(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1 : महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ)
संदर्भ
हाल ही में, नासा (NASA) ने ‘मुस्कुराते हुए’ (Smiling) सूर्य की तस्वीर को साझा किया है। इस तस्वीर में सूर्य की सतह पर काले धब्बे (Dark Patches) हैं जो आँख एवं मुस्कान के सदृश्य प्रतीत होते हैं। यह तस्वीर नासा सौर गतिकी वेधशाला ने ली है।
कोरोनल होल के बारे में
- नासा के अनुसार, इन काले धब्बों को ‘कोरोनल होल्स’ (Coronal Holes) कहा जाता है। इसे पराबैंगनी प्रकाश में देखा जा सकता है लेकिन आमतौर पर आंखों के लिये अदृश्य होते हैं।
- ये सूर्य की सतह पर वे क्षेत्र होते हैं जहां से तीव्र सौर पवनें अंतरिक्ष में निकलती है।
- इन क्षेत्रों में सौर सामग्री बहुत कम होने के कारण इनका तापमान कम होता है और इस प्रकार वे अपने आस-पास की तुलना में बहुत अधिक गहरे रंग के दिखाई देते हैं।
- इन क्षेत्रों में चुंबकीय क्षेत्र अंतरग्रहीय अंतरिक्ष के लिये खुला होता है जो सौर पवन की तेज गति वाली धारा के रूप में सौर सामग्री को बाहर भेजता है। कोरोनल होल की स्थिति कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक रह सकती हैं।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में सूर्य की कुल सतह के लगभग छह से आठ प्रतिशत पर कोरोनल होल देखे गए थे।
कोरोनल होल एवं प्रभाव
- ये होल कोई अनोखी घटना नहीं है, जो पूरे सूर्य में लगभग 11 वर्ष के सौर चक्र में दिखाई देते हैं। ये सौर न्यूनतम (Solar Minima) के दौरान अधिक समय तक दिखाई दे सकते हैं। सौर न्यूनतम के समय सूर्य पर गतिविधि काफी कम हो जाती है।
- ये कोरोनल होल पृथ्वी के चारों ओर अंतरिक्ष के वातावरण को समझने के लिये महत्वपूर्ण हैं, जिसके माध्यम से प्रौद्योगिकी तथा अंतरिक्ष यात्री गुज़रते हैं।
- यद्यपि, कोरोनल होल का कारण स्पष्ट नहीं है किंतु ये सूर्य के उन क्षेत्रों से संबंधित होते हैं जहाँ चुंबकीय क्षेत्र ऊपर एवं दूर होते हैं और सतह पर लूप बैक (इलेक्ट्रॉनिक सिग्नल या डिजिटल डाटा स्ट्रीम का बिना किसी संशोधन के उसी रूप में स्रोत पर वापस आना) नहीं करते हैं।
- वैज्ञानिक इन तेज सौर पवन धाराओं का अध्ययन करते हैं क्योंकि वे कभी-कभी पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र पर प्रभाव डालते हैं, जिससे भू-चुंबकीय तूफान उत्पन्न होता है।
भू-चुंबकीय तूफान (Geomagnetic Storm)
- भू-चुंबकीय तूफान पृथ्वी के चुंबकीयमंडल (Magnetosphere) से संबंधित होते हैं। चुंबकीयमंडल किसी ग्रह के चारों ओर का वह स्थान होता है जो उसके चुंबकीय क्षेत्र (Magnetic Field) से प्रभावित होता है।
- जब एक उच्च गति वाली सौर धारा पृथ्वी पर पहुँचती है, तब कुछ परिस्थितियों में ऊर्जायुक्त और आवेशित सौर पवन कणों के ध्रुवों पर वायुमंडल से टकराने की संभावना होती है।
- पृथ्वी की ओर बढ़ने वाली धारा से ध्रुवीय क्षेत्रों में औरोरा (Aurora) प्रभाव उत्पन्न होते हैं। इससे उत्तरी और दक्षिणी ध्रुवों के आसमान में हरे रंग की रोशनी देखने को मिल सकती है।
- भू-चुंबकीय तूफान चुंबकीयमंडल में एक बड़ा विक्षोभ उत्पन्न करते हैं क्योंकि सौर पवन से पृथ्वी के आसपास के अंतरिक्षीय वातावरण में ऊर्जा का बहुत ही कुशलतापूर्वक विनिमय होता है।
- मजबूत सौर पवन के पृथ्वी पर पहुंचने से परिणामस्वरूप उत्पन्न भू-चुंबकीय तूफान से पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल के भाग, आयनमंडल में परिवर्तन हो सकता है।
- उपग्रहों के विकिरण के संपर्क में आने और रेडियो तथा जी.पी.एस. (GPS) सिग्नल के वायुमंडल की इस परत से गुजरने के कारण संचार बाधित हो सकता है।