पृष्ठभूमि
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, प्राकृतिक संसाधनों की कमी, ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते व्यापक प्रभाव को देखते हुए पिछले दो दशकों से विभिन्न हितधारक संयुक्त राष्ट्र के सतत् विकास लक्ष्यों (SDGs) और स्वच्छ व हरित प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर उनके कार्यान्वयन पर विचार कर रहे हैं।
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हरित प्रौद्योगिकी की अवधारणा
- हरित प्रौद्योगिकियाँ पृथ्वी को बचाने की दिशा में एक उभरता हुआ दृष्टिकोण हैं। यह उन उत्पादों, प्रणालियों एवं रूपरेखाओं का निर्माण व अनुप्रयोग है जिसका उद्देश्य मानवीय गतिविधियों के नकारात्मक परिणामों को कम करके प्राकृतिक पर्यावरण और उसके गुणों की रक्षा करना है।
- हरित ऊर्जा प्राकृतिक स्रोतों से प्राप्त होने वाली ऊर्जा है। इनमें सौर एवं पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा समाधान से लेकर उन्नत अपशिष्ट प्रबंधन समाधान और पर्यावरण अनुकूल सामग्री तक शामिल हैं।
हरित प्रौद्योगिकी के लक्ष्य
- आर्थिक विकास को बढ़ावा
- भावी पीढ़ी के लिए दीर्घकालिक स्थिरता सुनिश्चित करना
- प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव कम करना
- कार्बन उत्सर्जन को कम करना
- ऊर्जा दक्षता के साथ वस्तुओं का उत्पादन करना
- स्वास्थ्य एवं सुरक्षा मुद्दों का ध्यान रखना
- कार्बन फुटप्रिंट को कम करना
- चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना
- जल उपभोग को कम करना
हरित प्रौद्योगिकी: वर्तमान स्थिति
- ये प्रौद्योगिकियाँ जलवायु परिवर्तन एवं संसाधनों की कमी जैसी वैश्विक पर्यावरणीय चुनौतियों के समाधान में महत्त्वपूर्ण हैं जो पारंपरिक प्रथाओं से टिकाऊ विकल्पों की ओर एक महत्त्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक हैं।
- ये बदलाव हरित स्टार्टअप्स की बढ़ती संख्या और सतत् नवाचारों में निवेश बढ़ने से स्पष्ट है। इलेक्ट्रिक वाहनों और टिकाऊ सार्वजनिक परिवहन प्रणालियों सहित हरित परिवहन प्रौद्योगिकियाँ गति पकड़ रही हैं।
- इसके अलावा, अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकियाँ कचरा निपटान के तरीके में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं और इसे टिकाऊ संसाधनों या ऊर्जा में बदल रही हैं तथा पारंपरिक व गैर-नवीकरणीय सामग्रियों की जगह टिकाऊ सामग्री ले रही है।
हरित प्रौद्योगिकी के विविध क्षेत्र
- ऊर्जा क्षेत्र विद्युत उत्पादन एवं ऊर्जा संसाधन प्रबंधन में हरित प्रौद्योगिकी।
- इसमें विनिर्माण एवं वाणिज्यिक क्षेत्रों में सह-उत्पादन भी शामिल है।
- भवन निर्माण क्षेत्र घरों के डिजाइन, प्रबंधन, मरम्मत में हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग।
- जल एवं अपशिष्ट प्रबंधन क्षेत्र जलापूर्ति नियंत्रण एवं उपयोग, अपशिष्ट जल निपटान और ठोस अपशिष्ट लैंडफिल में हरित प्रौद्योगिकी का उपयोग।
- परिवहन क्षेत्र जैव ईंधन व सार्वजनिक परिवहन सहित परिवहन अवसंरचना एवं ऑटोमोबाइल में हरित प्रौद्योगिकी का समावेश।
हरित प्रौद्योगिकी के लाभ
- आर्थिक क्षेत्र में इससे बाजार संभावनाओं के साथ रोजगार के नए अवसर
- व्यावसायिक नवाचार में वृद्धि से कंपनियों को नए उत्पाद व सेवाएँ विकसित करने में मदद
- बढ़ती उपभोक्ता मांग को स्थिरता के साथ पूरा करना
- जलवायु परिवर्तन एवं पर्यावरणीय क्षरण का मुकाबला करने में सहायक
- कार्बन उत्सर्जन में कमी
- स्वच्छ हवा एवं पानी तक पहुँच प्रदान करके सामाजिक रूप से जीवन की गुणवत्ता में सुधार
- राष्ट्रीय स्तर पर वैश्विक स्थिरता प्राप्त करने का पथ प्रदर्शक
हरित प्रौद्योगिकी में नई संभावनाएँ
- हरित प्रौद्योगिकी क्षेत्र में अनेक नवाचार होंगे। अधिक कुशल एवं किफायती सौर पैनलों से सौर ऊर्जा से नवीकरणीय ऊर्जा व्यापक उपभोक्ताओं के लिए सुलभ हो गई है।
- इलेक्ट्रिक वाहन (ई.वी.) प्रौद्योगिकी में बैटरी जीवनकाल और चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर में सुधार के कारण ई.वी. लोकप्रिय होती जा रही है।
- अपशिष्ट प्रबंधन प्रौद्योगिकियाँ भी परिवर्तन के दौर से गुजर रही हैं। पुनर्चक्रण एवं अपशिष्ट से ऊर्जा प्रक्रियाओं में नवाचार संसाधनों के अधिक टिकाऊ प्रबंधन को सक्षम कर रहे हैं। इन प्रौद्योगिकियों में लैंडफिल अपशिष्ट एवं ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने की क्षमता है।
- इसके अलावा, ऊर्जा दक्षता एवं न्यूनतम पर्यावरणीय प्रभाव के लिए डिज़ाइन की गई टिकाऊ इमारतों के साथ हरित वास्तुकला में तेजी आ रही है। ये संरचनाएँ टिकाऊ सामग्रियों का उपयोग करती हैं और हरित छतों व ऊर्जा-कुशल प्रकाश व्यवस्था जैसी सुविधाओं को शामिल करती हैं।
हरित प्रौद्योगिकियों के सफल समावेशन की आवश्यकता
- वर्टिकल फार्मिंग, नो-टिल फार्मिंग, आहार की आदतों में बदलाव, मांस के बदले पौधों पर आधारित विकल्प और प्रिसिजन किण्वन आदि से ऐसे खाद्य पदार्थ बनाने में मदद मिल सकती है जो कार्बन पदचिह्न को कम कर सकते हैं और अधिक टिकाऊ खाद्य प्रणालियों में योगदान कर सकते हैं।
- विनिर्माण क्षेत्र में चुनौतियाँ नवीकरणीय स्रोतों को व्यापक रूप से अपनाने में बाधक हैं। उदाहरण के लिए, भारत सौर-आपूर्ति श्रृंखला के लिए आयातित सामग्रियों पर अत्यधिक निर्भर है, जिससे विदेशी मुद्रा दबाव बढ़ जाता है।
- अनुमानतः भारत में प्रत्येक मेगावॉट सौर पीवी बिजली संयंत्र की स्थापना के लिए परियोजना लागत का 50% से अधिक विदेशी मुद्रा के बहिर्वाह का कारण बनता है।
- घरेलू सौर मूल्य श्रृंखला विकसित करने से विनिर्माण क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ नौकरियों के सृजन में भी मदद मिल सकती है।
- बायोएनर्जी कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए आशाजनक समाधान प्रदान करती है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जो टिकाऊ एवं स्वच्छ प्रथाओं में परिवर्तन के लिए चुनौतीपूर्ण हैं। बायोएनर्जी में कृषि अपशिष्ट या ऊर्जा फसलों जैसे कार्बनिक पदार्थों से नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करना शामिल है।