प्रारंभिक परीक्षा – वित्त आयोग मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर-2, वित्त आयोग |
चर्चा में क्यों
18 जनवरी,2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने वित्त आयोग के लिए तीन पदों के सृजन को मंजूरी दी।

प्रमुख बिंदु
- वित्त आयोग के लिए संयुक्त सचिव के स्तर पर तीन पदों का सृजन किया गया।
- नवीन पदों में संयुक्त सचिव के दो पद और आर्थिक सलाहकार का एक पद है।
- वित्त आयोग के कार्यों को पूरा करने में सहायता करने के लिए इन नए पदों के सृजित की आवश्यकता थी।
- वित्त आयोग में अन्य सभी पद अनुच्छेद 280 में प्रदत्त शक्तियों के अनुसार पहले ही सृजित किए जा चुके हैं।
16 वाँ वित्त आयोग

- संविधान के अनुच्छेद 280 के माध्यम से सोलहवें वित्त आयोग का गठन 31 दिसंबर, 2023 को किया गया था।
- आयोग 1 अप्रैल, 2026 से शुरू होने वाली पांच साल की अवधि के लिए अपनी रिपोर्ट 31 अक्टूबर, 2025 तक उपलब्ध कराएगा।
- संविधान के अनुच्छेद 280 के खंड (1) के अनुसार वित्त आयोग का गठन हर पांचवें वर्ष या उससे पहले किया जाना है।
- इसका कार्य केंद्र और राज्यों की वित्तीय स्थितियों का मूल्यांकन करना, सहायता अनुदान, उनके बीच टैक्स के बटवारे की सिफारिश करना तथा राज्यों के बीच टैक्स के वितरण की रूपरेखा तय करना है।
सोलहवें वित्त आयोग की संदर्भ शर्तें:
- वित्त आयोग निम्नलिखित मामलों पर सिफारिशें करेगा
- संविधान के अध्याय I, भाग XII के तहत केंद्र सरकार और राज्यों के बीच करों के वितरण की सिफारिश करना।
- कर आय से राज्यों के बीच शेयरों का आवंटन करना।
- भारत की संचित निधि से राज्यों को सहायता अनुदान को नियंत्रित करने वाले सिद्धांतों की स्थापना करना।
- इसमें विशेष रूप से संविधान के अनुच्छेद 275 के तहत उस अनुच्छेद के खंड (1) के प्रावधानों में उल्लिखित उद्देश्यों से अलग उद्देश्यों के लिये राज्यों को सहायता अनुदान के रूप में प्रदान की जाने वाली राशि का निर्धारण करना शामिल है।
- राज्य की समेकित निधि को बढ़ाने के उपायों की पहचान करना।
- इसका उद्देश्य राज्य के अपने वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य के भीतर पंचायतों और नगर पालिकाओं के लिये उपलब्ध संसाधनों को पूरक बनाना है।
- वित्त आयोग आपदा प्रबंधन पहल से संबंधित वर्तमान वित्तपोषण संरचनाओं की समीक्षा कर सकता है।
- राज्य के वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में पंचायतों और नगर पालिकाओं के संसाधनों के पूरक उपाय के लिए राज्य की समेकित निधि को बढ़ाने के लिए आवश्यक उपाय सुझाना।
- आयोग आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 (2005 का 53) के तहत गठित निधियों के संदर्भ में आपदा प्रबंधन पहल के वित्त पोषण पर वर्तमान व्यवस्था की समीक्षा कर सकता है और उचित सिफारिशें करना।
15वाँ वित्त आयोग
- 15वें वित्त आयोग का गठन 27 नवंबर 2017 को किया गया था।
- इस आयोग ने 2020-21 से 2025-26 तक छः वर्ष की अवधि के लिए अपनी सिफारिशें दीं थीं।
- 15वें वित्त आयोग के तहत एन.के. सिंह ने सिफारिश की थी कि राज्यों को 2021-22 से 2025-26 की पांच साल की अवधि के दौरान केंद्र के विभाज्य कर पूल का 41% दिया जाए
- यह अनुशंसा 14वें वित्त आयोग द्वारा अनुशंसित स्तर के समान था।
वित्त आयोग
- भारत के संविधान में अनुच्छेद 280 के अंतर्गत अर्द्ध-न्यायिक निकाय के रूप में वित्त आयोग की व्यवस्था की गई है।
- इसका गठन राष्ट्रपति द्वारा हर पांचवें वर्ष या आवश्यकतानुसार उससे पहले किया जाता है।
संरचना
- वित्त आयोग में एक अध्यक्ष और चार अन्य सदस्य होते हैं, जिनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
- उनका कार्यकाल राष्ट्रपति के आदेश के तहत तय होता है। उनकी पुनर्नियुक्ति भी हो सकती है।
- संविधान ने संसद को इन सदस्यों की योग्यता और चयन विधि का निर्धारण करने का अधिकार दिया है।
- इसी के तहत संसद ने आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों की विशेष योग्यताओं का निर्धारण किया है।
- अध्यक्ष सार्वजनिक मामलों का अनुभवी होना चाहिए और अन्य चार सदस्यों को निम्नलिखित में से चुना जाना चाहिए:
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- किसी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश या इस पद के लिए योग्य व्यक्ति।
- ऐसा व्यक्ति जिसे भारत के लेखा एवं वित्त मामलों का विशेष ज्ञान हो।
- ऐसा व्यक्ति, जिसे प्रशासन और वित्तीय मामलों का व्यापक अनुभव हो।
- ऐसा व्यक्ति, जो अर्थशास्त्र का विशेष ज्ञाता हो।
वित्त आयोग के कार्य
- वित्त आयोग, भारत के राष्ट्रपति को निम्नांकित मामलों पर सिफारिशें करता है:
- संघ और राज्यों के बीच करों के शुद्ध आगामों का वितरण और राज्यों के बीच ऐसे आगमों का आवंटन।
- भारत की संचित निधि में से राज्यों के राजस्व में सहायता अनुदान को शासित करने वाले सिद्धांत।
- राज्य वित्त आयोग द्वारा की गई सिफारिशों के आधार पर राज्य में नगरपालिकाओं और पंचायतों के संसाधनों की अनुपूर्ति के लिए राज्य की संचित निधि के संवर्द्धन के लिए आवश्यक उपाए।
- राष्ट्रपति द्वारा आयोग को सुदृढ़ वित्त के हित में निर्दिष्ट कोई अन्य विषय।
- 1960 तक आयोग असम, बिहार, ओडीशा एवं पश्चिम बंगाल को प्रत्येक वर्ष जूट और जूट उत्पादों के निर्यात शुल्क में निवल प्राप्तियों की ऐवज में दी जाने वाली सहायता राशि के बारे में भी सुझाव देता था।
- संविधान के अनुसार, यह सहायता राशि दस वर्ष की अस्थायी अवधि तक दी जाती रही।
- वित्त आयोग अपनी रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपता है, जो इसे संसद के दोनों सदनों में रखता है।
- रिपोर्ट के साथ उसका आकलन संबंधी ज्ञापन एवं इस संबंध में उठाए जा सकने वाले कदमों के बारे में विवरण भी रखा जाता है।
सलाहकारी भूमिका
- वित्त आयोग की सिफारिशों की प्रकृति सलाहकारी होती है।
- यह केंद्र सरकार पर निर्भर करता है कि वह राज्य सरकारों को दी जाने वाली सहायता के संबंध में आयोग की सिफारिशों को लागू करे।
- संविधान में यह नहीं बताया गया है कि आयोग की सिफारिशों के प्रति भारत सरकार बाध्य होगी और आयोग द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर राज्यों द्वारा प्राप्त धन को लाभकारी मामलों में लगाने का उसे विधिक अधिकार होगा।
वित्त आयोग
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अध्यक्ष
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नियुक्ति वर्ष
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रिपोर्ट जमा करने का वर्ष
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रिपोर्ट के क्रियान्वयन का वर्ष
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प्रथम
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के.सी. नियोगी
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1951
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1952
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1952-57
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द्वितीय
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के. संथानम्
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1956
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1957
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1957-62
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तृतीय
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ए.के. चंदा
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1960
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1961
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1962-66
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चतुर्थ
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डॉ. पी.वी. राजमन्नार
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1964
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1965
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1966-69
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पंचम
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महावीर त्यागी
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1968
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1969
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1969-74
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छठवां
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ब्रह्मानंद रेड्डी
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1972
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1973
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1974-79
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सातवां
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जे.एम.सेलात
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1977
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1978
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1979-84
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आठवां
|
वाई. बी. चह्नाण
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1982
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1984
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1984-89
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नवां
|
एन.के.पी. साल्वे
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1987
|
1989
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1989-95
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दसवां
|
के.सी. पंत
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1992
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1994
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1995-2000
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ग्यारहवा
|
ए.एम. खुसरो
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1998
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2000
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2000-2005
|
बारहवां
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डॉ. सी. रंगराजन
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2002
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2004
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2005-2010
|
तेरहवां
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डॉ. विजय केलकर
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2007
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2009
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2010-2015
|
चौदहवां
|
वाई.वी. रेड्डी
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2013
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2014
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2015-2020
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पंद्रहवां
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एन.के. सिंह
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2017
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2019
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2020-2025
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सोलहवाँ
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अरविंद पनगढ़िया
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2023
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-
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प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।
- 18 जनवरी,2024 को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अरविंद पनगढ़िया की अध्यक्षता में 16वें वित्त आयोग की सहायता के लिए तीन पदों के सृजन को मंजूरी दी।
- भारत के संविधान में अनुच्छेद 280 के अंतर्गत अर्द्ध-न्यायिक निकाय के रूप में वित्त आयोग की व्यवस्था की गई है।
- वित्त आयोग की सिफारिशों की प्रकृति सलाहकारी होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) सभी तीनों
(d) कोई भी नहीं
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : वित्त आयोग की संरचना एवं आयोग के प्रमुख कार्यों उल्लेख कीजिए।
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स्रोत :the hindu