चर्चा में क्यों?
हाल ही में, ‘भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण’ (जी.एस.आई.) ने मध्यप्रदेश के जबलपुर ज़िले में देश के पहले ‘जियोलॉजिकल पार्क’ की स्थापना को स्वीकृति प्रदान की। इस पार्क का निर्माण ‘मध्यप्रदेश पर्यटन विभाग’ द्वारा किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- भूवैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्त्वपूर्ण यह स्थान प्राकृतिक विरासत के संरक्षण के लिये यूनेस्को की भू-विरासत की अस्थायी सूची में पहले से ही शामिल है।
- नर्मदा घाटी क्षेत्र में विशेष रूप से जबलपुर के भेड़ाघाट-लम्हेटा घाट क्षेत्र में कई डायनासोर के जीवाश्म पाए गए थे।
- वर्ष 1828 में, भारतीय सिविल सेवा के अधिकारी विलियम स्लीमैन द्वारा इस क्षेत्र से डायनासोर के पहले जीवाश्म को एकत्र किया गया था।
- जी.एस.आई. ने जबलपुर के नर्मदा नदी के तट पर स्थित लम्हेटा गांव में पाँच एकड़ भूमि में भूगर्भीय चट्टानों के निर्माण की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिये वित्त का आवंटन किया है।
- केंद्र व राज्य के संयुक्त प्रयास से भेड़ाघाट में एक विज्ञान केंद्र भी बनेगा। इसमें भोजन, जल और मृदा जैसे विभिन्न विषयों के वैज्ञानिक सिद्धांतों सहित आधुनिक विज्ञान को बढ़ावा दिया जाएगा।
जियोलॉजिकल पार्क
- यह एक एकीकृत क्षेत्र होता है, जो भूवैज्ञानिक विरासत के संरक्षण और उपयोग को सतत तरीके से आगे बढ़ाता है। इससे वहाँ रहने वाले लोगों का आर्थिक कल्याण भी होता है।
- इसका उपयोग समाज के समक्ष आने वाले महत्त्वपूर्ण मुद्दों के बारे में जागरूकता प्रसारित करने के लिये भी किया जाता है।