पुष्टि की थी। अमेरिका ने अभी तक समझौते की पुष्टि नहीं किया है।
- रूस व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि को रद्द कर अमेरिका के समान हो जायेगा क्योंकि संयुक्त राज्य अमेरिका सहित कुछ देशों ने इसका अनुमोदन करने से मना कर दिया था।
- सीटीबीटी एक वैश्विक संधि है जिसे 1996 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा अपनाया गया था।
- इसका उद्देश्य सैन्य या शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए सभी परमाणु विस्फोटों को प्रतिबंधित करना है।
- हालाँकि कई देशों द्वारा अपूर्ण अनुसमर्थन प्रक्रिया के कारण यह अभी तक लागू नहीं हुआ है।
व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि (सीटीबीटी):
- सीटीबीटी की उत्पत्ति संयुक्त राज्य अमेरिका और सोवियत संघ के बीच हथियारों की दौड़ से लगाया जा सकता है जिसने 1945 से 1996 तक कई परमाणु परीक्षण किए जिससे रेडियोधर्मी विकिरण के कारण पर्यावरण और स्वास्थ्य से संबंधित चिंताएं पैदा हुईं।
- परमाणु परीक्षण को सीमित करने के लिए कई प्रयास किए गए जिनमें 1963 में सीमित परमाणु परीक्षण-प्रतिबंध संधि भी शामिल है
- 1963 के सीमित परमाणु परीक्षण-प्रतिबंध संधि ने वायुमंडल, बाहरी अंतरिक्ष और पानी के भीतर परीक्षणों पर रोक लगा दी लेकिन भूमिगत परीक्षण की अनुमति दी।
- 1996 में स्थापित सीटीबीटी ने शीत युद्ध की समाप्ति के बाद कम हुए भू-राजनीतिक तनाव का लाभ उठाते हुए विस्फोटक परमाणु परीक्षण पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की मांग प्रारंभ हुई ।
- सीटीबीटी एक बहुपक्षीय संधि है जो परमाणु विस्फोटों के सभी रूपों चाहे सैन्य या शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए हो प्रतिबंध लगाती है।
- हालाँकि इसे 1996 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा अपनाया गया था फिर भी यह अभी अनुसमर्थन चरण में ही है।
- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि को 1996 में अपनाने के बावजूद कुछ देशों ने परमाणु परीक्षण किए हैं जिनमें भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया शामिल हैं।
- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि को लागू करने हेतु परमाणु प्रौद्योगिकी वाले 44 देशों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता है।
- चीन, मिस्र, भारत, ईरान, इज़राइल, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे आठ ने अभी तक समझौते की पुष्टि नहीं किया हैं ।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- 1963 के सीमित परमाणु परीक्षण-प्रतिबंध संधि ने वायुमंडल, बाहरी अंतरिक्ष और पानी के भीतर परीक्षणों पर रोक लगा दी लेकिन भूमिगत परीक्षण की अनुमति दी।
- चीन, मिस्र, भारत, ईरान, इज़राइल, उत्तर कोरिया, पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे देशों ने अभी तक अभी तक समझौते की पुष्टि नहीं किया है।
- व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि को लागू करने हेतु परमाणु प्रौद्योगिकी वाले 60 देशों द्वारा अनुसमर्थन की आवश्यकता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (b)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि क्या है ? व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि विश्व शांति के लिए क्यों महत्त्वपूर्ण है? विवेचना कीजिए।
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स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस