एक महत्वपूर्ण वित्तीय मीट्रिक है जो यह बताता है कि बैंक ने अपने कुल जमा राशि का कितना हिस्सा कर्ज देने के लिए उपयोग किया है।
यह अनुपात यह दर्शाता है कि बैंक के जमा का कितना प्रतिशत ऋण के रूप में दिया जा रहा है।
इसे निम्नलिखित सूत्र से कैलकुलेट किया जाता है:
उच्च CD अनुपात यह दर्शाता है कि बैंक अपनी जमा राशि का एक बड़ा हिस्सा कर्ज देने के लिए उपयोग कर रहा है, जो बैंक की आक्रामक (Aggressive) ऋण वितरण गतिविधि को दर्शाता है।
CD अनुपात का महत्व (Significance of CD Ratio)
आर्थिक प्रभाव (Economic Implications)
उच्च CD अनुपात यह सामान्यत: संकेत देता है कि बैंक अपने संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा ऋण देने में लगा रहा है, जो आर्थिक विकास (Economic Growth) में मदद कर सकता है।
इससे विभिन्न क्षेत्रों जैसे व्यापार, MSMEs (Micro, Small, and Medium Enterprises), और खुदरा ग्राहकों के लिए क्रेडिट उपलब्धता (Credit Availability) बढ़ती है, जिससे आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि होती है।
उच्च CD अनुपात से जुड़े जोखिम (Risks Associated with High CD Ratio)
एक अत्यधिक उच्च CD अनुपात जोखिमपूर्ण हो सकता है, क्योंकि यह दर्शाता है कि बैंक अपनी जमा राशि का एक बड़ा हिस्सा ऋण के रूप में दे रहा है।
यदि ऋण चुकाए नहीं जाते हैं, तो इससे गैर-निष्पादित संपत्तियां (NPAs - Non-Performing Assets) उत्पन्न हो सकती हैं, जो बैंक की स्थिरता (Stability) और सॉल्वेंसी (Solvency) को खतरे में डाल सकती हैं।
हाल की प्रवृत्तियाँ (Recent Trends in CD Ratio)
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट (Financial Stability Report) के अनुसार, दिसंबर 2023 में CD अनुपात 78.8% तक पहुँच गया, जो 2005 के बाद का सबसे उच्चतम स्तर था।
यह प्रवृत्ति यह दर्शाती है कि बैंक, विशेषकर निजी क्षेत्र के बैंक (Private Sector Banks), अपनी जमा राशि का एक बड़ा हिस्सा ऋण देने में लगा रहे हैं।75% से अधिक CD अनुपात वाले बैंक निजी क्षेत्र के बैंक हैं, जो यह दिखाता है कि निजी क्षेत्र के बैंक अपनी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के मुकाबले अधिक ऋण वितरण (Lending) में आक्रामक हैं।
High CD Ratio के मुख्य कारण (Key Reasons for a High CD Ratio)
उच्च ऋण वृद्धि (Higher Credit Growth)
खुदरा ऋण (Retail Credit) की मांग में वृद्धि और व्यवसायों और MSMEs (Micro, Small, and Medium Enterprises) को दिए जा रहे ऋणों में बढ़ोतरी के कारण कुल ऋण वृद्धि (Overall Credit Growth) हुई है।
यह आर्थिक विस्तार (Economic Expansion) के लिए सकारात्मक संकेत है, क्योंकि इससे निवेश (Investment) और उपभोग (Consumption) में वृद्धि होती है।
धीमी जमा वृद्धि (Slower Deposit Growth)
ग्राहक व्यवहार में एक परिवर्तन (Shift) आया है, जिसमें कई ग्राहक पारंपरिक संचय खातों (Savings Accounts) से निवेश-आधारित विकल्पों (Investment-driven Options) जैसे पूंजी बाजार (Capital Markets) में अपने फंड्स स्थानांतरित कर रहे हैं।
इस बदलाव के कारण जमा वृद्धि (Deposit Growth) में गिरावट आई है, जिससे बैंकों को बढ़ती ऋण मांग (Credit Demand) को पूरा करने के लिए अपनी मौजूदा जमा राशि का उच्च प्रतिशत ऋण (Lend) करना पड़ रहा है।
उच्च CD अनुपात का बैंकों पर प्रभाव (Impact of High CD Ratio on Banks)
नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) पर दबाव (Pressure on Net Interest Margins - NIM)
नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) वह अंतर है जो बैंक को ऋणों (Loans) पर मिलने वाली ब्याज दर और जमा (Deposits) पर चुकाई गई ब्याज दर के बीच होता है।
एक उच्च CD अनुपातNIM पर दबाव (Pressure on NIM) डाल सकता है यदि बैंक कम ब्याज दर (Low Interest Rates) पर ऋण दे रहा है लेकिन उच्च ब्याज दर पर जमा आकर्षित नहीं कर पा रहा है।
इससे बैंक की लाभप्रदता (Profitability) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
तरलता जोखिम (Liquidity Risk)
जब एक बैंक का CD अनुपात उच्च होता है, तो उसे तरलता जोखिम (Liquidity Risk) का सामना करना पड़ सकता है, जिसका मतलब है कि उसके पास ग्राहकों द्वारा निकासी (Withdrawals) या अन्य वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए पर्याप्त तरल संपत्तियां (Liquid Assets) नहीं हो सकतीं।
यह समस्या तब उत्पन्न हो सकती है जब बैंक के संसाधनों का एक बड़ा हिस्सा ऋणों (Loans) में फंसा हो, जिससे कुशलता से (Efficiently) संक्षिप्त अवधि की तरलता जरूरतों को प्रबंधित करना मुश्किल हो जाता है।
क्रेडिट जोखिम (Credit Risk)
उच्च CD अनुपात बैंक के लिए क्रेडिट जोखिम (Credit Risk) बढ़ा सकता है। यदि ऋणकर्ता (Borrowers) अपने ऋणों का भुगतान नहीं करते हैं, तो इससे गैर-निष्पादित संपत्तियां (NPAs - Non-Performing Assets) की संख्या बढ़ सकती है।
इससे बैंक की वित्तीय स्थिति (Financial Health) को नुकसान हो सकता है और उसकी सॉल्वेंसी (Solvency) प्रभावित हो सकती है, जिससे बैंक की स्थिरता (Bank’s Stability) पर विश्वास की कमी हो सकती है।