(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 : संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)
संदर्भ
हाल ही में, वैज्ञानिकों ने ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ के संरक्षण हेतु एक नई क्रायोमेश तकनीक का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया है।
क्रायोमेश तकनीक
- इस तकनीक के तहत -196°C (-320.8°F) पर प्रवाल लार्वा को संग्रहीत किया जाएगा।
- वैज्ञानिकों के अनुसार क्रायोजेनिक रूप से जमे हुए प्रवाल को संग्रहीत कर इसे पुनर्स्थापित किया जा सकेगा।
- विदित है कि जलवायु परिवर्तन एवं बढ़ते तापमान के कारण ग्रेट बैरियर रीफ ने विगत सात वर्षों में चार ब्लीचिंग घटनाओं का सामना किया है।
ग्रेट बैरियर रीफ पर संकट
- ग्रेट बैरियर रीफ के अस्तित्व के लिये सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन-जनित वैश्विक तापन है, जिसके परिणामस्वरूप प्रवाल विरंजन की घटना होती है।
- पिछले कुछ दशकों में जलवायु परिवर्तन के कारण औसत समुद्री तापमान में वृद्धि हुई है। ग्रीनहाउस गैसों में कटौती के संदर्भ में सभी सकारात्मक दृष्टिकोणों और अनुमानों के बावजूद सदी के अंत तक समुद्र के तापमान में 1.5°C से 2°C की वृद्धि होने की संभावना है।
- संयुक्त राष्ट्र के एक अनुमान के अनुसार, पृथ्वी के तापमान में अगले दशक में 1.5°C की वृद्धि हो जाएगी जिससे ब्लीचिंग की आवृति में वृद्धि की घटनाएँ सामने आ सकती है।
ग्रेट बैरियर रीफ
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- ऑस्ट्रेलिया का ग्रेट बैरियर रीफ 2,300 किमी. में विस्तृत विश्व का सबसे बड़ा कोरल रीफ तंत्र है जिसमें लगभग 3,000 से अधिक रीफ हैं।
- यह 400 से अधिक प्रवालों की मेज़बानी करता है तथा मछलियों की 1,500 प्रजातियों और 4,000 प्रकार के मोलस्क को आश्रय देता है।
- हाल ही में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) ने ग्रेट बैरियर रीफ को ‘विश्व धरोहर स्थलों की संकटग्रस्त सूची’ में जोड़ने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया है।
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प्रवाल विरंजन की घटनाएँ
- ग्रेट बैरियर रीफ की पहली सामूहिक विरंजन घटना वर्ष 1998 में घटित हुई, जब अल नीनो के कारण प्रशांत महासागर में समुद्री सतह के गर्म हो जाने से विश्व के लगभग 8% प्रवाल मृत हो गए। दूसरी घटना वर्ष 2002 में घटित हुई, लेकिन सबसे लंबी और हानिकारक विरंजन घटना वर्ष 2014 से 2017 तक देखी गई।
- बड़े पैमाने पर प्रवाल विरंजन की घटना को वर्ष 2020 में तथा वर्ष 2022 की शुरुआत में भी देखा गया। मार्च 2022 में किये गए एक सर्वेक्षण के अनुसार 91% चट्टानें विरंजन से प्रभावित थीं।
प्रवाल विरंजन
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- प्रवाल एकल-कोशिका वाले शैवाल के साथ सहजीवी संबंध साझा करते हैं जिन्हें ज़ूक्सेन्थेला (zooxanthellae) कहा जाता है। ये शैवाल प्रकाश संश्लेषण द्वारा प्रवालों के लिये भोजन तैयार करते हैं और उन्हें उनका जीवंत रंग भी प्रदान करते हैं।
- तापमान, प्रदूषण या समुद्री अम्लता के उच्च स्तर जैसी स्थितियों के कारण ज़ूक्सेन्थेला प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (Reactive Oxygen Species) का उत्पादन करना शुरू कर देते हैं जो प्रवालों के लिये हानिकारक होती हैं।
- यहीं कारण है कि प्रवाल अपने पॉलीप्स से रंग देने वाले शैवालों को बाहर निकाल देते हैं, जिससे उनका पीला-सफेद रंग का बाह्य कंकाल दिखने लगता है।
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प्रवाल विरंजन के कारण
- भूमण्डलीय तापन (global warming) के कारण महासागरीय जल के औसत तापमान में वृद्धि,
- अल नीनो दक्षिणी दोलन (ENSO) परिघटना के फलस्वरूप महासागरीय जल के सामान्य तापमान में वृद्धि,
- सागरीय प्रदूषण,
- पराबैंगनी विकिरण स्तर में वृद्धि,
- स्थानीय कारक जैसे- अवसाद जमाव में वृद्धि, सागरीय जल की लवणता में वृद्धि, तटीय क्षेत्रों में खनन कार्य आदि।
क्या है प्रवाल भित्तियाँ
- प्रवाल भित्तियाँ पानी के भीतर की संरचनाएँ हैं जो समुद्री अकशेरुकी जीवों (रीढ़विहीन जीव) के कंकालों से बनी होती हैं जिन्हें मूंगा या प्रवाल कहा जाता है। ये पृथ्वी पर सबसे बड़ी जीवित संरचनाएँ हैं।
- प्रत्येक प्रवाल को एक पॉलीप के रूप में जाना जाता है और ऐसे हजारों पॉलीप्स एक कॉलोनी/समूह के रूप में एक साथ रहते हैं।
प्रवाल के प्रकार
- कठोर प्रवाल : ये बाह्य कंकाल (Exoskeletons) बनाने के लिये समुद्री जल से कैल्शियम कार्बोनेट प्राप्त करते हैं। ये रीफ पारितंत्र के इंजीनियर माने जाते हैं।
- मुलायम प्रवाल : ये अपने पूर्वजों द्वारा बनाए गए कंकालों से स्वयं को जोड़ लेते हैं तथा कुछ वर्षों में ये स्वयं के कंकालों को भी कठोर संरचना में परिवर्तित कर देते हैं। ये बढ़ती संरचनाएँ धीरे-धीरे प्रवाल भित्तियों का निर्माण करती हैं।
प्रवाल भित्तियों के लाभ
- प्रवाल भित्तियाँ समुद्र तल का केवल 1% हिस्सा होने के बावजूद 25% से अधिक समुद्री जैव विविधता को धारण करती हैं।
- प्रवाल भित्तियों द्वारा धारित समुद्री जीवन वैश्विक मत्स्य उद्योग को बढ़ावा देता है।
- साथ ही, प्रवाल भित्ति तंत्र वस्तु एवं सेवा व्यापार तथा पर्यटन के माध्यम से 2.7 ट्रिलियन डॉलर वार्षिक आर्थिक मूल्य उत्पन्न करता है।