चर्चा में क्यों?
भारत-अमेरिका के बीच भारतीय पुरावशेषों की तस्करी को रोकने के लिए सांस्कृतिक संपदा करार (सीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।

प्रमुख बिंदु:
- यह करार निवारक प्रकृति का है, इसलिए इसमें कोई समय सीमा या संख्या निर्धारित नहीं की गई है।
- अब तक, संयुक्त राज्य अमेरिका से 588 पुरावशेष वापस लाए गए हैं, जिनमें से 297 वर्ष 2024 में प्राप्त हुए हैं।
- सीपीए में तकनीकी सहायता, अवैध व्यापार और सांस्कृतिक संपदा की लूट के मामलों में सहयोग और आपसी समझ को बढ़ावा देने का प्रावधान है।
- भारत आवश्यकता अनुसार यूनेस्को और इंटरपोल सहित विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं के साथ सहयोग करता है।
- यह समझौता 1.7 मिलियन वर्ष पूर्व से लेकर वर्ष 1947 तक की पुरातात्त्विक और नृवंशविज्ञान संबंधी सामग्रियों के अमेरिका में आयात पर प्रतिबंध लगाता है।
- अमेरिका, भारत को नामित सूची में शामिल किसी भी वस्तु या सामग्री को वापस करने की पेशकश करेगा, जो अमेरिकी सरकार द्वारा ज़ब्त की गई हो।
- यह समझौता G20 बैठकों के दौरान शुरू की गई साल भर की द्विपक्षीय चर्चाओं का परिणाम है, जिसमें सांस्कृतिक संपत्ति की सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया गया है।
प्रश्न. हाल ही में भारत ने सांस्कृतिक संपदा करार (CPA) किस देश के साथ किया है?
(a) यूनाइटेड किंगडम
(b) संयुक्त राज्य अमेरिका
(c) फ्रांस
(d) जर्मनी
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