प्रारम्भिक परीक्षा: संवैधानिक प्रावधान, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972। मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र:3 - संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन। |
सुर्खियों में क्यों ?
हाल ही में, उत्तर प्रदेश में अमेठी जिला के मोहम्मद आरिफ़ और सारस की दोस्ती काफी चर्चित रही है।
महत्त्वपूर्ण बिन्दु
- वन विभाग ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा- 48 A के तहत सारस पक्षी को उसके प्राकृतिकवास समसपुर पक्षी विहार (रायबरेली, उत्तरप्रदेश) में छोड़ दिया है।
सरकार की प्रतिक्रिया
- वन विभाग के अधिकारी के अनुसार, आरिफ़ ने पक्षी की जान बचाकर मानव और प्रकृति प्रेम का सुंदर उदाहरण प्रस्तुत किया है, लेकिन आरिफ को उसके बाद स्थानीय वन प्राधिकारी से संपर्क करके इसे वापस कर देना चाहिए था, क्योंकि यह उत्तर प्रदेश का संरक्षित पक्षी है और ऐसा न करने पर पर आरिफ के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 2, 9, 29, 51 और धारा 52 के तहत केस दर्ज किया गया है।
सारस के बारे में
- वर्ष 2014 में इसे उत्तर प्रदेश का राजकीय पक्षी घोषित किया गया ।
- यह दुनिया में उड़ने वाले पक्षियों में सबसे विशाल पक्षी है ।
- इसका नाम संस्कृत शब्द सरसा से लिया गया है जिसका अर्थ "झील पक्षी" है ।
- वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV के तहत सूचीबद्ध किया गया है।
- अनुसूची I, II एवं III की अपेक्षाकृत अनुसूची IV के अंतर्गत दंड का प्रावधान कम है ।
- IUCN की रेड लिस्ट में vulnerable (भेद्य) के रूप में भी सूचीबद्ध किया गया है।
- CITES की परिशिष्ट II में सूचीबद्ध किया गया है
- विश्व वन्यजीव कोष (WWF) के अनुसार,भारत में इनकी आबादी लगातार घट रही है, भारत में इनकी संख्या लगभग 15,000-20,000 बची हुई है, जिनमें से अधिकांश उत्तर प्रदेश में हैं।
प्राकृतिक आवास
- आमतौर पर आर्द्रभूमि जैसे दलदली स्थानों में निवास करते हैं।
विश्व में कहाँ पाए जाते हैं ?
- भारतीय उपमहाद्वीप - भारत, नेपाल और पाकिस्तान
- दक्षिण पूर्व एशिया - कंबोडिया, लाओस, वियतनाम और म्यांमार
- ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप में भी पाए जाते हैं ।
सांस्कृतिक महत्व
- भारत में पाये जाने वाले सारस पक्षी यहां के स्थाई प्रवासी होते हैं ।
- विश्व के प्रथम ग्रंथ रामायण की प्रथम कविता का श्रेय सारस पक्षी को जाता है।
कुछ प्रमुख प्रावधान
- वन्य जीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की धारा 16 C के तहत,
- जंगली पक्षियों या सरीसृपों, उनके अंडों या उनके घोसलों को नुकसान पहुंचाना अपराध है और दोषी पाए जाने पर 3 से 7 वर्ष की कैद और 25 हजार रुपये का जुर्माना हो सकता है।
- किसी संरक्षित पशु /पक्षी को लोहे की जंजीर या भारी रस्सी से बांधना अपराध की श्रेणी में आता है
- इस मामले में 3 महीने की जेल हो सकती है और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
- The Prevention of Cruelty to Animals Act, 1960 की धारा 11 (1) के तहत;
- यदि आप अपने पालतू जानवर को भूखा रखते हैं, मारते-पीटते हैं या उसे छोड़ देते हैं और इससे उसकी मौत हो जाती है तो आपको तीन माह की जेल हो सकती है।
भारत सरकार द्वारा वन्यजीव संरक्षण हेतु किए गए संवैधानिक प्रावधान
- अनुच्छेद 48A - पर्यावरण की रक्षा और सुधार करे और वन्य जीवन और वनों की रक्षा करे।
- अनुच्छेद 51A - मौलिक कर्तव्यों के अंतर्गत वनों, झीलों, नदियों और वन्य जीवन सहित प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा और सुधार करना और जीवित प्राणियों के प्रति दया भाव रखना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य होगा ।
- उपरोक्त दोनों अनुच्छेद, 42वें संशोधन,1976 द्वारा संविधान में जोड़ा गया था।
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम,1972 की मुख्य विशेषताएं
- यह अधिनियम संकटग्रस्त जानवरों, पक्षियों और पौधों को सूचीबद्ध करके उनको संरक्षित करने हेतु बनाया गया है ।
- इसमें 66 धाराएं और 6 अनुसूचियां हैं ;
- अनुसूची-1 तथा अनुसूची-2 के तहत शामिल वन्यजीवों को पूर्ण सुरक्षा प्रदान है तथा इनके तहत अपराधों के लिए उच्चतम दंड निर्धारित है।
- अनुसूची-3 और अनुसूची-4 भी संरक्षण प्रदान करते हैं, लेकिन इसके अंतर्गत दंड का प्रावधान बहुत कम हैं।
- अनुसूची-5 वह जानवर शामिल हैं, जिनका शिकार हो सकता है।
- अनुसूची-6 में शामिल पौधों की खेती और रोपण पर रोक है।
- पहली बार देश के लुप्तप्राय वन्यजीवों की एक व्यापक सूची तैयार की गई।
- अधिनियम ने लुप्तप्राय प्रजातियों के शिकार पर रोक लगा दी।
- अनुसूचित पशुओं को अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार व्यापार करने से प्रतिबंधित किया गया है।
- यह वन्यजीव अभयारण्यों, राष्ट्रीय उद्यानों आदि की स्थापना का प्रावधान करता है।
- इसके प्रावधानों ने केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के गठन का मार्ग प्रशस्त किया।
- यह भारत में चिड़ियाघरों की निगरानी के लिए जिम्मेदार केंद्रीय निकाय है।
- इसकी स्थापना 1992 में हुई थी।
- इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक वैधानिक संगठन के रूप में राष्ट्रीय वन्यजीव बोर्ड का गठन किया गया था।
- यह एक सलाहकार बोर्ड है जो भारत में वन्यजीव संरक्षण के मुद्दों पर केंद्र सरकार को सलाह देता है।
- यह वन्य जीवन, राष्ट्रीय उद्यानों, अभयारण्यों आदि की परियोजनाओं से संबंधित सभी मामलों की समीक्षा और अनुमोदन करने वाला शीर्ष निकाय भी है।
- इसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री करते हैं।
- वन्यजीव संरक्षण कानून के तहत कुछ जानवरों के अवैध शिकार और उनकी खाल या शरीर के किसी अन्य हिस्से के व्यापार पर रोक लगाया गया है।
संबंधित प्रश्न - सारस के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन से कथन सही हैं?
- सारस दुनिया का उड़ने वाला विशाल पक्षी है ।
- इसे 2014 में उत्तर प्रदेश का आधिकारिक राज्य पक्षी घोषित किया गया था।
- यह वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची I में सूचीबद्ध है ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सत्य कथन है/हैं ?
- केवल 1
- केवल 2
- 1और 2 दोनों
- उपरोक्त सभी
उत्तर : C
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