(प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्नपत्र-1 : अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, आर्थिक और सामाजिक विकास)
चर्चा में क्यों
हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका के ट्रेजरी विभाग द्वारा जारी की गई मुद्रा निगरानी सूची से भारत को बाहर कर दिया गया है। इस सूची से इटली, मैक्सिको, वियतनाम और थाईलैंड को भी हटा दिया गया है।
क्या है मुद्रा निगरानी सूची
- यह सूची अमेरिका के 20 प्रमुख व्यापार भागीदारों की मुद्रा प्रथाओं और नीतियों की निगरानी करती है। इस सूची में उस देश को रखा जाता है, जो दूसरों पर अनुचित लाभ प्राप्त करने के लिये अपनी मुद्रा के मूल्य को कृत्रिम रूप से कम करते हैं। मुद्रा के कम मूल्य से उस देश के निर्यात लागत में कमी आती है।
- इस सूची में शामिल देश को ‘करेंसी मैनिपुलेटर’ माना जाता है जो व्यापार लाभ के लिये "अनुचित मुद्रा प्रथाओं" में संलग्न होते हैं।
- विदित है कि अमेरिकी ट्रेजरी विभाग द्वारा अर्द्धवार्षिक रिपोर्ट जारी की जाती है। इस सूची से हटने के लिये किसी देश को लगातार दो रिपोर्टों तक तीन में से केवल एक मानदंड पर खरा उतरना होता हैं।
- इस सूची में शामिल 7 देशों में चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, जर्मनी, मलेशिया, सिंगापुर एवं ताइवान शामिल है।
तीन निर्धारित मानदंड
- द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष : संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार अधिशेष (वस्तु एवं सेवा व्यापार), जो 12 महीनों में कम से कम 20 बिलियन डॉलर हो।
- चालू खाता अधिशेष : 12 महीने की अवधि में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के कम से कम 2% के बराबर एक महत्त्वपूर्ण चालू खाता अधिशेष का होना।
- निरंतर एकतरफा हस्तक्षेप : यह तब होता है, जब देश के जी.डी.पी. के कम से कम 2% की कुल विदेशी मुद्रा की शुद्ध खरीद 12 महीनों में से कम से कम 6 महीनों में बार-बार की जाती है।