चर्चा में क्यों?
म्याँमार में राजनीतिक अस्थिरता और भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों में चुनावों में बढ़ती भागीदारी के कारण कुकी-चिन समुदाय चर्चा का विषय बना हुआ है।
कुकी-चिन समुदाय
- ये मुख्यतः दक्षिण-पूर्व एशियाई ‘ज़ोमी’ वंश समूह से संबंधित हैं, जो म्यांमार के चिन क्षेत्र के मूल निवासी हैं। इस समुदाय के लोग तिब्बती-बर्मन भाषा बोलते हैं।
- ये समुदाय मिज़ोरम के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में मिज़ो हिल्स क्षेत्र के निवासी हैं। ‘चिन’ का प्रयोग म्याँमार के चिन प्रांत के समूह के लिये किया जाता है जबकि भारतीय क्षेत्र में चिन समुदाय को ‘कुकी’ कहते हैं।
- बांग्लादेश-भारत-म्यांमार के मध्य त्रिकोणीय क्षेत्र में रहने वाले कुकी-चिन-मिज़ो समुदाय का प्रमुख त्योहार कुट है।
कुकी विद्रोह
- इस समुदाय ने ब्रिटिश आधिपत्य का पहला प्रतिरोध वर्ष 1917-19 के दौरान कुकी विद्रोह के रूप में किया, जिसके पश्चात् प्रशासन को ब्रिटिश भारत और ब्रिटिश बर्मा में विभाजित कर दिया गया।
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान कुकी जाति के लोगो ने इंपीरियल जापानी सेना और सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली आज़ाद हिंद फौज़ के साथ लड़ाई लड़ी।