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पश्चिम एशिया में संघर्ष विस्तार

प्रारंभिक परीक्षा- लाल सागर
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2, वैश्विक समूह 

संदर्भ-

पश्चिम एशिया परिवर्तन की दौर से गुजर रहा है। इजरायल और हमास के बीच सैन्य टकराव के रूप में शुरू हुआ मामला क्षेत्रीय सुरक्षा संकट में बदल गया है।

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मुख्य बिंदु-

  • गाजा पर इज़राइल का हमला 100 दिनों के बाद भी जारी है।
  • इस क्षेत्र में सुरक्षा संबंधित संकट व्यापक होता जा रहा है।
  • हिजबुल्लाह, कताइब हिज़बुल्लाह, हशद अल-शबीहूती, ईरान, पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका अब एक विस्तारित संघर्ष का हिस्सा बन चुके हैं। 

इज़राइल-हमास युद्ध का प्रभाव-

  • हमास के सीमा पार हमले के बाद इज़राइल ने गाजा पर हमले करना शुरू कर दिया। 
  • ईरान समर्थित लेबनानी शिया समूह हिजबुल्लाह ने फ़िलिस्तीनियों के साथ अपनी एकजुटता दिखायी।  
  • हिजबुल्लाह ने इज़रायल-नियंत्रित क्षेत्र शेबा फ़ार्म्स में इज़रायली बलों पर रॉकेट दागे।
  • इजरायल के हमले से परेशान अरब देश इजरायल पर दबाव बनाने के लिए कूटनीति का रास्ता तलाश रहे हैं।

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  • यमन के शिया मिलिशिया हूती ने फिलिस्तीनियों के साथ एकजुटता दिखाते हुए लाल सागर में वाणिज्यिक जहाजों पर हमला करना शुरू कर दिया। 
  • इसके बाद अनेक शिपिंग कंपनियों को लाल सागर में परिचालन निलंबित करने के लिए मजबूर होना पड़ा है।

लाल सागर- 

  • यह भूमध्य सागर को अरब सागर (हिंद महासागर) से जोड़ता है।
  • इसके उत्तर में सिनाई प्रायद्वीप, अकाबा की खाड़ी और स्वेज़ की खाड़ी स्थित हैं।
  • इसके दक्षिण में बाब अल मंदेब जलडमरूमध्य और अदन की खाड़ी हैं।
  • यह अफ्रीका को एशिया से अलग करता है।
  • सीमावर्ती देश: मिस्र, सऊदी अरब, यमन, सूडान, इरिट्रिया और ज़िबूती।
  • जब हूती हमलों ने लाल सागर में यातायात को खतरे में डाल दिया, तो अमेरिका ने यमन में हूती ठिकानों पर हवाई हमले करना शुरू कर दिया। 
  • हशद अल-शबी, इराक और सीरिया की ‘शिया मोबिलाइजेशन फोर्सेज’ ने दोनों देशों में तैनात अमेरिकी सैनिकों पर हमले करना शुरू कर दिया। 
  • ‘शिया मोबिलाइजेशन फोर्सेज’ को ईरान का भी समर्थन प्राप्त है। 
  • इसके बाद अमेरिका ने सीरिया और ईराक पर हमले किए तथा बगदाद में हशद अल-शबी के एक कमांडर को मार डाला।
  • इजरायल ने सीरिया और लेबनान पर कई हमले किए, जिसमें हमास, हिजबुल्लाह और ईरानी कमांडर मारे गए हैं। 
  • बढ़ती अस्थिरता के कारण इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने जनवरी 2020 में अमेरिका द्वारा मारे गए ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी के स्मारक कार्यक्रम पर हमला कर दिया। 
  • इस्लामिक स्टेट बढ़ते क्षेत्रीय और घरेलू दबाव में आ रहा था।
  • इसके बाद ईरान ने इराक के कुर्दिस्तान, सीरिया और पाकिस्तान में हमले किए।
  • जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान ने ईरान में हवाई हमले किए।

संघर्ष के मुख्य देश- 

  • संघर्ष से संबंधित अनेक प्लेयर मौजूद हैं, किंतु तीन देश मुख्य केंद्र हैं - इज़रायल, ईरान और अमेरिका। 
  • इजरायल का उद्देश्य- 
    • इज़रायल के अनुसार, जब तक वह अपने उद्देश्यों को पूरा नहीं कर लेता तब तक वह गाजा पर हमले करता रहेगा। इसके उद्देश हैं-
    1.  हमास को खत्म करना 
    2. इजरायली बंधकों को रिहा करना
  • ईरान का उद्देश्य-
    1. ईरान पश्चिम एशिया में इजरायल विरोधी सभी गैर-राज्य कारकों का मुख्य समर्थक है।
    2. ये कारक चाहे हमास हो, इस्लामिक जिहाद, हिजबुल्लाह, हूती या इराक और सीरिया के शिया मिलिशिया। 
  • अमेरिका का उद्देश्य – 
    1. इज़राइल की सुरक्षा सुनिश्चित करना
    2. इस क्षेत्र में तैनात अमेरिकी सैनिकों और संपत्तियों की सुरक्षा 
    3. इस क्षेत्र में अमेरिकी नेतृत्व वाले व्यवस्था को दृढ़ता से सुनिश्चित करना
  • इस प्रकार-
  • अमेरिका के सहयोग से इज़रायल पूर्ण फिलिस्तीनियों पर हमले कर रहा है।
  • ईरान समर्थित संगठन प्रतिशोध में इज़राइल और अमेरिकी ठिकानों पर हमला कर रहे हैं।
  • ईरान अपनी प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करना चाहता है।
  • अमेरिका अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए इन संगठनों पर हमले कर रहा है।

क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए खतरा-

  • यह एक अस्थिर स्थिति है।
  • पश्चिम एशिया में पहले भी राष्ट्र राज्यों (ईरान और इराक; इज़राइल तथा अरब देशों) और राज्यों एवं गैर-राज्य कारकों (हिज़बुल्लाह और हमास के साथ इज़राइल के युद्ध) के बीच संघर्ष हुए हैं। 
  • वर्तमान में यह क्षेत्र व्यापक सुरक्षा संकट का सामना कर रहा है, जिसमें शक्तिशाली देश और गैर-राज्य कारक दोनों शामिल हैं।
  • पश्चिम एशिया को वर्ष, 1967 में एक बड़े अंतरराष्ट्रीय युद्ध का सामना करना पड़ा था, जब इज़रायल ने आसपास के अरब देशों पर हमले कर दिए थे। 
  • वर्ष, 1967 का युद्ध अरबों के खिलाफ इजरायल की निर्णायक जीत के साथ छह दिनों में समाप्त हो गया था। 
  • वर्तमान संघर्ष 100 दिन बाद भी जारी है और लगातार बढ़ता ही जा रहा है।
  • अतीत में अमेरिका ने अपने भू-राजनीतिक स्थिति का विस्तार करते हुए पश्चिम एशिया में महत्वपूर्ण उपस्थिति बरकरार रखी थी।
  • इस समय अमेरिका के प्रतिद्वंद्वी खतरों की लाइन को तोड़ने को लेकर सावधान थे। 
  • यह पश्चिम एशिया में अमेरिकी नेतृत्व वाली व्यवस्था का आधार था। 
  • ईरान वर्ष, 1979 से इस संघर्ष से बाहर रहा और उसने कभी भी अमेरिका या इज़राइल के साथ सीधे युद्ध का जोखिम नहीं उठाया। 
  • वर्तमान संकट से पता चलता है कि पुरानी व्यवस्था जर्जर हो चुकी है। 
  • ईरान समर्थित गैर-राज्य कारक सीधे तौर पर इजरायली और अमेरिकी दोनों पर हमले कर रहे हैं।
  • ईरान भी सीमा पार हमलों के माध्यम से अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। 
  • हूती ने दुनिया के सबसे व्यस्त शिपिंग मार्गों में से एक लाल सागर को सुरक्षा प्रदान करने की अमेरिका की क्षमता को चुनौती दी है। 
  • अरब देश अमेरिका के सहयोगी बने हुए हैं।
  • गाजा पर इजरायल के हमले को लेकर अमेरिका के बिना शर्त समर्थन से अरब देशों में निराशा बढ़ रही है। 
  • युद्ध समाप्त करने में असमर्थ होने और शिया मिलिशिया के साथ युद्धों  के कारण अमेरिका भी पश्चिम एशिया में एक विघटनकारी की तरह काम कर रहा है, न कि शांति, स्थिरता और निरोध के गारंटर के रूप में।

आगे की राह-

  • वर्तमान में इस बहुकेंद्रित संकट से निकलने का कोई स्पष्ट रास्ता नहीं दिख रहा है। 
  • 100 से अधिक दिनों के युद्ध के बाद भी इज़राइल ने अपने निर्धारित लक्ष्यों को गाजा में बहुत कम प्राप्त किया है। 
  • इस प्रकार निकट भविष्य में आक्रामकता के कम होने की संभावना नहीं दिखती है।
  • जब तक इजराइल युद्ध जारी रखेगा, तब तक हिजबुल्लाह और हूती भी अपने हमले जारी रखेंगे। 
  • पिछले सात वर्षों से हूती पर सऊदी अरब ने कार्रवाई नहीं की है। 
  • देखना होगा कि वर्तमान में हूती पर अमेरिकी हवाई हमलों का प्रतीकात्मक मूल्यों के अलावा कोई वास्तविक निवारक प्रभाव होगा या नहीं। 
  • इराक और सीरिया में शिया यूनिट पर अमेरिकी हमलों ने उन्हें नए हमले शुरू करने से नहीं रोक पाया है। 
  • ऐसे में यदि अस्थिरता और फैलती है, तो इस्लामिक स्टेट और अन्य जिहादी संगठन इस स्थिति का फायदा उठाने की कोशिश करेंगे। 
  • इराक और सीरिया आंतरिक और बाहरी चुनौतियों के प्रति संवेदनशील हैं। 
  • ईरान ने बल प्रयोग करने की कोशिश की है, लेकिन पाकिस्तान की प्रतिक्रिया ने ईरान की सीमाओं को रेखांकित कर दिया है। 
  • कभी पश्चिम एशिया में मुख्य भूमिका निभाने वाला अमेरिका वर्तमान में इस क्षेत्र को अराजकता में डूबते हुए देख रहा है।
  • संकट के इस समय में आशा की एकमात्र किरण यह है कि सऊदी अरब और ईरान के संबंधों में सुधार हो तथा सऊदी एवं हूती के बीच शांति कायम रहे।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- लाल सागर के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. यह भूमध्य सागर को अरब सागर (हिंद महासागर) से जोड़ता है।
  2. इसके उत्तर में सिनाई प्रायद्वीप, अकाबा की खाड़ी और स्वेज़ की खाड़ी स्थित हैं।
  3. इसके दक्षिण में बाब अल मंदेब जलडमरूमध्य और अदन की खाड़ी हैं।
  4. यह अफ्रीका को एशिया से अलग करता है।

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1, 2 और 3

(b) केवल 2, 3 और 4

(c) केवल 1, 3 और 4

(d) 1, 2, 3 और 4

उत्तर- (d)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- युद्ध समाप्त करने में असमर्थ होने और शिया मिलिशिया के साथ युद्धों  के कारण अमेरिका भी पश्चिम एशिया में एक विघटनकारी की तरह काम कर रहा है, न कि शांति, स्थिरता और निरोध के गारंटर के रूप में। विवेचना कीजिए।

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