
- Critical Minerals ऐसे प्राकृतिक संसाधन (natural resources) होते हैं जो किसी देश या क्षेत्र की आर्थिक सुरक्षा (economic security), प्रौद्योगिकीय प्रगति (technological advancement) और पर्यावरणीय स्थिरता (environmental sustainability) के लिए अत्यंत आवश्यक होते हैं।
मुख्य विशेषताएँ (Key Points):-
- ये खनिज विभिन्न महत्वपूर्ण उद्योगों (critical industries) में उपयोग किए जाते हैं, विशेषकर:
- एडवांस टेक्नोलॉजीज (advanced technologies) जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स, बैटरियाँ, सोलर पैनल
- ऊर्जा संक्रमण (energy transition) जैसे नवीकरणीय ऊर्जा (renewable energy)
- रक्षा क्षेत्र (defence sector) जैसे मिसाइल, उपग्रह, लड़ाकू विमान
- इन खनिजों की सुरक्षित (secure) और निरंतर आपूर्ति (sustainable supply) को सुनिश्चित करना किसी भी राष्ट्र की राष्ट्रीय सुरक्षा (national security) और आर्थिक विकास (economic development) के लिए अनिवार्य है।
क्रिटिकल मिनरल्स क्यों महत्त्वपूर्ण हैं?
- Technological Advancements (प्रौद्योगिकीय प्रगति):
- Critical minerals कई उच्च तकनीकी उत्पादों (high-tech products) जैसे स्मार्टफोन, कंप्यूटर, और नवीकरणीय ऊर्जा तकनीकों (renewable energy technologies) — जैसे सोलर पैनल, पवन टरबाइन, और इलेक्ट्रिक वाहन की बैटरियों — में आवश्यक घटक होते हैं।
- उदाहरण: लिथियम (Lithium), कोबाल्ट (Cobalt), और रेयर अर्थ एलिमेंट्स (Rare Earth Elements) जैसे खनिज।
- Energy Transition (ऊर्जा संक्रमण):
- जैसे-जैसे दुनिया स्वच्छ ऊर्जा (clean energy) की ओर बढ़ रही है, ईवी बैटरी (EV batteries), सोलर पैनल और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के निर्माण में लिथियम, कोबाल्ट, निकेल आदि खनिजों की माँग बढ़ रही है।यह खनिज ऊर्जा के पारंपरिक स्रोतों (जैसे कोयला, पेट्रोलियम) से हटकर हरित ऊर्जा के उपयोग में परिवर्तन में सहायता करते हैं।
- National Security (राष्ट्रीय सुरक्षा):
- कई क्रिटिकल मिनरल्स रक्षा तकनीकों (defence technologies) जैसे रडार सिस्टम (radar systems), मिसाइल (missiles), और उपग्रह (satellites) में उपयोग किए जाते हैं।
- देशों को इन खनिजों की सतत आपूर्ति (steady supply) की आवश्यकता होती है ताकि सैन्य तैयारी (military readiness) और तकनीकी श्रेष्ठता (technological superiority) बनाए रखी जा सके।
- Economic Stability (आर्थिक स्थिरता):
- जिन देशों के पास क्रिटिकल मिनरल्स की पहुंच होती है, वे इन संसाधनों का उपयोग आर्थिक विकास (economic growth), रोजगार सृजन (job creation) और औद्योगिक विस्तार (industrial expansion) के लिए कर सकते हैं।
- जो देश आयात पर निर्भर (import-dependent) होते हैं, वे आपूर्ति श्रृंखला में रुकावट (supply chain disruption) के प्रति संवेदनशील रहते हैं।
क्रिटिकल मिनरल्स की प्रमुख विशेषताएँ
- आधुनिक तकनीकों के लिए अनिवार्य Essential for Modern Technologies
- Critical minerals (महत्त्वपूर्ण खनिज) आज के समय में स्मार्टफोन (smartphones), इलेक्ट्रिक वाहन (electric vehicles – EVs), सौर पैनल (solar panels), पवन टरबाइन (wind turbines) और रक्षा प्रणालियों (defence systems) जैसे उत्पादों के निर्माण में अत्यंत आवश्यक हैं।
- इन खनिजों के बिना आधुनिक तकनीकें संभव नहीं हैं।
- वैश्विक उत्पादन सीमित Limited Global Production
- इनमें से कई खनिज कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं (concentrated in specific regions)।
- इसलिए इनकी आपूर्ति प्राकृतिक आपदाओं (natural disasters), राजनीतिक अस्थिरता (political instability) या व्यापार प्रतिबंधों (trade restrictions) से बाधित हो सकती है।
- भूराजनैतिक कारकों के प्रति संवेदनशील Vulnerable to Geopolitical Factors
- जो देश इन खनिजों का उत्पादन नियंत्रित करते हैं, वे निर्यात प्रतिबंध (export bans), शुल्क (tariffs) या अन्य व्यापार नियम (trade restrictions) लगाकर वैश्विक आपूर्ति को प्रभावित कर सकते हैं।
- इससे वैश्विक बाजार और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता पर प्रभाव पड़ता है।
क्रिटिकल मिनरल्स के उदाहरण Examples of Critical Minerals:-
- Lithium (लिथियम): इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरियों (EV batteries) और ऊर्जा भंडारण प्रणालियों (energy storage systems) में मुख्य घटक।
- Cobalt (कोबाल्ट): लिथियम-आयन बैटरियों (Lithium-ion batteries) में प्रयुक्त, जो मोबाइल फोन और EVs में लगती हैं।
- Nickel (निकेल): बैटरियों, स्टेनलेस स्टील (stainless steel), और विभिन्न औद्योगिक उपयोगों (industrial applications) में।
- Copper (तांबा): बिजली की वायरिंग (electric wiring), इलेक्ट्रॉनिक्स और नवीकरणीय ऊर्जा तकनीकों (renewable energy technologies) में अनिवार्य।
- Rare Earth Elements – REEs (दुर्लभ पृथ्वी तत्व):उच्च प्रदर्शन मैग्नेट (high-performance magnets), पवन टरबाइन, स्मार्टफोन और रक्षा प्रणालियों में।
क्रिटिकल मिनरल्स की आपूर्ति सुनिश्चित करने में चुनौतियाँ
- आपूर्ति शृंखला में रुकावटें Supply Chain Disruptions
- भूराजनैतिक तनाव (Geopolitical tensions), व्यापार प्रतिबंध (trade barriers) और प्राकृतिक आपदाएँ (natural disasters) वैश्विक आपूर्ति शृंखला (global supply chain) को बाधित कर सकती हैं।
- उदाहरण: चीन की दुर्लभ पृथ्वी तत्वों (rare earth elements) पर निर्भरता तकनीक और रक्षा क्षेत्रों में जोखिम पैदा करती है।
- पर्यावरणीय प्रभाव Environmental Impact:-क्रिटिकल मिनरल्स का खनन (mining) पर्यावरण को गंभीर नुकसान (significant environmental damage) पहुँचा सकता है, जैसे:
- प्राकृतिक आवासों का विनाश (habitat destruction)
- जल प्रदूषण (water contamination)
- ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन (greenhouse gas emissions)
- संसाधनों की कमी Resource Scarcity
- जैसे-जैसे क्रिटिकल मिनरल्स की मांग बढ़ रही है, कुछ खनिजों की सीमित उपलब्धता (finite availability) चिंता का विषय बन रही है।
- दुर्लभ पृथ्वी तत्व (rare earth elements) जैसे खनिजों का अधिक दोहन (over-extraction) इन संसाधनों को समाप्त कर सकता है।
- विदेशी आपूर्तिकर्ताओं पर निर्भरता Dependence on Foreign Suppliers
- जिन देशों की आपूर्ति विदेशी स्रोतों (foreign sources) पर निर्भर है, वे:
- बाज़ार में उतार-चढ़ाव (market fluctuations)
- आपूर्ति रुकावटें (supply disruptions)
- राजनीतिक संघर्ष (geopolitical conflicts)
का सामना कर सकते हैं।
समाधान: स्रोतों में विविधता लाना (diversifying sources) और घरेलू खनन (domestic mining) को बढ़ावा देना।
- क्रिटिकल मिनरल्स का वैश्विक वितरण Global Distribution of Critical Minerals
- विश्व में क्रिटिकल मिनरल्स (Critical Minerals) की आपूर्ति कुछ ही क्षेत्रों में केंद्रित है। इससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार (international trade) और सहयोग (cooperation) अत्यंत आवश्यक हो जाता है।
- उदाहरण (Examples):
- चीन (China): दुनिया का सबसे बड़ा रेयर अर्थ एलिमेंट्स (Rare Earth Elements - REEs) का आपूर्तिकर्ता और प्रोसेसिंग केंद्र।
(Processing = संसाधनों को शुद्ध और उपयोगी बनाना)
- ऑस्ट्रेलिया (Australia): लिथियम (Lithium), निकेल (Nickel), और रेयर अर्थ एलिमेंट्स का प्रमुख स्रोत।
- डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC): कोबाल्ट (Cobalt) का सबसे बड़ा उत्पादक।
(Cobalt = इलेक्ट्रिक बैटरियों में प्रयोग होने वाला खनिज)
- चिली और अर्जेंटीना (Chile & Argentina): लिथियम के महत्वपूर्ण स्रोत।
- रूस और दक्षिण अफ्रीका (Russia & South Africa): प्लैटिनम ग्रुप मेटल्स (Platinum Group Metals - PGMs) और मैंगनीज़ (Manganese)में प्रमुख।
- भारत द्वारा चिन्हित 30 महत्वपूर्ण खनिज India’s List of Critical Minerals
- भारत सरकार ने 30 क्रिटिकल मिनरल्स की सूची बनाई है जो देश की आर्थिक प्रगति (economic growth), ऊर्जा संक्रमण (energy transition) और तकनीकी विकास (technological advancement) के लिए अनिवार्य हैं।
- ये खनिज निम्नलिखित क्षेत्रों में अत्यंत उपयोगी हैं:
- मैन्युफैक्चरिंग (Manufacturing)
- इलेक्ट्रॉनिक्स (Electronics)
- रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy)
- डिफेंस (Defence)
भारत की सूची में शामिल खनिज:
Mineral Name
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हिंदी में नाम
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प्रमुख उपयोग
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Antimony
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ऐन्टिमनी
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अग्निरोधक सामग्री (Flame Retardants)
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Beryllium
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बेरीलियम
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एयरोस्पेस, मिसाइल तकनीक
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Bismuth
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बिस्मथ
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दवाइयाँ, सौंदर्य प्रसाधन
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Cobalt
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कोबाल्ट
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EV बैटरियाँ
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Copper
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तांबा
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इलेक्ट्रिक वायरिंग
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Gallium
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गैलियम
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सोलर सेल, LED
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Germanium
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जर्मेनियम
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फाइबर ऑप्टिक्स, IR उपकरण
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Graphite
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ग्रेफाइट
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बैटरियों के एनोड, स्टील निर्माण
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Hafnium
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हैफनियम
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न्यूक्लियर रिएक्टर
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Indium
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इंडियम
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टच स्क्रीन, LCDs
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Lithium
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लिथियम
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EV और ऊर्जा भंडारण बैटरियाँ
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Molybdenum
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मोलिब्डेनम
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स्टील अलॉय
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Niobium
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नियोबियम
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सुपरकंडक्टर, स्टील
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Nickel
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निकेल
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स्टेनलेस स्टील, बैटरियाँ
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Platinum Group Elements (PGE)
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प्लेटिनम समूह तत्व
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उत्प्रेरक कनवर्टर्स, डिफेंस
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Phosphorus
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फॉस्फोरस
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उर्वरक, आग्नेयास्त्र
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Potash
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पोटाश
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उर्वरक उत्पादन
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Rare Earth Elements (REE)
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दुर्लभ पृथ्वी तत्व
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मैग्नेट, EV मोटर्स, रक्षा
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Rhenium
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रेनियम
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टर्बाइन, जेट इंजन
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Silicon
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सिलिकॉन
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चिप्स, सौर पैनल
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Strontium
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स्ट्रॉन्टियम
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इलेक्ट्रॉनिक्स, आतिशबाज़ी
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Tantalum
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टैंटलम
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मोबाइल, मेडिकल उपकरण
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Tellurium
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टेल्यूरियम
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सोलर पैनल
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Tin
|
टिन
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सोल्डरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स
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Titanium
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टाइटेनियम
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विमानों में, चिकित्सा
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Tungsten
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टंगस्टन
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हथियार, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
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Vanadium
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वैनाडियम
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ऊर्जा भंडारण, स्टील
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Zirconium
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जिरकोनियम
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परमाणु उद्योग
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Selenium
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सेलेनियम
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फोटोवोल्टिक सेल्स
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Cadmium
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कैडमियम
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बैटरियाँ, रंगद्रव्य (Pigments)
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