चर्चा में क्यों
हाल ही में जारी ‘वैश्विक भ्रष्टाचार बोध सूचकांक-2021’ (Global Corruption Perceptions Index-2021) में भारत को 180 देशों में से 85वाँ स्थान प्राप्त हुआ है। वर्ष 2020 में भारत की रैंक 86वीं थी।
प्रमुख बिंदु
- इस वर्ष के सूचकांक में डेनमार्क, फ़िनलैंड और न्यूजीलैंड ने संयुक्त रूप से 88 अंक प्राप्त करके प्रथम स्थान हासिल किया है, जबकि दक्षिण सूडान ने 11 अंकों के साथ अंतिम स्थान प्राप्त किया है।
- इस सूचकांक में भारत के साथ मालदीव ने भी संयुक्त रूप से 85वाँ स्थान प्राप्त किया है।
- भारत के पड़ोसी देशों में भूटान ने 25वाँ तथा चीन ने 66वाँ स्थान प्राप्त किया हैं। जबकि सूचकांक में श्रीलंका, नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश एवं अफगानिस्तान का स्थान भारत से नीचे हैं।
सूचकांक की विशेषताएँ
- इस सूचकांक को ‘ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल’ द्वारा जारी किया जाता है, जो एक अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठन है, जिसकी स्थापना वर्ष 1993 में बर्लिन में हुई थी।
- इस सूचकांक का मुख्य उद्देश्य नागरिक उपायों के माध्यम से वैश्विक भ्रष्टाचार का मुकाबला करना तथा भ्रष्टाचार के कारण उत्पन्न होने वाली आपराधिक गतिविधियों को कम करना है।
- यह सूचकांक देशों एवं क्षेत्रों को उनके सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के आधार पर शून्य (अत्यधिक भ्रष्ट) से 100 के पैमाने पर स्थान प्रदान करता है।